परिषदीय स्कूलों के विशेष बच्चों का बनेगा हेल्थ कार्ड
लखनऊ।
विशेष वर्ग यानी नि:शक्त बच्चे यदि परिषदीय स्कूलों में पढ़ते हैं तो उनके
अभिभावकों को उनके स्वास्थ्य के प्रति चिंतित होने की जरूरत नहीं है। ऐसे
बच्चों का मेडिकल जांच के बाद हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा। इसमें बच्चों की
बीमारी और उसके नि:शक्त होने का प्रतिशत लिखा जाएगा। इस कार्ड के आधार पर
अभिभावकों को दूसरे स्थानों पर जांच कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके लिए
स्कूलों में कैंप लगाया जाएगा और इसमें डिप्टी सीएमओ स्तर का अधिकारी
उपस्थित रहेगा। उसकी उपस्थिति में ऑर्थोपेडिक सर्जन, ईएनटी और नेत्र
विशेषज्ञ बच्चों का परीक्षण करते हुए हेल्थ कार्ड तैयार करेंगे।
सर्व
शिक्षा अभियान के तहत नि:शक्त वर्ग के बच्चों की पढ़ाई के लिए विशेष
व्यवस्था की गई है। इन बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष शिक्षक भी रखे जाते
हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले अभिभावक शिक्षकों के समझाने के आधार
पर नि:शक्त बच्चों का दाखिला स्कूलों में तो करा देते हैं, लेकिन उनके पास
इन बच्चों का कोई हेल्थ कार्ड नहीं होता। इसके चलते ये बच्चे कितने प्रतिशत
नि:शक्त हैं और इनमें क्या कमियां हैं पता नहीं चल पाता। इसलिए सर्व
शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशालय ने ऐसे बच्चों के स्वास्थ्य का
परीक्षण कराके हेल्थ कार्ड बनवाने का निर्णय किया है।
इसके
लिए विकास खंड स्तर पर मेडिकल एसेसमेंट कैंप लगाया जाएगा। कैंप का आयोजन
अक्तूबर में किया जाएगा। इसके लिए बेसिक शिक्षा अधिकारियों से जिलेवार
कार्यक्रम का प्रस्ताव मांगा गया है। चिकित्सकों को सर्व शिक्षा अभियान के
खर्च पर मेडिकल एसेसमेंट कैंप में ले जाया जाएगा। एक वाहन पर 1200 रुपये तक
खर्च किया जा सकेगा। प्रत्येक डॉक्टर को कैंप में जाने पर 300 रुपये
मेहनताना दिया जाएगा।
• साभार अमर उजाला
परिषदीय स्कूलों के विशेष बच्चों का बनेगा हेल्थ कार्ड
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
6:00 AM
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