गैरटीईटी बीएड को स०अध्यापक बनाने पर नए सिरे से होगी सुनवाई : प्रभाकर सिंह केस
• अब वृहद पीठ सुनेगी बीएड अभ्यर्थियों का मामला
• गैरटीईटी बीएड को स0अध्यापक बनाने पर नए सिरे से होगी सुनवाई
• प्रभाकर सिंह केस में खंडपीठ के आदेश से एकल न्यायपीठ असहमत
• प्रभाकर सिंह केस में खंडपीठ के आदेश से एकल न्यायपीठ असहमत
बिना टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्री धारको को भी सहायक अध्यापक चयन
प्रक्रिया में शामिल करने का मामला एक बार फिर खटाई में पड़ गया है। इस
मामले पर प्रभाकर सिंह केस में दिए हाईकोर्ट की खंडपीठ के फैसले को वृहद
पीठ को संदर्भित कर दिया गया है। अब तीन न्यायाधीश की पीठ नए सिरे से पूरे
मामले पर विचार करने के बाद फैसला सुनाएगी।
प्रदेश
सरकार द्वारा बिना टीईटी उत्तीर्ण कई बीएड डिग्री धारकोें का अभ्यर्थन रद
किए जाने के बाद शिवकुमार शर्मा, यतींद्र कुमार त्रिपाठी आदि ने याचिका
दाखिल की थी। इनका कहना था कि खंडपीठ के निर्णय के बावजूद प्रदेश सरकार ने
उनका अभ्यर्थन नहीं माना। ऐसी स्थिति में सरकार को निर्देश दिया जाए। मामले
की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति एपी साही ने कहा मेरी समझ से टीईटी सभी के
लिए अनिवार्य है। ऐसी स्थिति में उन्होंने खंडपीठ के फैसले से असहमति जताते
हुए मामले को वृहद पीठ को संदर्भित किया। अब मुख्य न्यायाधीश इस मामले की
सुनवाई के लिए तीन जजों की पीठ गठित करेगे।
उल्लेखनीय
है कि हाईकोर्ट ने 11 नवंबर 2011 को टीईटी की अनिवार्यता समाप्त करने को
लेकर दाखिल सैकड़ों याचिकाओं को खारिज करते हुए सहायक अध्यापक भर्ती में
टीईटी सभी के लिए अनिवार्य बताया था। इस फैसले के खिलाफ अपील दाखिल की गई।
अपील भी खारिज कर दी गई परंतु खंडपीठ ने कहा कि एनसीटीई की अधिसूचना के
मुताबिक सहायक अध्यापक भर्ती के लिए अनिवार्य अर्हता के अंतर्गत ही बीएड
डिग्री धारको को इससे छूट दी गई है। इसलिए बीएड डिग्री धारी अभ्यर्थियों
को जो टीईटी उत्तीर्ण नहीं हैं प्रवेश प्रक्रिया में शामिल कर लिया जाए।
खंडपीठ ने बीएड डिग्री धारकों को मौका देने का निर्देश दिया था। इस आदेश का
पालन नहीं होने पर दाखिल अवमानना याचिका पर बेसिक शिक्षा सचिव को नोटिस भी
जारी किया जा चुका है।
गैरटीईटी बीएड को स०अध्यापक बनाने पर नए सिरे से होगी सुनवाई : प्रभाकर सिंह केस
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
7:27 AM
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