बीटीसी के लिए सबसे ज्यादा बीटीसी कॉलेजों की भरमार वाले पूरब-पश्चिम यूपी में मारामारी, गाजीपुर, जौनपुर, वाराणसी, आगरा और मेरठ सबसे आगे
इलाहाबाद : प्राइमरी शिक्षक बनने को युवा बेताब है। इन दिनों जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में मेले जैसा नजारा इसकी गवाही दे रहा है। प्रदेश के उन जिलों में सबसे अधिक मारामारी है, जहां बीटीसी कालेजों की भरमार है, इसमें पूरब का गाजीपुर, जौनपुर व वाराणसी एवं पश्चिम का आगरा, मेरठ सबसे आगे है। वहीं कम कालेज वाले जिलों में सिर्फ मेधावी ही दस्तक दे रहे हैं। एक सीट पर चार से अधिक दावेदार हैं ऐसे में निजी कालेजों में ही अधिकांश को दाखिल मिलने के आसार हैं।
बीटीसी 2015 के लिए इस बार 23 जून से 18 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन लिए गए। 22 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन में त्रुटि सुधार का मौका दिया गया। इस अवधि में पांच लाख 756 युवाओं ने दाखिले के लिए पंजीकरण कराया था और तीन लाख 85 हजार 538 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे। इसमें परीक्षा नियामक प्राधिकारी के यहां हुई जांच में करीब 20 हजार अभ्यर्थियों के आवेदन रद हो गए हैं। इसके बाद सूची डायट मुख्यालयों को भेजी गई। प्रदेश भर के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान यानी डायटों में नौ से 18 अगस्त तक बीटीसी दाखिले के लिए काउंसिलिंग होगी। इसके बाद 21 अगस्त से 21 सितंबर तक युवाओं को दाखिला प्रक्रिया शुरू होगी।
बीटीसी के दावेदारों की संख्या एवं उपलब्ध करीब 82 हजार सीटों को देखते हुए एक सीट पर चार से अधिक दावेदार सामने आए हैं। पिछले दिनों सभी डायट प्राचार्यो ने कटऑफ घोषित करके काउंसिलिंग शुरू कराई। आगरा जिले में काउंसिलिंग कराने सबसे अधिक अभ्यर्थी पहुंचे। इसकी वजह यह है कि सूबे में सबसे अधिक बीटीसी कालेज आगरा जिले में ही हैं। इसलिए वहां की मेरिट सबसे कम घोषित हुई ऐसा ही हाल मेरठ का भी है। वहां भी काउंसिलिंग शुरू हो गई है।
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