परिषदीय स्कूलों से पूरे सूबे में योग क्रान्ति की फूटेगी किरण, राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद तैयार कर रहा है माडय़ूल, अब स्कूलों में शिक्षा के साथ योग सीखेंगे नौनिहाल
क्रान्ति की किरण परिषदीय स्कूलों से फूटेगी। राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद ने इसकी तैयारी शुरु कर दी है। प्रदेश भर के विशेषज्ञ शिक्षकों को दो दिवसीय प्रशिक्षण देकर योग शिक्षा को लागू करने के लिए कदम आगे बढ़ाए गए हैं। कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को कैसे योग शिक्षा दी जाए और इसके सभी पहलुओं पर मंथन कार्यशाला में हुआ है। सरकारी स्कूलों में नए शिक्षकों की नियुक्ति के बाद शुरु हुए परिवर्तनों की उडान मिल रही है। सरकार भी नए प्रयोगों को लागू करने में जुटी है। अविष्कार, भारत पढ़े-बढ़े के साथ ही आदर्श प्रार्थना सभा, जन्मदिन मनाने जैसे कार्यक्रमों की सफलता को देखते हुए अब योग शिक्षा को लागू करने की कवायद हो रही है। अगले सत्र से स्कूलों में योग शिक्षा को लागू करने के लिए पाठय़क्रमों को तैयार करने और शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की तैयारी हो रही है।
प्रदेश के दर्जनभर शिक्षकों को मिली ट्रेनिंग : गोण्डा समेत कई जिलों के शिक्षकों को योग शिक्षा के माड्यूल तैयार करने का प्रशिक्षण दिया गया है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद में 26 व 27 को प्रशिक्षण दिया गया। जिले से मुजेहना के विशेषज्ञ शिक्षक तोताराम पांडे समेत प्रतापगढ से आदित्य कुमार सिंह, जय प्रकाश पांडे, देवरिया से अमरेन्द्र शाही, उन्नाव डायट से शीतला, बाराबंकी हैदरगढ के एबीआरसी राहुल कुमार शुक्ल, शिक्षक रोहित कुमार, अनुदेशक घ्रुव कुमार अवस्थी, आशीष कुमार त्रिवेदी, सहारनपुर के योगेन्द्र मलिक, बलरामपुर की सीमा शुक्ला, कानपुर देहात के शिक्षक कुवंर विरेन्द्र प्रताप सिंह को प्रशिक्षित किया गया है। योग शिक्षा पर मंथन : कार्यशाला में जिलों से आए शिक्षकों ने योग शिक्षा को लागू करने के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। योग शिक्षा की आवश्यकता व महत्व, समस्याओं और मानसिक अशांति के प्रभावों को समाहित कर माडय़ूल बनाने पर चर्चा हुई। प्रशिक्षण में शामिल तोता राम पांडे ने बताया कि आर्ट आफ लीविंग व पतंजलि योग समिति के स्वयं सेवक भी कार्यशाला में रहे।
No comments:
Post a Comment