शिक्षा का अधिकार कानून तथा सर्व शिक्षा अभियान जैसी योजनाओं के बावजूद देशभर में 60 लाख बच्चे नहीं जाते स्कूल
नई दिल्ली। शिक्षा का अधिकार कानून तथा सर्व शिक्षा अभियान जैसी
योजनाओं के बावजूद देशभर में 60.64 लाख बच्चे स्कूल नहीं जाते। मानव संसाधन
विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने गुरुवार को राज्यसभा को यह जानकारी दी।
ईरानी ने बताया कि मंत्रलय द्वारा वर्ष 2014 में कराए गए एक स्वतंत्र
सव्रेक्षण के अनुसार, छह से 13 साल की आयु समूह में स्कूल न जाने वाले
बच्चों की संख्या 60़64 लाख थी। उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में
बताया कि स्कूल न जाने वाले इन बच्चों में से सर्वाधिक 16,12,285 बच्चे
उत्तर प्रदेश के हैं। बिहार में 11,69,722 बच्चे, पश्चिम बंगाल में
3,39,239 बच्चे, मध्य प्रदेश में 4,50,952 बच्चे, राजस्थान में 6,01,863
बच्चे, ओडिशा में 4,01,052 बच्चे और गुजरात में 1,59,308 बच्चे स्कूल नहीं
जाते हैं। उन्होंने बताया कि स्कूल न जाने वाले बच्चों में से 19,66,029
बच्चे अनुसूचित जाति के, 10,07,563 बच्चे अनुसूचित जनजाति समुदाय के,
15,57,099 बच्चे मुस्लिम समुदाय के 62,698 बच्चे ईसाई समुदाय के और 42,016
बच्चे अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के हैं।
एक अन्य सवाल के जवाब में ईरानी ने बताया कि नई शिक्षा नीति के संबंध में समाज के तमाम तबकों के साथ विचार विमर्श किया गया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में गठित समिति के सदस्यों को भी उनके प्रशासनिक अनुभवों के आधार पर चुना गया है। उनसे प्रश्न किया गया था कि नई शिक्षा नीति तैयार करने के लिए गठित समिति में क्या अनुसूचित जाति एवं जनजाति का प्रतिनिधित्व है। इस पर मंत्री ने कहा कि समिति की अध्यक्षता टी एस आर सुब्रमण्यम कर रहे हैं। बाकी सदस्यों को उनके प्रशासनिक अनुभवों के आधार पर चुना गया है और वे समर्थ प्रशासक हैं।
विद्वानों को हटाने के आरोपों का खंडन : स्मृति ने एक सवाल के जवाब में उन आरोपों का खंडन किया, जिसमें राजस्थान की नई पाठय़पुस्तकों से पश्चिमी विद्वानों को हटाने की रिपोर्टे थीं। उन्होंने आजादी की लड़ाई जैसे विषयों को पाठयक्रम में शामिल किए जाने का जिक्र करते हुए स्मृति ने कहा कि आठवीं कक्षा में अशफाक उल्लाह खान के पत्रों को पढ़ाया जा रहा है।
एक अन्य सवाल के जवाब में ईरानी ने बताया कि नई शिक्षा नीति के संबंध में समाज के तमाम तबकों के साथ विचार विमर्श किया गया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में गठित समिति के सदस्यों को भी उनके प्रशासनिक अनुभवों के आधार पर चुना गया है। उनसे प्रश्न किया गया था कि नई शिक्षा नीति तैयार करने के लिए गठित समिति में क्या अनुसूचित जाति एवं जनजाति का प्रतिनिधित्व है। इस पर मंत्री ने कहा कि समिति की अध्यक्षता टी एस आर सुब्रमण्यम कर रहे हैं। बाकी सदस्यों को उनके प्रशासनिक अनुभवों के आधार पर चुना गया है और वे समर्थ प्रशासक हैं।
विद्वानों को हटाने के आरोपों का खंडन : स्मृति ने एक सवाल के जवाब में उन आरोपों का खंडन किया, जिसमें राजस्थान की नई पाठय़पुस्तकों से पश्चिमी विद्वानों को हटाने की रिपोर्टे थीं। उन्होंने आजादी की लड़ाई जैसे विषयों को पाठयक्रम में शामिल किए जाने का जिक्र करते हुए स्मृति ने कहा कि आठवीं कक्षा में अशफाक उल्लाह खान के पत्रों को पढ़ाया जा रहा है।
शिक्षा का अधिकार कानून तथा सर्व शिक्षा अभियान जैसी योजनाओं के बावजूद देशभर में 60 लाख बच्चे नहीं जाते स्कूल
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
7:33 AM
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