शिक्षकों की सुनवाई को बनेगा एजुकेशन ट्रिब्यूनल : प्रस्तावित विधेयक का प्रारूप तैयार करने की कवायद शुरू, एडवोकेट तय
लखनऊ। प्रदेश के एडेड स्कूलों में पढ़ाने वाले माध्यमिक और बेसिक
शिक्षकों को सर्विस मैटर के लिए हाईकोर्ट की दौड़ नहीं लगानी होगी। प्रदेश
सरकार ने शीघ्र सुनवाई के लिए एजुकेशन ट्रिब्यूनल के गठन की प्रक्रिया शुरू
कर दी है। इसके लिए प्रस्तावित एक्ट तैयार करने के लिए एडवोकेट भी तय कर
दिया गया है। शिक्षा विभाग से जुड़े मुकदमों के बोझ से सरकार परेशान है।
ट्रिब्यूनल के जरिए इस समस्या का हल खोजा जाएगा। माध्यमिक शिक्षा विभाग को
इसकी जिम्मेदारी दी गई है। वर्तमान वित्तीय सत्र के एजेंडे में इसको
प्राथमिकता के तौर पर माध्यमिक शिक्षा विभाग ने भी शामिल किया है। प्रमुख
सचिव जितेंद्र कुमार ने बताया कि स्टेट एजुकेशन ट्रिब्यूनल के एक्ट का
ड्राफ्ट बनाने के लिए महेंद्र बहादुर सिंह एडवोकेट को अधिकृत किया गया है।
- जल्द मिलेगा न्याय
सेवा संबंधी हर मामले को कोर्ट तक खिंचने से कर्मचारी और विभाग दोनों का ही नुकसान होता है। हाईकोर्ट में माध्यमिक और बेसिक शिक्षा विभाग के 33 हजार से अधिक मुकदमे पेंडिंग हैं। अधिकांश मामले प्रधानाचार्य से लेकर शिक्षक तक के सर्विस मैटर से जुड़े हैं। विभागीय स्तर पर सुनवाई का कोई फोरम नहीं होने के चलते मामले खिंचते हैं। कोर्ट पहले भी शिक्षकों के मामलों की सुनवाई के लिए एजुकेशन ट्रिब्यूनल बनाने को कह चुका है।
- हाईकोर्ट के पूर्व जज करेंगे सुनवाई
शिक्षकों की सुनवाई को बनेगा एजुकेशन ट्रिब्यूनल : प्रस्तावित विधेयक का प्रारूप तैयार करने की कवायद शुरू, एडवोकेट तय
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
7:00 AM
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