प्रदेश में राज्य शैक्षिक अधिकरण का गठन जल्द : 15 अगस्त तक प्रस्ताव उपलब्ध कराने का निर्देश
लखनऊ।
शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मियों की समस्याओं का जल्द समाधान कराने के लिए
प्रदेश में राज्य शैक्षिक अधिकरण का गठन जल्द किया जाएगा। शिक्षा विभाग से
15 अगस्त तक इसके लिए प्रस्ताव उपलब्ध कराने का निर्देश दिया जाएगा। मुख्य
सचिव आलोक रंजन ने शुक्रवार को बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग के
अधिकारियों की बैठक में यह निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि विभागों में चल
रहे मुकदमों का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर कराया जाए।
मुख्य
सचिव ने कहा कि राज्य शैक्षिक अधिकरण के अधीन मंडल स्तर पर शिक्षा अधिकरण
का गठन किया जाए जिसमें कम से कम दो सदस्य जरूर नामित किए जाएं ताकि
समस्याओं का समाधान वहीं हो सके। मंडल स्तर पर समस्याओं का समाधान न होने
पर वादी या प्रतिवादी राज्य शैक्षिक अधिकरण में वाद दाखिल करने के लिए
स्वतंत्र होगा।
प्रमुख सचिव
माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार ने बताया कि राज्य शैक्षिक अधिकरण में केवल
उन्हीं विद्यालयों को शामिल किया जाएगा जो इंटरमीडिएट एजूकेशन एक्ट 1921
और बेसिक शिक्षा अधिनियम 1972 के अधीन मान्यता प्राप्त होंगे। शैक्षिक
न्यायाधिकरण के समक्ष शिकायतकर्ता के रूप में संबंधित विद्यालय के अध्यापक,
अन्य कर्मचारी और प्रबंधक या प्रबंधक होने के दावेदार ही मामला उठा
सकेंगे। इन प्रकरणों में कोई जनहित याचिका दाखिल नहीं हो सकेगी।
खबर साभार : अमर उजाला
शैक्षिक अधिकरण होगा गठित
खबर साभार : डीएनए
शैक्षिक अधिकरण होगा गठित
लखनऊ। प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने निर्देश दिए हैं
न्यायालयों में माध्यमिक एवं बेसिक शिक्षा विभाग के लंबित वादों का
प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण कराने के लिए राज्य शैक्षिक अधिकरण का गठन
का प्रस्ताव तत्काल प्रस्तुत भेजें। उन्होंने कहा कि सुविचारित प्रस्ताव
न्याय, वित्त एवं शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की संयुक्त समिति गठित
कर बैठक आयोजित कराई जाय। उन्होंने कहा कि यह प्रत्येक दशा में तय किया
जाए कि 15 अगस्त तक राज्य शिक्षा अधिकरण के गठन के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत
कर दिया जाय ताकि सक्षम स्तर से अनुमोदन प्राप्त कर निर्णय लिया जा सके।
प्रदेश में राज्य शैक्षिक अधिकरण का गठन जल्द : 15 अगस्त तक प्रस्ताव उपलब्ध कराने का निर्देश
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
7:43 AM
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