शैक्षिक सत्र 2025-26 में पाठ्यपुस्तकों की जनपद/ब्लॉक स्तर से विद्यालयों तक ढुलाई कराने की व्यवस्था के सम्बन्ध में
बीएसए को स्कूल तक पहुंचानी होंगी किताबें, इसके लिए बजट जारी
प्रयागराज । हर साल की तरह इस बार किताबों को स्कूल तक पहुंचाने के लिए शिक्षक व शिक्षामित्र को परेशान नहीं होना पड़ेगा। इसके लिए शासन ने सख्त निर्देश दिए हैं। हर स्कूल तक किताबों को पहुंचाने की जिम्मेदारी बेसिक शिक्षा अधिकारी की होगी।
इसके लिए सरकार ने किताब पहुंचाने की धनराशि जारी कर दी है। कहीं, कोई शिक्षक व शिक्षामित्र किताब ले जाते दिखे तो इसके लिए बीएसए को दोषी मानते हुए कार्रवाई की जाएगी। जन सुनवाई पोर्टल पर इसकी शिकायत आम आदमी भी कर सकता है। पढ़ने वाले बच्चों को एक अप्रैल को निशुल्क किताबों का वितरण होना है।
शिक्षकों से किताबें ढुलवाने की सूचना पर होगी कार्रवाई, विभाग ने किताबें जल्द स्कूलों तक पहुंचाने के दिए निर्देश
लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से नए शैक्षिक सत्र 2025-26 में निशुल्क किताबें समय से पहुंचाने की कवायद तेज हो गई है। कक्षा चार से आठ की किताबें जिलों में पहुंचा दी गई हैं। इन्हें जल्द से जल्द स्कूलों तक पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं यह भी कहा गया है कि किताबें शिक्षकों से न ढुलवाई जाएं। सूचना मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने कहा है कि नया सत्र एक अप्रैल से शुरू होगा। विद्यालयों में समारोह आयोजित कर किताबों का वितरण एक सेट बनाकर किया जाएगा। उन्होंने सभी बीएसए को निर्देश दिया है कि वह जिला स्तर पर पहुंच गई किताबों का सत्यापन कर जल्द से जल्द विद्यालय तक पहुंचाना सुनिश्चित करें। ताकि एक अप्रैल को नए सत्र की शुरुआत के पहले दिन ही सभी बच्चों को किताबों व कार्य पुस्तिकाएं मिल जाएं।
महानिदेशक ने यह भी सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं कि जिले से विकास खंड व विकास खंड से विद्यालय तक किताबें पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। इसमें शिक्षकों को न लगाया जाए।
नया सत्र शुरू होने से पहले विद्यालयों तक पाठ्यपुस्तकें न पहुंचाई तो नपेंगे बीएसए, शिक्षकों से किताबों की ढुलाई कराई तो की जाएगी कार्रवाई
लखनऊ : परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में नए शैक्षिक सत्र 2025- 26 में पाठ्यपुस्तकें समय पर पहुंचाने के लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी गईं हैं। सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) को निर्देश दिए गए हैं कि वे किताबें विद्यालयों तक पहुंचाने की व्यवस्था करें। ब्लाक संसाधन केंद्रों (बीआरसी) तक ही किताबें न पहुंचाई जाएं बल्कि प्रत्येक विद्यालय तक इसे पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। पाठ्य-पुस्तकों की ढुलाई में होने वाले खर्च का आंकलन कर बजट विभाग से मांगें।
महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से नए सत्र के लिए किताबों के वितरण की व्यवस्था अभी से शुरू किए जाने के आदेश सभी जिलों के बीएसए को दिए गए हैं। वर्तमान शैक्षिक सत्र में अधिकांश जिलों से शिकायतें आईं थी कि ब्लाक संसाधन केंद्रों से किताबों की ढुलाई शिक्षकों से कराई गई। प्रधानाध्यापक ने किसी तरह इन्हें विद्यालय पहुंचाने की व्यवस्था की। इसके कारण किताबें समय पर विद्यालय नहीं पहुंच पाईं। ऐसे में एक अप्रैल से शुरू हो रहे नए शैक्षिक सत्र से पहले ही जरूरी व्यवस्थाएं पूरी कर ली जाएं।
अगर किसी जिले में किताबें देर से पहुंचने या शिक्षकों से ढुलाई कराने की शिकायत मिली तो संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) व बीएसए से जवाब- तलब किया जाएगा। उनकी जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई की जाएगी। कई बार शिक्षकों द्वारा मोटरसाइकिल या फिर शिक्षामित्र की मदद से साइकिल पर किताबें लादकर विद्यालय ले जाने की शिकायतें मिलती हैं। अब विद्या समीक्षा केंद्र की मदद से राज्य स्तर से इसकी निगरानी भी की जाएगी। शिक्षक व अन्य लोग यहां गोपनीय शिकायतें दर्ज करा सकेंगे।
शैक्षिक सत्र 2025-26 में पाठ्यपुस्तकों की जनपद/ब्लॉक स्तर से विद्यालयों तक ढुलाई कराने की व्यवस्था के सम्बन्ध में
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
on
7:09 AM
Rating:

No comments:
Post a Comment