जनपद में संचालित अशासकीय प्राथमिक एवं जूनियर हाई स्कूलों के मान्यता के सम्बन्ध में
कई माह से लटके हैं स्कूलों की मान्यता के मामले, 31 मार्च तक सभी प्रकरणों पर जवाब-तलब
• पोर्टल की व्यवस्था के बावजूद 120 मामले लंबित
• नहीं बदल रहा शिक्षाधिकारियों का ढर्रा, लगा रहे अड़ंगा
लखनऊ : निजी स्कूलों की मान्यता के लिए पोर्टल होने के बावजूद 120 विद्यालयों के मामले महीनों से लटके हुए हैं। जो काम एक महीने में होना चाहिए उसे छह-छह महीने लटकाया जा रहा है। शिक्षाधिकारी व कर्मचारी जानबूझकर फाइलों में अड़ंगा लगा रहे हैं। कक्षा एक से आठ तक की मान्यता के लिए विद्यालय प्रबंधन परेशान हैं। ऐसे में अब बेसिक शिक्षा निदेशालय की ओर से पत्र जारी कर 31 मार्च तक इन सभी प्रकरणों पर जवाब-तलब किया गया है।
अपर शिक्षा निदेशक (शिविर) गणेश कुमार की ओर से सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) को पत्र लिखकर इस प्रकरण पर सख्त नाराजगी जताई गई है। मंडलीय व जनपदीय समितियों के समक्ष 88 और खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) के पास 32 मामले लंबित हैं।
मंडलीय व जनपदीय समिति के पास लंबित 88 प्रकरणों में से सबसे ज्यादा 19 मामले सिद्धार्थनगर जिले के हैं। मान्यता से संबंधित 16 मामले वाराणसी और 11 प्रकरण उन्नाव जिले के हैं। बाकी मामले अमेठी, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बस्ती, बदायूं, चंदौली, एटा, इटावा, हमीरपुर, हरदोई, कन्नौज, लखनऊ, महराजगंज, मुरादाबाद, संभल, सिद्धार्थनगर और सोनभद्र के विद्यालयों की मान्यता के हैं। इन जिलों में पांच या उससे कम प्रकरण लंबित हैं।
दूसरी ओर मुरादाबाद के भगतपुर ब्लाक के बीईओ के पास दो निजी स्कूल की फाइल 190 दिनों यानी छह महीने से अधिक समय से लंबित पड़ी हुई है। सिद्धार्थनगर के भनवापुर ब्लाक के बीईओ के पास एक निजी स्कूल की मान्यता से संबंधित फाइल 160 दिनों से लंबित हैं। ऐसे ही अन्य जिलों में भी मान्यता के मामले लटकाए गए हैं। फिलहाल पोर्टल बनाए जाने के बावजूद पारदर्शिता नहीं बढ़ पा रही है। शिक्षाधिकारी मनमाने ढंग से ही काम कर रहे हैं।
जनपद में संचालित अशासकीय प्राथमिक एवं जूनियर हाई स्कूलों के मान्यता के सम्बन्ध में
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
on
6:42 AM
Rating:

No comments:
Post a Comment