सर्वशिक्षा अभियान के तहत विज्ञान और गणित जैसे गूढ़ विषयों को बच्चों के लिए रोचक बनाने को प्राथमिकता , विज्ञान और गणित की शिक्षा के साथ साथ बच्चों में पढ़ने (वाचन) की आदत डालने पर भी होगा जोर
लखनऊ : चारों तरफ हो रहीं आलोचनाओं के मद्देनजर राज्य सरकार अब परिषदीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करेगी। अगले शैक्षिक सत्र से सर्व शिक्षा अभियान के तहत विज्ञान और गणित जैसे गूढ़ विषयों को बच्चों के लिए रोचक बनाने को प्राथमिकता दी जाएगी। वहीं बच्चों में पढ़ने (वाचन) की आदत डालने पर भी जोर होगा। बच्चों को हौवा लगने वाले गणित विषय के प्रति उनकी रुचि जगाने के लिए पहली और दूसरी कक्षा के विद्यार्थियों को आरंभिक गणित में दक्ष बनाने पर जोर होगा
वहीं राष्ट्रीय अविष्कार अभियान के तहत उच्च प्राथमिक स्तर पर बच्चों को गणित और विज्ञान विषयों के प्रति आकर्षित करने के भी प्रयास होंगे। इसके लिए उच्च शिक्षण संस्थानों का सहयोग लिया जाएगा। गणित के प्रति बच्चों की समझ बढ़ाने और उन्हें विषय का व्यावहारिक ज्ञान देने के मकसद से स्कूलों को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा विकसित की गई गणित किट उपलब्ध कराने की योजना है। वहीं विज्ञान के प्रति बच्चों को आकर्षित करने के मकसद से विद्यार्थियों से विज्ञान के सिद्धांतों पर आधारित प्रोजेक्ट बनवाने को तवज्जो दी जाएगी। इन प्रोजेक्ट की प्रदर्शनी भी लगायी जाएगी ताकि बच्चे आपस में होड़ कर सकें।
गैर सरकारी संगठन प्रथम की ओर से प्रत्येक वर्ष जारी की जाने वाली एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट में यह बात-बात लगातार सामने आती रही है कि परिषदीय स्कूलों के बच्चे सामान्य अक्षरों को नहीं पढ़ पाते हैं। उनकी वाचन क्षमता कमजोर है। लिखे हुए को न पढ़ पाने की वजह से अन्य विषयों में भी वे कमजोर होते हैं। लिहाजा ‘पढ़े भारत, बढ़े भारत’ अगले वित्तीय वर्ष में बच्चों में पढ़ने की आदत डालने पर जोर होगा। इसके लिए सर्व शिक्षा अभियान के तहत अगले शैक्षिक सत्र में सभी परिषदीय स्कूलों में विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों की मौजूदगी में सभी कक्षाओं के बच्चों से सभी पाठ्यपुस्तकों का वाचन साल में तीन बार कराने की योजना बनायी गई है।
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