10वीं तक सरकारी नियंत्रण में हो निःशुल्क शिक्षा, यूपी सरकार ने की नई शिक्षा नीति में ऐलान की मांग, स्मृति के साथबैठक मे की आठवीं तक परीक्षा की मांग



  • 10वीं तक सरकारी नियंत्रण में हो निश्शुल्क शिक्षा
  • शिक्षकों के चयन व प्रमोशन को लेकर दिये गए कई सुझाव 
  • केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री को राज्यपाल ने दिया सुझाव 
  • कुलपतियों से भी हो नई शिक्षा नीति में चर्चा

बैठक में सेंट्रल जोन के तहत आने वाले चारों राज्यों की ओर से नई शिक्षा नीति को लेकर ग्राम पंचायत, ब्लॉक और जिला शिक्षा समितियों के स्तरों पर हुई चर्चा और उनके निष्कर्षो के बारे में प्रस्तुतीकरण किया गया। मानव संसाधन विकास मंत्री ने राज्यों के शिक्षा मंत्रियों से कहा कि वे नई शिक्षा नीति को लेकर ग्राम पंचायत, ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर परिचर्चात्मक कार्य अक्टूबर तक पूरा कर लें। राज्य अपने सुझाव व सिफारिशें वेब पोर्टल पर डाल दें ताकि नई शिक्षा नीति का प्रारूप दिसंबर तक तैयार किया जा सके।

नई शिक्षा नीति को लेकर स्मृति की बैठक में राज्य सरकार ने रखा पक्ष

  • कक्षा 12 तक की शिक्षा अनिवार्य हो
  • नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकें और यूनिफॉर्म वितरण कक्षा 12 तक हो1
  • हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में सेमेस्टर प्रणाली लागू हो
  • आठवीं तक हो वार्षिक परीक्षा,
  • परीक्षा के आधार पर बच्चे पास/फेल किये जाएं
  • माध्यमिक शिक्षकों का चयन लिखित परीक्षा के आधार पर हो
  • शिक्षकों के नियमित प्रशिक्षण की व्यवस्था हो
  • शिक्षकों की पदोन्नति उनके कार्य अनुभव और शिक्षण कार्य के मूल्यांकन के आधार पर हो
  • स्कूलों में सूचना संचार प्रौद्यगिकी (आइसीटी) से लैस स्मार्ट क्लासरूम हों
  • शिक्षकों के लिए आइसीटी प्रशिक्षण अनिवार्य हो
  • छठवीं कक्षा से व्यावसायिक शिक्षा को लागू की जाए
  • कक्षा 10 तक आर्ट व क्राफ्ट की शिक्षा अनिवार्य की जाए
  • हर स्कूल में काउंसलर की व्यवस्था हो
  • बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए हो मॉडल स्कूलों का इस्तेमाल
  • स्कूलों में छात्रों, शिक्षकों की अनिवार्य उपस्थिति की व्यवस्था हो

 राज्य सरकार ने केंद्र को मशविरा दिया है कि हाईस्कूल तक पूरी शिक्षा नि:शुल्क, समान और सरकारी नियंत्रण में होनी चाहिए। इसमें निजी क्षेत्र का कोई दखल नहीं होना चाहिए। राज्यों के शिक्षा बोर्ड और सीबीएसई व आइसीएसई बोर्ड के बीच फीस और पाठ्यक्रम के मामले में भी की। प्रस्तावित नई शिक्षा नीति पर सोमवार को डॉ.राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की अध्यक्षता में चार राज्यों के शिक्षा मंत्रियों और सचिवों की बैठक में उत्तर प्रदेश की ओर से यह सुझाव दिया गया।

बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी और माध्यमिक शिक्षा मंत्री महबूब अली ने बैठक में उप्र सरकार का पक्ष रखा। बैठक के बाद स्मृति ईरानी ने बताया कि अलग-अलग विचारधाराओं के बावजूद केंद्र सरकार का यह प्रयास है कि नई शिक्षा नीति सभी राज्यों की सहमति और समन्वय से तैयार की जाए।1इसी संदर्भ में सेंट्रल जोन के तहत उप्र के अलावा उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्रियों और सचिवों के साथ दूसरे चरण की यह बैठक की गई है। पहले चरण में बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा के साथ बैठक की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि बैठक में शिक्षकों के चयन और उनके प्रशिक्षण को लेकर कई सुझाव मिले हैं। इस सिलसिले में अलग से बैठक बुलायी जाएगी।

नई शिक्षा नीति के संदर्भ में ‘स्किल इंडिया’ मिशन के तहत व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ नैतिक शिक्षा पर भी जोर दिया गया है। बैठक में इस बात पर भी बल दिया गया कि शोध की कसौटी देश व प्रदेश की उन्नति में उसकी उपयोगिता और प्रासंगिकता होनी चाहिए। बैठक में उत्तराखंड के स्कूल शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी, मध्य प्रदेश के माध्यमिक व उच्च शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी और छत्तीसगढ़ के उच्च शिक्षा मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय व स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप मौजूद थे।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने सोमवार को राजभवन पहुंच राज्यपाल राम नाईक से शिष्टाचार भेंट की। दोनों के बीच उत्तर प्रदेश की उच्च शिक्षा से जुड़े कई मुद्दों पर विचार विमर्श हुआ।  राज्यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कुलपति का कार्यकाल तीन वर्ष का है। कुलपति सम्मेलन में विचार हुआ था कि कुलपति का कार्यकाल पांच वर्ष होना चाहिए। उत्तर प्रदेश में कुलपति का कार्यकाल पांच वर्ष करने में केंद्र और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग संभावित भूमिका पर भी उन्होंने चर्चा की। कहा कि केंद्र की नई शिक्षा नीति में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से भी विचार-विमर्श किया जाना चाहिए।

राज्यपालने ईरानी को बताया कि उत्तर प्रदेश के 25 विश्वविद्यालयों के वे कुलाधिपति हैं। उच्च शिक्षा में गुणवत्ता बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। सभी कुलपतियों को पत्र भेजकर उनको समय से प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने, कक्षाएं नियमित रूप से चलाने, समय से परीक्षा आयोजित करने तथा समय से दीक्षांत समारोह आयोजित किए जाने के भी निर्देश दिए जा चुके हैं। राम नाईक से मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री दीपक जोशी, छत्तीसगढ़ के उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा व राजस्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय व छत्तीसगढ़ के ही स्कूली शिक्षा मंत्री केदार कश्यप ने भी शिष्टाचार भेंट की। राज्यपालने सभी मंत्रियों को पुस्तक ‘बर्डस ऑफ राजभवन उत्तर प्रदेश‘ की प्रति भेंट की।





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10वीं तक सरकारी नियंत्रण में हो निःशुल्क शिक्षा, यूपी सरकार ने की नई शिक्षा नीति में ऐलान की मांग, स्मृति के साथबैठक मे की आठवीं तक परीक्षा की मांग Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 7:22 AM Rating: 5

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