नई शिक्षा नीति को लागू करने में न कोई हड़बड़ी होगी और न ही कोई विचारधारा लागू करने की होगी कोशिश, राज्यों के अधिकार में कटौती नहीं, जावड़ेकर ने नई शिक्षा नीति को लेकर दिया भरोसा
दिल्ली : केंद्र सरकार ने भरोसा दिया है कि नई शिक्षा नीति में सभी तरह के विचारों और सुझावों का ध्यान रखा जाएगा। सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में राज्यों के अधिकार घटाए जाने के आरोपों को भी पूरी तरह गलत बताया है। नई शिक्षा नीति पर लोगों के सुझाव के लिए समय सीमा एक महीने और बढ़ाकर इसे 15 सितंबर तक कर दिया गया है।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को राज्यसभा कहा कि नई शिक्षा नीति तय करने में कोई जल्दबाजी नहीं की जाएगी। न ही इसमें किसी विचारधारा को हावी होने दिया जाएगा। गुरुवार से चल रही चर्चा में भाग लेते हुए उन्होंने कहा, ‘हम संविधान के किसी प्रावधान के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं कर रहे। न तो आरक्षण को लेकर और न ही अल्पसंख्यकों के शिक्षण संस्थानों को लेकर।’ चर्चा के दौरान विपक्ष के सदस्यों ने सरकार पर शिक्षा के भगवाकरण का आरोप लगाते हुए कहा था कि नई शिक्षा नीति पूरी तरह संघ के दस्तावेजों पर आधारित है।
इन आरोपों को गलत बताते हुए जावड़ेकर ने कहा कि अभी नीति का मसौदा तय हुआ ही नहीं है। इसलिए ऐसे आरोप बिल्कुल निराधार हैं। हमारा मानना है कि शिक्षा का मकसद लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाना और उनमें निष्पक्ष दृष्टिकोण विकसित करना है।
नई शिक्षा नीति को लागू करने में न कोई हड़बड़ी होगी और न ही कोई विचारधारा लागू करने की होगी कोशिश, राज्यों के अधिकार में कटौती नहीं, जावड़ेकर ने नई शिक्षा नीति को लेकर दिया भरोसा
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
9:38 AM
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