शिक्षकों के 20 हजार पद होंगे सृजित : शिक्षामित्रों के समायोजन की समस्या से निपटने को ढूंढ़ा तरीका, शासन को भेजा प्रस्ताव
दूर होगा संकट : शासन को भेजा प्रस्ताव
लखनऊ। दूरस्थ शिक्षा के जरिए बीटीसी प्रशिक्षण पूरा करने वाले दूसरे बैच के
शिक्षामित्रों के समायोजन में आड़े आ रही शिक्षकों के पदों की कमी से
निपटने के लिए शासन अब शिक्षकों के नए पद सृजित करने की कवायद में जुट गया
है। सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय ने प्राथमिक स्कूलों
में शिक्षकों के 19954 नए पदों को सृजित करने का प्रस्ताव शासन को भेज दिया
है।
सर्व शिक्षा अभियान के तहत केंद्र सरकार ने 2011-12 में उत्तर प्रदेश में 10366 प्राथमिक स्कूलों को मंजूरी दी थी। इनमें 9695 स्कूल बनकर तैयार हो चुके हैं जबकि 282 निर्माणाधीन हैं। इस हिसाब से बनाये जा चुके और बनाये जा रहे स्कूलों की कुल संख्या 9977 है। हर स्कूल में सहायक अध्यापक के दो पद सृजित करने का प्रावधान है। इस आधार पर एसएसए के राज्य परियोजना कार्यालय ने 9977 प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों के 19954 नये पद सृजित करने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। शिक्षामित्रों के दूसरे बैच के समायोजन में 47 जिलों में शिक्षकों के लगभग 12 हजार पद कम पड़ रहे हैं। इस कमी से निपटने के लिए शासन ने प्राथमिक स्कूलों के सहायक अध्यापकों की पदोन्नति का फैसला किया। पदोन्नति के लिए निर्धारित सेवा अवधि को पहले पांच से घटाकर चार और फिर तीन साल कर दिया। इस पर भी दाल नहीं गल रही है। लिहाजा अब शासन ने इसके लिए नया तरीका ढूंढ़ निकाला है।
सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय की ओर से शासन को प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के 19954 पद सृजित करने के लिए भेजे गए प्रस्ताव को मंजूरी दिलाने की कवायद शुरू हो गई है। गुरुवार को बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी की अध्यक्षता में हुई बैठक में भी शिक्षकों के नये पद सृजित करने के प्रस्ताव पर चर्चा हुई। बैठक में शिरकत करने वाले बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री योगेश प्रताप सिंह के मुताबिक दूसरे बैच के सभी शिक्षामित्रों का समायोजन किया जाएगा और इसमें आड़े आ रही पदों की कमी को दूर करने के लिए सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को शासन की मंजूरी दिलाकर प्राथमिक शिक्षकों के 19954 नये पद सृजित किए जाएंगे।
सर्व शिक्षा अभियान के तहत केंद्र सरकार ने 2011-12 में उत्तर प्रदेश में 10366 प्राथमिक स्कूलों को मंजूरी दी थी। इनमें 9695 स्कूल बनकर तैयार हो चुके हैं जबकि 282 निर्माणाधीन हैं। इस हिसाब से बनाये जा चुके और बनाये जा रहे स्कूलों की कुल संख्या 9977 है। हर स्कूल में सहायक अध्यापक के दो पद सृजित करने का प्रावधान है। इस आधार पर एसएसए के राज्य परियोजना कार्यालय ने 9977 प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों के 19954 नये पद सृजित करने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। शिक्षामित्रों के दूसरे बैच के समायोजन में 47 जिलों में शिक्षकों के लगभग 12 हजार पद कम पड़ रहे हैं। इस कमी से निपटने के लिए शासन ने प्राथमिक स्कूलों के सहायक अध्यापकों की पदोन्नति का फैसला किया। पदोन्नति के लिए निर्धारित सेवा अवधि को पहले पांच से घटाकर चार और फिर तीन साल कर दिया। इस पर भी दाल नहीं गल रही है। लिहाजा अब शासन ने इसके लिए नया तरीका ढूंढ़ निकाला है।
सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय की ओर से शासन को प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के 19954 पद सृजित करने के लिए भेजे गए प्रस्ताव को मंजूरी दिलाने की कवायद शुरू हो गई है। गुरुवार को बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी की अध्यक्षता में हुई बैठक में भी शिक्षकों के नये पद सृजित करने के प्रस्ताव पर चर्चा हुई। बैठक में शिरकत करने वाले बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री योगेश प्रताप सिंह के मुताबिक दूसरे बैच के सभी शिक्षामित्रों का समायोजन किया जाएगा और इसमें आड़े आ रही पदों की कमी को दूर करने के लिए सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को शासन की मंजूरी दिलाकर प्राथमिक शिक्षकों के 19954 नये पद सृजित किए जाएंगे।
खबर साभार : दैनिक जागरण
प्राइमरी शिक्षकों के नए पद
चार साल बाद तय होंगे
इससे पहले 2011 में सृजित हुए थे पद, इस समय 3,89,269 पद
लखनऊ।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूलों में चार साल बाद एक बार फिर सहायक
अध्यापक के पदों का नए सिरे से सृजन करने की तैयारी है। सहायक अध्यापकों
के पदों का सृजन छात्र संख्या को आधार मानते हुए किया जाएगा। मसलन शिक्षा
का अधिकार अधिनियम में दी गई व्यवस्था के आधार पर 30 बच्चों पर एक शिक्षक
का प्रावधान किया जाएगा। बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी के निर्देश
के बाद विभाग ने इस दिशा में कवायद शुरू कर दी है।
शिक्षा
का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद प्रदेश में 2011 में सहायक अध्यापक के
3,89,269 पद सृजित किए गए थे। प्रदेश में उस समय प्राइमरी स्कूलों की
संख्या कम थी। मौजूदा समय प्रदेश में 1,12,754 प्राइमरी स्कूल हैं। बेसिक
शिक्षा मंत्री ने विभागीय अधिकारियों की बैठक में निर्देश दिया कि प्राइमरी
स्कूलों में शिक्षकों के पदों के सृजन की प्रक्रिया जल्द शुरू कर दी जाए।
इसके लिए जिलेवार बेसिक शिक्षा अधिकारियों से स्कूलों और छात्र संख्या को
मांगा जाएगा।
- तत्काल चाहिए 23 हजार शिक्षकों के पद
प्राइमरी
स्कूल में शिक्षक के कुल 3,89,269 पद हैं। इनमें से पूर्व से 1,69,591
पदों पर शिक्षक कार्यरत थे और 2,19,678 पद खाली थे। 2014 से इन रिक्त पदों
के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई। इसमें बीटीसी से 5,030 शिक्षक पहले रखे
गए। इसके बाद पहले चरण में 58,826 शिक्षा मित्र समायोजित हुए। मौजूदा समय
72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती व दूसरे चरण के 91,104 शिक्षा मित्रों
के समायोजन की प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त
करने वालों से 15,000 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन लिए जा चुके हैं। इस
हिसाब से देखा जाए तो कुल 2,42,785 शिक्षक पदों की जरूरत है, लेकिन विभाग
के पास खाली थे मात्र 2,19,678 पद। इस हिसाब से 23,107 पद की तत्काल जरूरत
है।
खबर साभार : अमर उजाला
शिक्षकों के 20 हजार पद होंगे सृजित : शिक्षामित्रों के समायोजन की समस्या से निपटने को ढूंढ़ा तरीका, शासन को भेजा प्रस्ताव
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
8:20 AM
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