बढ़ा शिक्षामित्रों का आक्रोश : पढ़ाई का बहिष्कार कर सड़क पर उतरे शिक्षामित्र, समायोजन में उप्र के साथ भेदभाव का आरोप, कई जगह बंद रहे स्कूल
- पढ़ाई का बहिष्कार कर सड़क पर उतरे शिक्षामित्र
- प्राथमिक स्कूलों में शिक्षामित्रों ने पढ़ाई का बहिष्कार किया,
- कई जगह बंद रहे स्कूल, पल्स पोलियो अभियान पर भी असर
- सड़क पर शिक्षामित्रों ने मांगी भीख, आज से काली पट्टी बांधकर करवाएंगे पढ़ाई
- शिक्षामित्रों को स्मृति ने दिया मदद का भरोसा
- शिक्षामित्र समायोजन में उप्र के साथ भेदभाव का आरोप
राजधानी के प्राथमिक स्कूलों में सोमवार को
शिक्षामित्रों ने पढ़ाई का बहिष्कार किया। कई स्कूलों में शिक्षामित्रों के
बहिष्कार के कारण ताले नहीं खुल पाए। वहीं जिन स्कूलों को खोला भी गया
वहां पर पढ़ाई पूरी तरह प्रभावित रही। राजधानी में 2324 शिक्षामित्रों ने
एकजुट होकर सहायक अध्यापक पद पर हुए समायोजन के रद होने का विरोध किया।
उन्होंने सड़क पर उतरकर भीख मांगी और समायोजन रद होने के सदमे में
आत्महत्या करने वाले शिक्षामित्रों को श्रद्धांजलि दी। मंगलवार से
शिक्षामित्र स्कूलों में विरोधस्वरूप काली पट्टी बांधकर पढ़ाई करवाएंगे।
वहीं जिन शिक्षामित्रों की पल्स पोलियो अभियान में ड्यूटी लगी थी वह वहां
भी नहीं गए।
उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के आवाहन पर सोमवार को प्रदेश
भर में हुई शिक्षामित्रों की हड़ताल का राजधानी में भी व्यापक असर देखने को
मिला। प्राथमिक विद्यालय त्रिवेणीनगर में शिक्षामित्रों की हड़ताल के कारण
तालाबंदी रही। यहां पर विद्यार्थी आए और ताला देखकर वापस लौट गए। मलिहाबाद
के प्राथमिक विद्यालय भतोइया व प्राथमिक विद्यालय जिन्दौर सहित कई स्कूलों
में तालाबंदी रही और पढ़ाई नहीं हुई। वहीं मोहनलालगंज ब्लॉक के प्राथमिक
स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षामित्रों ने कार्य बहिष्कार कर भीख मांगकर
विरोध जताया। मोहनलालगंज में सड़कों पर उतरकर सभी शिक्षामित्रों ने भीख
मांगी।
सहायक अध्यापक पद पर समायोजन रद होने के बाद शिक्षामित्रों का उबाल बढ़ता
जा रहा है। सोमवार को प्रदेशभर में शिक्षा कार्य का बहिष्कार कर
शिक्षामित्र सड़कों पर हुंकार भरते रहे। जगह-जगह प्रदर्शन हुए। राजमार्ग
जाम करने के साथ ही रेल सेवा प्रभावित की गई। इस बीच कुछ और शिक्षामित्रों
की मौत हो गई जबकि कुछ ने आत्महत्या का प्रयास किया। वहीं, हजारों की
संख्या में शिक्षामित्रों ने राष्ट्रपति और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपकर
इच्छामृत्यु मांगी है।
बागपत के जिवाना गुलियान गांव निवासी शिक्षामित्र मीनाक्षी (35) की सदमे से मौत हो गई। फैजाबाद में सोहावल के इस्माइल नगर दोस्तपुर निवासी शिक्षामित्र रामविशाल पांडेय की मां मंगला देवी (65) की बेटे की नौकरी जाने के गम में मौत हो गई। दरअसल, तीन पुत्रों में रामविशाल ही एक मात्र नौकरी पेशा थे। मैनपुरी में प्रदर्शन के वक्त एक शिक्षामित्र ने अंगोछे का फंदा बनाकर जान देने का प्रयास किया। बदायूं में भी एक शिक्षामित्र ने फांसी लगाने की कोशिश की। कौशांबी में शिक्षामित्र ने बीवी और दो बेटियों के साथ सल्फास खाने का प्रयास किया, पर पड़ोसियों ने रोक लिया।
बांदा में सहायक अध्यापक कामता प्रसाद (45) ने सल्फास खा लिया, उनका इलाज चल रहा है। स्कूलों में पड़े रहे ताले : प्रदेशभर में कई परिषदीय स्कूलों में ताले पड़े रहे। शिक्षामित्रों ने जबरन स्कूल बंद करावा दिए गए। इलाहाबाद, प्रतापगढ़ तथा कौशांबी, मुरादाबाद, कानपुर, आगरा, एटा, हरदोई, लखनऊ, सुलतानपुर, बरेली,बस्ती, श्रवस्ती, बनारस, गोरखपुर, देवरिया समेत सभी जिलों में सड़कों पर उतरे शिक्षामित्रों ने जमकर प्रदर्शन किया। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के खिलाफ नारेबाजी करके शिक्षा मित्रों के साथ सौतेले व्यवहार का आरोप लगाया। शामली में शिक्षामित्रंे ने निर्णय किया कि वे बांह में काली पट्टी बांधकर स्कूलों में पढ़ाएंगे। फरुखाबाद, उन्नाव, उरई, औरैया, इटावा, फतेहपुर, बांदा, महोबा, चित्रकूट और हमीरपुर में भी शिक्षामित्रों में उबाल दिखा।
कइयों को दिल का दौरा, कई बेहोश : फैजाबाद में समाज कल्याण मंत्री अवधेश प्रसाद को ज्ञापन देने गई आरती यादव बेहोश हो गई। शिक्षामित्र अर्चना पांडेय धरने के दौरान सीने में दर्द उठने से बेहोश हो गई। अलीगढ़ में भी दो जबकि फीरोजाबाद व पीलीभीत में एक शिक्षामित्र को दिल का दौरा पड़ गया। इन सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया। सदमे के कारण शाहजहांपुर में छह शिक्षामित्रों की तबीयत बिगड़ गई। मैनपुरी, आगरा, मथुरा, एटा, कानपुर और हरदोई में भी प्रदर्शन के दौरान कई बेहोश हो गए
बागपत के जिवाना गुलियान गांव निवासी शिक्षामित्र मीनाक्षी (35) की सदमे से मौत हो गई। फैजाबाद में सोहावल के इस्माइल नगर दोस्तपुर निवासी शिक्षामित्र रामविशाल पांडेय की मां मंगला देवी (65) की बेटे की नौकरी जाने के गम में मौत हो गई। दरअसल, तीन पुत्रों में रामविशाल ही एक मात्र नौकरी पेशा थे। मैनपुरी में प्रदर्शन के वक्त एक शिक्षामित्र ने अंगोछे का फंदा बनाकर जान देने का प्रयास किया। बदायूं में भी एक शिक्षामित्र ने फांसी लगाने की कोशिश की। कौशांबी में शिक्षामित्र ने बीवी और दो बेटियों के साथ सल्फास खाने का प्रयास किया, पर पड़ोसियों ने रोक लिया।
बांदा में सहायक अध्यापक कामता प्रसाद (45) ने सल्फास खा लिया, उनका इलाज चल रहा है। स्कूलों में पड़े रहे ताले : प्रदेशभर में कई परिषदीय स्कूलों में ताले पड़े रहे। शिक्षामित्रों ने जबरन स्कूल बंद करावा दिए गए। इलाहाबाद, प्रतापगढ़ तथा कौशांबी, मुरादाबाद, कानपुर, आगरा, एटा, हरदोई, लखनऊ, सुलतानपुर, बरेली,बस्ती, श्रवस्ती, बनारस, गोरखपुर, देवरिया समेत सभी जिलों में सड़कों पर उतरे शिक्षामित्रों ने जमकर प्रदर्शन किया। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के खिलाफ नारेबाजी करके शिक्षा मित्रों के साथ सौतेले व्यवहार का आरोप लगाया। शामली में शिक्षामित्रंे ने निर्णय किया कि वे बांह में काली पट्टी बांधकर स्कूलों में पढ़ाएंगे। फरुखाबाद, उन्नाव, उरई, औरैया, इटावा, फतेहपुर, बांदा, महोबा, चित्रकूट और हमीरपुर में भी शिक्षामित्रों में उबाल दिखा।
कइयों को दिल का दौरा, कई बेहोश : फैजाबाद में समाज कल्याण मंत्री अवधेश प्रसाद को ज्ञापन देने गई आरती यादव बेहोश हो गई। शिक्षामित्र अर्चना पांडेय धरने के दौरान सीने में दर्द उठने से बेहोश हो गई। अलीगढ़ में भी दो जबकि फीरोजाबाद व पीलीभीत में एक शिक्षामित्र को दिल का दौरा पड़ गया। इन सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया। सदमे के कारण शाहजहांपुर में छह शिक्षामित्रों की तबीयत बिगड़ गई। मैनपुरी, आगरा, मथुरा, एटा, कानपुर और हरदोई में भी प्रदर्शन के दौरान कई बेहोश हो गए
शिक्षामित्र संघ के ब्लॉक अध्यक्ष प्रदीप सिंह ने राष्ट्रीय अध्यापक
शिक्षा परिषद (एनसीटीई) पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने
कहा कि उत्तराखंड और महाराष्ट्र में भी शिक्षामित्र समायोजित हुए हैं मगर
यूपी में एनसीटीई ने हमारे समायोजन को रद कर दोहरा मापदंड अपनाया है। वहीं
बख्शी का तालाब ब्लाक में शिक्षामित्रों की हड़ताल का असर दिखा। यहां पर
प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाई पटरी से उतर गई। इटौंजा में स्थित ब्लॉक संसाधन
केन्द्र (बीआरसी) पर शिक्षामित्रों ने बैठक की और समायोजन रद होने का
विरोध किया। यहां पर प्राथमिक विद्यालय इटौंजा, प्राथमिक विद्यालय सरैया,
प्राथमिक विद्यालय बढ़ौली सहित लगभग सभी स्कूलों में शिक्षामित्रों ने
कार्यबहिष्कार किया। शिक्षामित्र संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील भदौरिया ने
कहा कि हम सभी को धैर्य के साथ अपना आंदोलन चलाना होगा आगे सर्वोच्च
न्यायालय में हमें जीत मिलेगी।
चिनहट ब्लॉक में भी शिक्षामित्र स्कूल नहीं आए उन्होंने पूरी तरह कार्य बहिष्कार किया। यहां पर प्राथमिक विद्यालय सरायं शेख, प्राथमिक विद्यालय कमता, प्राथमिक विद्यालय जुग्गौर व प्राथमिक विद्यालय इस्माइलगंज सहित सभी स्कूलों में शिक्षामित्रों ने कार्य का बहिष्कार किया। इस ब्लॉक के कई शिक्षामित्रों की ड्यूटी पल्स पोलियो अभियान में भी मिलेगी हुई थी, लेकिन वह वहां भी नहीं गए। वहीं हजरतगंज स्थित जीपीओ पार्क में गांधी प्रतिमा के पास नगर क्षेत्र के शिक्षामित्रों ने सदमे में आत्महत्या करने वाले शिक्षामित्रों को श्रद्धांजलि दी और अपना आंदोलन तेज करने की हुंकार भरी। अब मंगलवार से शिक्षामित्र स्कूलों में काली पट्टी बांधकर पढ़ाई करवाएंगे।
चिनहट ब्लॉक में भी शिक्षामित्र स्कूल नहीं आए उन्होंने पूरी तरह कार्य बहिष्कार किया। यहां पर प्राथमिक विद्यालय सरायं शेख, प्राथमिक विद्यालय कमता, प्राथमिक विद्यालय जुग्गौर व प्राथमिक विद्यालय इस्माइलगंज सहित सभी स्कूलों में शिक्षामित्रों ने कार्य का बहिष्कार किया। इस ब्लॉक के कई शिक्षामित्रों की ड्यूटी पल्स पोलियो अभियान में भी मिलेगी हुई थी, लेकिन वह वहां भी नहीं गए। वहीं हजरतगंज स्थित जीपीओ पार्क में गांधी प्रतिमा के पास नगर क्षेत्र के शिक्षामित्रों ने सदमे में आत्महत्या करने वाले शिक्षामित्रों को श्रद्धांजलि दी और अपना आंदोलन तेज करने की हुंकार भरी। अब मंगलवार से शिक्षामित्र स्कूलों में काली पट्टी बांधकर पढ़ाई करवाएंगे।
- नगराम में शिक्षामित्रों ने करवाई पढ़ाई
राजधानी में जहां पर एक ओर अधिकांश प्राथमिक स्कूलों में
शिक्षामित्रों ने कार्यबहिष्कार किया वहीं नगराम क्षेत्र में शिक्षामित्र
ड्यूटी पर आए। प्राथमिक विद्यालय हरदोईया में शिक्षामित्र पूनम वर्मा,
प्राथमिक विद्यालय दलपतखेड़ा में शिक्षामित्र अशोक यादव भी काम करते नजर
आए। वहीं प्राथमिक विद्यालय अचलीखेड़ा, प्राथमिक विद्यालय गुलालखेड़ा,
प्राथमिक विद्यालय व प्राथमिक विद्यालय समेसी सहित कई विद्यालयों में
शिक्षामित्रों ने ड्यूटी की।
- शिक्षा मित्रों की गतिविधियों पर पैनी नजर
हाई कोर्ट के फैसले के बाद शिक्षा मित्रों के
उबाल को देखते हुए शासन ने उनकी गतिविधियों पर पैनी नजर रखने की हिदायत दी
है। प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पंडा ने सभी एसपी-एसएसपी को निर्देश दिया है
कि वह सतर्कता बरतें और आंदोलन-प्रदर्शन पर नजर रखें। किसी भी हाल में
कानून-व्यवस्था प्रभावित नहीं होनी चाहिये। पुलिस महानिरीक्षक
कानून-व्यवस्था ए. सतीश गणोश ने पत्रकारों को बताया कि गृह विभाग और पुलिस
विभाग की ओर से प्रदेश भर में नजर रखी जा रही है।
मंगलवार को शिक्षामित्र प्राथमिक स्कूलों में काली पट्टी बांधकर पढ़ाई करवाएंगे। हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट में हमारी जीत होगी। शिक्षामित्र धैर्य बनाए रखें और कोई गलत कदम न उठाएं। -सुशील कुमार यादव, जिला अध्यक्ष, उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ
मुरादाबाद में 2400, रामपुर में 2100 और अमरोहा में 2000 शिक्षामित्रों ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर इच्छामृत्यु मांगी आगरा में 2997 फीरोजाबाद 1662, मैनपुरी में 2160, मथुरा 1655, एटा में 1648, बागपत में 200 और सोनभद्र में 2600 शिक्षामित्रों ने भी इच्छामृत्यु की मांग की। ऐसे ही मांग बाराबंकी, अंबेडकरनगर, सीतापुर, बहराइच और मऊ में की गई।
मंगलवार को शिक्षामित्र प्राथमिक स्कूलों में काली पट्टी बांधकर पढ़ाई करवाएंगे। हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट में हमारी जीत होगी। शिक्षामित्र धैर्य बनाए रखें और कोई गलत कदम न उठाएं। -सुशील कुमार यादव, जिला अध्यक्ष, उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ
मुरादाबाद में 2400, रामपुर में 2100 और अमरोहा में 2000 शिक्षामित्रों ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर इच्छामृत्यु मांगी आगरा में 2997 फीरोजाबाद 1662, मैनपुरी में 2160, मथुरा 1655, एटा में 1648, बागपत में 200 और सोनभद्र में 2600 शिक्षामित्रों ने भी इच्छामृत्यु की मांग की। ऐसे ही मांग बाराबंकी, अंबेडकरनगर, सीतापुर, बहराइच और मऊ में की गई।
- न मिले तो पीएम तो सामने करेंगे आत्मदाह :
वाराणसी में शिक्षा मित्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से
मिलने पर अड़ गए हैं। सोमवार को प्रधानमंत्री के संसदीय दफ्तर पर उन्होंने
जोरदार प्रदर्शन कर अपनी मांगों के समर्थन में एक ज्ञापन सौंपा। इसमें कहा
गया है कि 18 सितंबर को सूबे भर के शिक्षा मित्र काशी में होंगे।
प्रधानमंत्री उनसे नहीं मिले तो वे सभा में ही उनके सामने आत्मदाह करेंगे।
- राजमार्ग जाम, रेल सेवा भी रोकी :
कन्नौज में शिक्षामित्रों ने रेलवे
ट्रैक को जाम कर नारेबाजी शुरू कर दी। करीब दो घंटे मान मनौव्वल के बाद
आक्रोशित शिक्षामित्र रेलवे ट्रैक से हटे। इस दौरान कई ट्रेनें प्रभावित
हुई। वहीं कानपुर के गोविंदपुरी स्टेशन पर रेलवे ट्रैक जाम कर आगरा-कानपुर
पैसेंजर और टाटा जम्मूतवी एक्सप्रेस को 20 मिनट रोका गया। इटावा-औरैया
हाइवे पर शिक्षामित्रों ने दो घंटे तक जाम लगाए रखा। प्रतापगढ़ के लालगंज
में प्रतापगढ़-रायबरेली मार्ग जाम किया गया। लखीमपुर, सुलतानपुर और
श्रवस्ती में भी मार्ग पर आवागमन ठप रखा गया।
नई शिक्षा नीति पर बैठक करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी सोमवार को जब डॉ.राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय पहुंचीं तो राज्य सरकार की ओर से दी गई पक्की नौकरी को लेकर कानूनी लड़ाई हारने वाले शिक्षामित्र उनसे फरियाद के लिए गेट पर खड़े थे। मंत्री का काफिला तो विश्वविद्यालय के अंदर चला गया लेकिन द्वारपालों ने शिक्षामित्रों को बाहर ही रोक दिया। धीरे-धीरे शिक्षामित्रों की संख्या बढ़ती गई। बैठक का एक चरण निपटाने के बाद स्मृति ईरानी जब दोपहर के भोजन के लिए जाने लगीं तो बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने उनसे शिक्षामित्रों के प्रतिनिधिमंडल से मिल लेने का अनुरोध किया। चौधरी के आग्रह पर स्मृति ने शिक्षामित्रों के तीन प्रतिनिधियों को बुलाकर उनसे अलग बातचीत की। स्मृति ने उनकी बात सुनी और उनसे कहा कि केंद्र सरकार को शिक्षामित्रों के बारे में हाई कोर्ट का आदेश अब तक नहीं मिला है। उन्होंने शिक्षामित्रों को भरोसा दिलाया कि कोर्ट के आदेश का अध्ययन करने के बाद अदालत द्वारा उठायी गईं आपत्तियों पर गौर किया जाएगा और उन्हें दूर करने के लिए सकारात्मक प्रयास किया जाएगा।
उधर, हाई कोर्ट द्वारा शिक्षामित्रों के समायोजन को अवैध ठहराये जाने से सरकार के लिए उपज विषम स्थिति से निपटने के लिए बेसिक शिक्षा मंत्री ने भी सोमवार शाम अपने कार्यालय में विभाग के आला अधिकारियों के साथ विचार विमर्श किया। उन्होंने अधिकारियों को हाई कोर्ट के आदेश की प्रति प्राप्त कर उसका विश्लेषणात्मक अध्ययन करने और उसके आधार पर आगे की कानूनी कार्यवाही करने का निर्देश दिया।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी नई शिक्षा नीति तैयार करने के लिए भले ही राज्यों के साथ समन्वय करने मकसद से सोमवार को राजधानी आईं लेकिन चार राज्यों के साथ उनकी बैठक में बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने शिक्षामित्रों के समायोजन का मुद्दा उठाया। कहा कि शिक्षामित्रों के समायोजन में उत्तर प्रदेश के साथ भेदभाव हो रहा है। चौधरी ने कहा कि आज से डेढ़ दशक पहले जब परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी के चलते ताले लगने की नौबत आयी थी तो केंद्र सरकार ने ही शिक्षामित्रों को नियुक्त करने की योजना शुरू की थी। बीते 15 वर्षो से शिक्षामित्र स्कूलों में पढ़ा रहे थे जबकि शिक्षकों के लिए अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की अनिवार्यता की शर्त सिर्फ पांच साल पहले लागू की गई। केंद्र सरकार के अधीन राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की अनुमति से ही शिक्षामित्रों को दूरस्थ शिक्षा के जरिए दो वर्षीय बीटीसी ट्रेनिंग दी गई लेकिन अब उत्तर प्रदेश में इस आधार पर शिक्षामित्रों के समायोजन को अवैध करार दिया जा रहा है कि वे टीईटी उत्तीर्ण नहीं हैं।
बैठक के बाद मीडिया से मुखातिब चौधरी ने कहा कि उत्तराखंड में शिक्षामित्र बिना टीईटी उत्तीर्ण किए समायोजित कर दिए गए क्योंकि वहां कांग्रेस की सरकार थी और केंद्र में भी। इसी तरह केंद्र में भाजपा की सरकार आने के बाद महाराष्ट्र में भी भाजपा की सरकार बनी। लिहाजा महाराष्ट्र में भी टीईटी उत्तीर्ण किए बिना शिक्षामित्रों को समायोजित कर दिया गया। जब उत्तर प्रदेश सरकार से ऐसा किया तो उसे नाजायज ठहरा दिया गया। चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकारें अपना सियासी एजेंडा साधने के मकसद से शिक्षा नीतियां बनाती रहती हैं। देश में शिक्षा के नाम पर साजिश हो रही है।
नई शिक्षा नीति पर बैठक करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी सोमवार को जब डॉ.राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय पहुंचीं तो राज्य सरकार की ओर से दी गई पक्की नौकरी को लेकर कानूनी लड़ाई हारने वाले शिक्षामित्र उनसे फरियाद के लिए गेट पर खड़े थे। मंत्री का काफिला तो विश्वविद्यालय के अंदर चला गया लेकिन द्वारपालों ने शिक्षामित्रों को बाहर ही रोक दिया। धीरे-धीरे शिक्षामित्रों की संख्या बढ़ती गई। बैठक का एक चरण निपटाने के बाद स्मृति ईरानी जब दोपहर के भोजन के लिए जाने लगीं तो बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने उनसे शिक्षामित्रों के प्रतिनिधिमंडल से मिल लेने का अनुरोध किया। चौधरी के आग्रह पर स्मृति ने शिक्षामित्रों के तीन प्रतिनिधियों को बुलाकर उनसे अलग बातचीत की। स्मृति ने उनकी बात सुनी और उनसे कहा कि केंद्र सरकार को शिक्षामित्रों के बारे में हाई कोर्ट का आदेश अब तक नहीं मिला है। उन्होंने शिक्षामित्रों को भरोसा दिलाया कि कोर्ट के आदेश का अध्ययन करने के बाद अदालत द्वारा उठायी गईं आपत्तियों पर गौर किया जाएगा और उन्हें दूर करने के लिए सकारात्मक प्रयास किया जाएगा।
उधर, हाई कोर्ट द्वारा शिक्षामित्रों के समायोजन को अवैध ठहराये जाने से सरकार के लिए उपज विषम स्थिति से निपटने के लिए बेसिक शिक्षा मंत्री ने भी सोमवार शाम अपने कार्यालय में विभाग के आला अधिकारियों के साथ विचार विमर्श किया। उन्होंने अधिकारियों को हाई कोर्ट के आदेश की प्रति प्राप्त कर उसका विश्लेषणात्मक अध्ययन करने और उसके आधार पर आगे की कानूनी कार्यवाही करने का निर्देश दिया।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी नई शिक्षा नीति तैयार करने के लिए भले ही राज्यों के साथ समन्वय करने मकसद से सोमवार को राजधानी आईं लेकिन चार राज्यों के साथ उनकी बैठक में बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने शिक्षामित्रों के समायोजन का मुद्दा उठाया। कहा कि शिक्षामित्रों के समायोजन में उत्तर प्रदेश के साथ भेदभाव हो रहा है। चौधरी ने कहा कि आज से डेढ़ दशक पहले जब परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी के चलते ताले लगने की नौबत आयी थी तो केंद्र सरकार ने ही शिक्षामित्रों को नियुक्त करने की योजना शुरू की थी। बीते 15 वर्षो से शिक्षामित्र स्कूलों में पढ़ा रहे थे जबकि शिक्षकों के लिए अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की अनिवार्यता की शर्त सिर्फ पांच साल पहले लागू की गई। केंद्र सरकार के अधीन राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की अनुमति से ही शिक्षामित्रों को दूरस्थ शिक्षा के जरिए दो वर्षीय बीटीसी ट्रेनिंग दी गई लेकिन अब उत्तर प्रदेश में इस आधार पर शिक्षामित्रों के समायोजन को अवैध करार दिया जा रहा है कि वे टीईटी उत्तीर्ण नहीं हैं।
बैठक के बाद मीडिया से मुखातिब चौधरी ने कहा कि उत्तराखंड में शिक्षामित्र बिना टीईटी उत्तीर्ण किए समायोजित कर दिए गए क्योंकि वहां कांग्रेस की सरकार थी और केंद्र में भी। इसी तरह केंद्र में भाजपा की सरकार आने के बाद महाराष्ट्र में भी भाजपा की सरकार बनी। लिहाजा महाराष्ट्र में भी टीईटी उत्तीर्ण किए बिना शिक्षामित्रों को समायोजित कर दिया गया। जब उत्तर प्रदेश सरकार से ऐसा किया तो उसे नाजायज ठहरा दिया गया। चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकारें अपना सियासी एजेंडा साधने के मकसद से शिक्षा नीतियां बनाती रहती हैं। देश में शिक्षा के नाम पर साजिश हो रही है।
खबर साभार : दैनिक जागरण / नवभारत टाइम्स
शिक्षामित्रों ने स्कूलों में जड़े ताले, ठप की पढ़ाई
पूरे सूबे में सड़कों पर उतरे कानपुर-कन्नौज में ट्रेनें रोकीं
केंद्र व राज्य का रुख
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी बोलीं- न्याय होगा
लखनऊ।
सहायक अध्यापक का समायोजन रद्द होने से आहत शिक्षामित्र सड़क पर उतर आए।
सोमवार को सूबे के परिषदीय स्कूलों में ताला जड़कर पढ़ाई ठप कर दी।
प्रदर्शन के दौरान कई जिलों में उनकी पुलिस से मामूली झड़प भी हुई। उग्र
शिक्षामित्रों ने कानपुर में तो दो ट्रेनें रोक दीं। कई जिलों में उन्होंने
आत्मदाह की कोशिश की। प्रदर्शन के दौरान कई बेहोश हो गए। अधिकतर जिलों के
शिक्षामित्रों ने राष्ट्रपति से इच्छा-मृत्यु मांगी है। शिक्षामित्रों ने
मंगलवार को भी स्कूलों में तालाबंदी ऐलान किया है। इधर, लखनऊ में
शिक्षामित्रों ने प्रदर्शन किया। शिक्षामित्रों ने डॉ. राम मनोहर लोहिया
विधि विवि में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के कार्यक्रम स्थल पर
विरोध प्रदर्शन किया। बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने स्मृति से
तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात कराई तब जाकर मामला शांत हुआ।
- फैसले पर पुनर्विचार की याचिका दाखिल
इलाहाबाद
(ब्यूरो)। शिक्षामित्र शिक्षक कल्याण समिति ने समायोजन निरस्त करने के
आदेश पर पुन: सुनवाई के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। कल्याण समिति
के अध्यक्ष अनिल वर्मा ने बताया कि उन्होंने याचिका मानवीय दृष्टिकोण को
लेकर दाखिल की है। उन्होंने शिक्षामित्रों से आत्महत्या जैसे कदम नहीं
उठाने की अपील भी की है।
- कुछ जगह खुदकुशी की कोशिश, कई हुए बेहोश, स्कूलों में आज भी तालाबंदी
लखनऊ
(ब्यूरो)। शिक्षामित्रों के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने आश्वासन दिया कि उनके
साथ न्याय किया जाएगा। हाईकोर्ट के आदेश का परीक्षण होगा। वे केंद्र द्वारा
तैयार की जा रही नई शिक्षा नीति के मसौदे को अंतिम रूप देने के लिए डॉ.
राम मनोहर लोहिया विधि विवि में सोमवार को आयोजित बैठक में आई थीं।
- यूपी सरकार सर्वोच्च अदालत में जाएगी
- शिक्षामित्रों के साथ केंद्र पर भेदभाव का आरोप
लखनऊ।
सपा प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव
ने स्वयं इस मामले को गंभीरता से लिया है। उनके निर्देश पर हाईकोर्ट के
फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी।
बेसिक
शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने कहा कि प्रशिक्षण के बाद शिक्षामित्रों
को जब सहायक अध्यापक बनाया गया तो केंद्र सरकार टीईटी में छूट नहीं दे रही।
खबर साभार : अमर उजाला
बढ़ा शिक्षामित्रों का आक्रोश : पढ़ाई का बहिष्कार कर सड़क पर उतरे शिक्षामित्र, समायोजन में उप्र के साथ भेदभाव का आरोप, कई जगह बंद रहे स्कूल
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
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7:15 AM
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