टीईटी में कुछ और अफसरों पर गाज संभव
- परीक्षा में गड़बड़ी पर प्रभा त्रिपाठी ने दिया जवाब
- उच्चाधिकारी उनके जवाब से संतुष्ट नहीं
लखनऊ
(ब्यूरो)। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2011 में धांधली में कुछ और
अफसरों पर गाज गिर सकती है। गुपचुप तरीके से इसकी विभागीय जांच कराने की भी
योजना है। इसमें यह पता लगाया जाएगा कि संजय मोहन के साथ धांधली में और
कौन-कौन दौषी हैं। तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा परिषद की सचिव प्रभाव त्रिपाठी
के खिलाफ शिकंजा और कसता जा रहा है। उन्होंने स्पष्टीकरण का जवाब तो दे
दिया है लेकिन उच्चाधिकारी उनकी जवाब से संतुष्ट नहीं हैं। विभागीय
जानकारों की मानें तो उनके खिलाफ कभी भी कार्रवाई की जा सकती है।
गौरतलब
है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद शिक्षक बनने के लिए
टीईटी पास होना अनिवार्य कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश में नवंबर 2011 में
टीईटी आयोजित कराई गई। इसे कराने में तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा परिषद के
निदेशक संजय मोहन और सचिव प्रभा त्रिपाठी की महत्वपूर्ण भूमिका थी। गड़बड़ी
के आरोप में संजय मोहन को गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन प्रभा त्रिपाठी बच
गईं। टीईटी में धांधली का खुलासा बसपा शासनकाल में हुआ था और सत्ता बदलने
के बाद मामला दब गया। इसकी न तो विभागीय जांच कराई गई और न ही अन्य
अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई।
शिक्षा
विभाग के उच्चाधिकारी अब चाहते हैं कि टीईटी में धांधली के लिए दोषियों के
खिलाफ कार्रवाई की जाए। इसके आधार पर तत्कालीन परिषद की सचिव से
स्पष्टीकरण मांगने के साथ विभागीय जांच कराने की तैयारी है। तत्कालीन सचिव
ने स्पष्टीकरण तो दे दिया है और उच्चाधिकारियों के समक्ष उपस्थित होकर
मौखिक जवाब भी दिया है लेकिन उनके जवाब से विभाग संतुष्ट नहीं है। सूत्रों
का कहना है कि इस संबंध में अंदर ही अंदर अन्य अधिकारियों के खिलाफ
कार्रवाई की तैयारी है।
( साभार-:-अमर उजाला )
टीईटी में कुछ और अफसरों पर गाज संभव
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
7:35 AM
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