शिक्षक भर्ती करो, वरना छूट की समय सीमा को आंगे नहीं बढाया जाएगा : केन्द्र सरकार
- राज्यों ने अपनी-अपनी जरूरतों के हिसाब से अलग-अलग मांगी थी छूट
- कुछ राज्यों को 31 मार्च 2014 और कुछ को 31 मार्च 2015 तक की मिली छूट
- उत्तर प्रदेश को मिला है 31 मार्च 2014 तक का समय
- इस तिथि के बाद खत्म हो जाएगी छूट
- सिर्फ एक बार ही दी जा सकती है यह छूट
नई दिल्ली | शिक्षकों की नियुक्ति के लिए योग्य उम्मीदवारों की कमी से जूझ रहे 13 राज्यों के केन्द्र सरकार ने कहा है कि वे पूर्व में प्रदान की गई छूट के अनुरूप तय समय में शिक्षकों की भर्ती करें | वर्ना छूट की सीमा को आंगे नहीं बढ़ाया जायेगा | मानव संसाधन विकास मंत्रालय का कहना है कि शिक्षा के अधिकार कानून के तहत योग्य शिक्षक नहीं मिलने पर केन्द्र सरकार कानून की धारा 23 की उपधारा-2 के तहत राज्यों को छूट दे सकती है | लेकिन यह छूट सिर्फ एक बार दी जा सकती है |
हाल में एक प्रेस कांफ्रेंस में मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू ने भी बताया कि अब तक 13 राज्य इस किस्म की छूट ले चुके हैं | 2011 एवं 2012 के दौरान ऐसी छूट दी गई थी | आखिरी बार 17 अक्टूबर 2012 में उत्तराखंड एवं हिमाचल प्रदेश को इस प्रकार की छूट दी गई थी | उसके बाद किसी राज्य ने इस किस्म की छूट के लिए आवेदन नहीं किया था | मंत्रालय के अनुसार राज्यों ने अपनी-अपनी जरूरतों के हिसाब से अलग-अलग छूट मांगी थी जो उन्हें 31 मार्च 2014 और कुछ राज्यों को 31 मार्च 2015 के लिए प्रदान की गई है | इसके बाद छूट खत्म हो जाएगी | बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, असम मणिपुर, नागालेंड, मेघालय, और त्रिपुरा की समस्या एक जैसी थी | इन राज्यों में डिग्रीधारी शिक्षकों की कमी थी |
इसलिए इन रज्यों को पांचवी कक्षा तक के लिए 12वीं पास और 6-8वीं कक्षा के लिए ग्रेजुएट उम्मीदवारों को बिना पेशेवर कोर्स के शिक्षक नियुक्त करने की इजाजत दी गई थी | लेकिन ऐसे शिक्षकों को दो साल के भीतर पत्राचार के जरिये आवश्यक पेशेवर योग्यता हासिल करनी होगी |
- क्या कहता है मंत्रालय
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कहा है कि 12वीं योजना में शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के विस्तार के लिए 6300 करोड़ रूपए मंजूर किये गए थे | इससे डिस्ट्रिक्ट इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर एजुकेशन एंड ट्रेनिंग(डायट), कोलेज ऑफ टीचर एजुकेशन(सीटीई), इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज(आईएएसई), तथा ब्लॉक इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर एजुकेशन(बीआईटीई) की स्थापना की जाएगी |
- यूपी की स्थिति
यहाँ प्राइमरी प्रशिक्षित शिक्षकों-डीएड की कमी है, जबकि बीएड डिग्रीधारक बड़े पैमाने पर हैं | लेकिन एनसीटीई के नियमों के बीएड डिग्रीधारकों को प्राइमरी टीचर नियुक्त नहीं किया जा सकता | इसलिए यूपी ने विशेष रूप से उन्हें प्राइमरी टीचर नियुक्त करने की अनुमति मांगी थी जो अक्टूबर में उसे प्रदान कर दी गई |
- अन्य राज्य
(चित्र -:- साभार हिन्दुस्तान समाचार पत्र )
शिक्षक भर्ती करो, वरना छूट की समय सीमा को आंगे नहीं बढाया जाएगा : केन्द्र सरकार
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
11:43 AM
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