मिड डे मिल और बाल पुष्टाहार में फैक्ट्री फूड देने की तैयारी
- ताजा और स्थानीय भोजन की जगह पके पकाए खाने का खुल सकता है रास्ता
- प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा विधेयक में बच्चों और महिलाओं के पोषण के सुझाए गए मानक
नई दिल्ली। मिड डे मिल और बाल पुष्टाहार की योजना
में ताजा और स्थानीय भोजन की जगह फैक्ट्री में तैयार फूड देने की कोशिशें
अब जोर पकड़ सकती हैं। मंगलवार को कैबिनेट से मंजूर हुए संशोधित खाद्य
सुरक्षा विधेयक में बच्चों और महिलाओं के लिए पोषण के जो मानक सुझाए गए
हैं, उनसे फैक्ट्री फूड का रास्ता खुल सकता है। भोजन के अधिकार के लिए
सक्रिय जन संगठनों ने इन पोषण मानकों का विरोध शुरू कर दिया है।
रोजी-रोटी अधिकार अभियान से जुड़ी सामाजिक कार्यकर्ता कविता श्रीवास्तव का
कहना है कैबिनेट ने जो खाद्य सुरक्षा विधेयक पास किया है, उससे खाद्य
योजनाओं में कंपनियों और ठेकेदारों की एंट्री का रास्ता साफ हो जाएगा।
विधेयक में बच्चों और महिलाओं के पोषण मानकों संबंधी अनुसूची-2 को कायम रखा
गया है, जो माइक्रोन्यूट्रिएंट युक्त भोजन की सिफारिश करता है। इस
प्रकार के मानक फैक्ट्री में बने खाने में ही पूरे हो सकते हैं। प्रस्तावित
कानून लागू होने के बाद खाद्य योजनाओं में ठेकेदारों की एंट्री पर लगी
सुप्रीम कोर्ट की रोक का उल्लंघन होगा।
संसद
की स्थायी समिति ने इस संबंध में दी गई अपनी सिफारिश में आईसीडीएस योजना
को बंद करने की बात कही थी, जिसे कैबिनेट ने नामंजूर कर दिया है।
हालांकि
मूल विधेयक में प्रस्तावित माइक्रोन्यूट्रिएंट और पोषण मानकों को बरकरार
रखा है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद महाराष्ट्र समेत कई
राज्यों से आईसीडीएस में ठेकेदार घुसपैठ करने में कामयाब रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट कमिश्नर के सलाहकार की रिपोर्ट में इस तरह के कई मामलों का
खुलासा हुुआ है।
- दो बच्चों तक ही मिलेगा मातृत्व भत्ता
खाद्य
सुरक्षा विधेयक में प्रस्तावित मातृत्व भत्ते का लाभ सिर्फ दो बच्चों तक
ही मिलेगा। इस बाध्यता का काफी विरोध हो रहा है। इस विरोध को देखते
हुए सरकार ने इसे अप्रत्यक्ष तरीके से लागू करने का फैसला किया है, लेकिन
संशोधित विधेयक में मातृत्व भत्ते को सरकारी योजनाओं के अनुसार देने की बात
कही गई है। गौरतलब है कि सरकारी योजनाएं भी दो से ज्यादा बच्चों पर
मातृत्व लाभ नहीं देती हैं। खाद्य सुरक्षा विधेयक में मातृत्व भत्ते के
तौर पर छह हजार रुपये दिए जाएंगे।
(साभार-अमर उजाला)
मिड डे मिल और बाल पुष्टाहार में फैक्ट्री फूड देने की तैयारी
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
1:26 AM
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