जिले के अंदर तबादले 15 अक्टूबर तक, बेसिक शिक्षा विभाग ने जारी की स्थानांतरण नीति, अध्यापकों को देना होगा तीन स्कूलों का विकल्प



  • जिले के अंदर तबादले 15 अक्टूबर तक
  • बेसिक शिक्षा विभाग ने जारी की स्थानांतरण नीति
  • अध्यापकों को देना होगा तीन स्कूलों का विकल्प
बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित स्कूलों के शिक्षकों के तबादले जिले के अंदर एक से दूसरे स्कूलों में करने के लिए शासन ने सोमवार को स्थानांतरण/समायोजन नीति जारी कर दी है। शासन ने जिले के अंदर शिक्षकों के तबादले की कार्यवाही 15 अक्टूबर तक पूरी करने का निर्देश दिया है। 

तबादले के लिए आवेदन 10 तक :
जिले के अंदर तबादला चाहने वाले शिक्षकों के लिए आवेदन की अंतिम तारीख 10 सितंबर होगी। शासन की ओर से स्थानांतरण नीति जारी करने के क्रम में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा ने इस बारे में सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया है। साथ ही आवेदन पत्र का प्रारूप भी भेजा गया है। सिन्हा के मुताबिक जिले में निर्धारित मानक के अनुसार अध्यापकों के पदों की विद्यालयवार रिक्तियों की तथा शासनादेश के अनुसार अन्य सूचनाएं जिले की एनआइसी की वेबसाइट पर पांच सितंबर तक लोड हो जाएंगी।


स्थानांतरण नीति के अनुसार शिक्षकों की जिलेवार उपलब्ध ज्येष्ठता सूची से परिषदीय विद्यालयों में 30 जून 2015 तक कार्यभार ग्रहण कर चुके इच्छुक अध्यापकों से जिले के अंदर स्थानांतरण के लिए आवेदन पत्र प्राप्त किए जाएंगे। आवेदन पत्र में शिक्षकों को वरीयता क्रम में इच्छित विकासखंड में अधिकतम तीन विद्यालयों का विकल्प भर कर खंड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से निर्धारित तारीख तक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) कार्यालय को उपलब्ध कराना जरूरी होगा। यह तारीख बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव तय करेंगे। आवेदन पत्र का प्रारूप भी सचिव तय करके उपलब्ध कराएंगे। बिना स्थानांतरण आवेदन पत्र के किसी भी शिक्षक का तबादला नहीं किया जाएगा। जिले में स्थानांतरण/समायोजन संबंधी सभी कार्यवाही मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) की अध्यक्षता में गठित चार सदस्यीय समिति करेगी। समिति की सिफारिश के बाद ही बीएसए तय तारीख को स्थानांतरण आदेश जारी करेंगे।


इससे पहले बीएसए आवेदन पत्रों को ज्येष्ठता क्रम में सूचीबद्ध करेंगे। तबादले के लिए दो स्कूलों के शिक्षकों के बीच पारस्परिक स्थानांतरण हो सकेगा। एक ही स्कूल के लिए एक से अधिक आवेदन होने पर पहले विकलांग, फिर विधवा और उसके बाद गंभीर बीमारी से ग्रस्त शिक्षकों को वरीयता दी जाएगी। जिन स्कूलों में इन तीनों श्रेणियों में से किसी एक के भी आवेदक न हों, वहां पर तबादले के लिए ज्येष्ठता का आधार रखा जाएगा।

यदि किसी विद्यालय में दो अध्यापक हैं और दोनों ही तबादला चाहते हैं और उनके स्थान पर किसी दूसरे स्कूल से कोई आवेदक है तो ऐसे प्रस्ताव पर भी विचार किया जाएगा। गंभीर बीमारी या विकलांगता का आधार चीफ मेडिकल आफीसर द्वारा दिया गया प्रमाणपत्र होगा, जिसका सत्यापन भी कराया जाएगा। स्कूलों में शिक्षा का अधिकार अधिनियम में निर्धारित शिक्षक-छात्र अनुपात के सापेक्ष उपलब्ध रिक्तियों पर स्थानांतरण के लिए इच्छुक शिक्षकों के तबादले ज्येष्ठता क्रम के अनुसार किये जाएंगे। ज्येष्ठता का निर्धारण बेसिक शिक्षा (अध्यापक) नियमावली 1981 (यथा संशोधित) में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार किया जाएगा। बीएसए यह भी सुनिश्चित करेंगे कि स्थानांतरण के कारण कोई विद्यालय बंद न हो। न ही वहां सिर्फ एक शिक्षक तैनात रह जाए। शिक्षकों की तैनाती में शिक्षा का अधिकार अधिनियम में निर्धारित शिक्षक-छात्र अनुपात का अनुपालन करने का भी निर्देश दिया गया है।

खबर साभार :   दैनिक जागरण 
  • परिषदीय शिक्षक मनचाहे स्कूलों में पाएंगे तबादला
  • मनपसंद तीन स्कूलों का दे सकेंगे विकल्प, 
  • समझौते पर भी पा सकेंगे मनचाही तैनाती

लखनऊ। परिषदीय स्कूलों के शिक्षक मनचाहे स्कूलों में तबादला करा सकेंगे। बस उन्हें मनपसंद के विकास खंड के तीन स्कूलों का विकल्प देना होगा। एक ही स्कूल के लिए कई आवेदन पर निशक्त, विधवा और गंभीर रूप से पीड़ितों को प्राथमिकता दी जाएगी। जहां तीनों में कोई शिक्षक नहीं होगा, वहां वरिष्ठता को आधार माना जाएगा। इसका निर्धारण उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक नियमावली 1981 के आधार पर किया जाएगा। तबादले की प्रक्रिया सितंबर तक पूरी करनी होगी। अधिकतम समय सीमा 15 अक्तूबर रखी गई है। सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता ने सोमवार को जिले के अंदर परिषदीय शिक्षकों के तबादले की नीति 2015-16 जारी कर दी।
राज्य सरकार ने जिले के अंदर शिक्षकों को तबादला के लिए पहली बार आवेदन लेने की व्यवस्था लागू की है। आवेदन न करने वाले शिक्षकों को स्थानांतरित नहीं किया जाएगा और न ही किसी शिक्षक को संबद्ध किया जाएगा। तबादला नीति के मुताबिक किसी स्कूल में दो शिक्षक हैं, दोनों ही तबादला चाहते हैं और उनके स्थान पर दूसरे स्कूल से शिक्षक आना चाहता है तो ऐसे आवेदन पर भी विचार किया जाएगा। गंभीर बीमारी या निशक्त होने के आधार पर तबादला चाहने वालों के प्रमाण पत्रों की जांच सीएमओ से कराई जाएगी।

शिक्षा का अधिकार अधिनियम में निर्धारित छात्र संख्या के आधार पर तबादला किया जाएगा। तय छात्र संख्या से अधिक शिक्षक तैनात नहीं किए जाएंगे और न ही स्कूलों को बंद व एकल किया जाएगा। प्रत्येक उच्च प्राथमिक स्कूल में एक विज्ञान शिक्षक को तैनात किया जाएगा। जहां उर्दू पढ़ने वाले बच्चे होंगे, वहां उर्दू शिक्षक अनिवार्य रूप से स्थानांतरित किया जाएगा।
  • तय प्रारूप पर करना होगा आवेदन
शिक्षकों को जिले के अंदर तबादले के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से बीएसए को निर्धारित प्रारूप पर आवेदन करना होगा। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद इसका प्रारूप जारी करेंगे। तबादले के लिए 30 जून 2015 तक कार्यभार ग्रहण करने वाले शिक्षक पात्र होंगे। मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (एडी बेसिक) की अध्यक्षता में प्रत्येक मंडल में स्थानांतरण के लिए समिति बनाई जाएगी। इसका सदस्य सचिव संबंधित जिले का बीएसए होगा। इसमें बीएसए से नामित व डायट प्राचार्य से नामित एक अधिकारी सदस्य होगा।
  • तबादले के लिए आवेदन 10 सितंबर तक
शासनादेश जारी होने के बाद सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा ने आवेदन लेने संबंधी कार्यक्रम जारी कर दिया है। इसके मुताबिक 5 सितंबर को स्कूलों में रिक्त पदों की सूची जिलेवार नेशनल इनफार्मेटिक सेंटर (एनआईसी) की वेबसाइट पर डाल दी जाएगी। शिक्षक 10 सितंबर तक तीन-तीन स्कूलों के विकल्प के साथ खंड शिक्षाधिकारी आवेदन देंगे और वह 12 सितंबर को सूची बीएसए को भेज देगा। मंडल स्तर पर गठित समिति 19 सितंबर को स्थानांतरण सूची जारी कर देगी। 

खबर साभार :   अमर उजाला


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जिले के अंदर तबादले 15 अक्टूबर तक, बेसिक शिक्षा विभाग ने जारी की स्थानांतरण नीति, अध्यापकों को देना होगा तीन स्कूलों का विकल्प Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 6:26 AM Rating: 5

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