शिक्षामित्रों के खाते में मानदेय पर बीएसए की अड़ंगेबाजी
- सभी जिलों से अभी तक नहीं भेजा गया ब्यौरा
- 15 दिन में उपलब्ध कराना था यह ब्यौरा
लखनऊ
(ब्यूरो)। शिक्षामित्रों को उनके खाते में सीधे मानदेय देने में बेसिक
शिक्षा अधिकारी अड़ंगेबाजी कर रहे हैं। सर्व शिक्षा अभियान के राज्य
परियोजना निदेशालय ने भले ही सभी जिलों से 15 दिन में शिक्षामित्रों का
पूरा ब्यौरा भेजने का स्पष्ट निर्देश दिया हो, लेकिन अभी तक सभी जिलों से
इसे नहीं भेजा गया है। राज्य परियोजना निदेशालय ने अब शीघ्र ही पूरा ब्यौरा
भेजने को कहा है।
उत्तर प्रदेश में 1.76
लाख शिक्षामित्र हैं। शिक्षामित्रों को 3500 रुपये मानदेय मिलता है।
शिक्षामित्रों ने सीधे अपने खाते में मानदेय देने की मांग की थी। प्रमुख
सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में
शिक्षामित्रों को शिक्षकों के समान सीधे उनके खाते में मानदेय देने का
निर्णय लिया जा चुका है।
सर्व शिक्षा
अभियान के राज्य परियोजना निदेशालय से सभी शिक्षामित्रों का ब्यौरा मांगा
गया था। इसमें पूछा गया था कि उनकी ज्वॉइनिंग कब की है और उनका स्कूल के
निकट किस बैंक में खाता है और उसका नंबर क्या है। यह ब्यौरा 15 दिन में
उपलब्ध कराना था, लेकिन बीएसए की लापरवाही से सभी जिलों ने इसे नहीं भेजा।
राज्य परियोजना निदेशक अमृता सोना ने इस संबंध में पुन: निर्देश भेजकर
शीघ्र ब्यौरा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
(साभार-:-अमर उजाला)
शिक्षामित्रों के खाते में मानदेय पर बीएसए की अड़ंगेबाजी
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
6:25 AM
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