न सुधरे गुरुजन तो बंद हो जाएंगे सरकारी स्कूल : शिक्षा मंत्री रामगोविंद ने दी नसीहत
पैसे के पीछे न भागें शिक्षक, बच्चों को मन लगाकर पढ़ाएं
बेसिक के 17 और माध्यमिक के 9 शिक्षकों को राज्य अध्यापक पुरस्कार
लखनऊ।
बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने दो टूक शब्दों में कहा है कि यदि
गुरुजन अब भी न सुधरे तो 20 साल बाद सरकारी स्कूल बंद हो जाएंगे क्योंकि
शिक्षकों की पगार पर हर साल साढ़े 12 हजार करोड़ रुपये खर्च हो रहा है और
कोई सरकार इतना खर्च नहीं करेगी। समाज में सरकारी स्कूलों के प्रति
अभिभावकों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। पहले जहां शिक्षकों का सम्मान होता
था, वहीं आज उन्हें कोसा जा रहा है। वे हंसी के पात्र बन गए हैं। इसलिए
उदासीनता और पैसे की ललक छोड़कर शिक्षा के प्रति ध्यान देना चाहिए। वे
इंदिरानगर स्थित रानी लक्ष्मीबाई मेमोरियल स्कूल में गुरुवार को शिक्षक
दिवस पर बेसिक व माध्यमिक शिक्षकों के पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित कर
रहे थे।
रामगोविंद ने कहा, बेसिक शिक्षा
मंत्री बनने के बाद से वे दुखी हैं। इसकी वजह शिक्षक हैं। नई आर्थिक नीति
से शिक्षक पैसे के पीछे भाग रहा है। उन्होंने एक वाक्या सुनाते हुए कहा कि
डॉक्टरों की सलाह पर वह मार्निंग वॉक पर जाते हैं। कुछ शिक्षक भी उन्हें
घूमते मिले। शिक्षक इस दौरान केवल यही चर्चा करते दिखे कि डीए कितना बढ़ा,
वेतनमान कितना होगा। शिक्षकों को कभी शिक्षण कार्य पर चर्चा करते नहीं
सुना। इसलिए वह अपील करते हैं कि शिक्षक आज के दिन यह संकल्प लें कि वे
बच्चों का भविष्य बेहतर बनाएंगे। शिक्षकों को कम वेतन नहीं मिल रहा है।
उन्होंने
कहा कि केवल प्राइमरी शिक्षा ही खराब नहीं है, उच्च शिक्षा का भी बुरा हाल
है। अभी हाल ही में टीईटी का रिजल्ट आया है। उच्च प्राइमरी की परीक्षा में
मात्र 6 प्रतिशत और प्राइमरी की परीक्षा में 19 फीसदी ही पास हुए हैं।
शिक्षा की स्थिति दयनीय होगी तो देश भी दयनीय होगा। स्कूलों से योग्य
बच्चे निकलें इस पर ध्यान देना होगा। राज्य सरकार शिक्षकों को चिंतामुक्त
करने का प्रयास कर रही है, इसलिए उन्हें शिक्षण कार्य में जुटना चाहिए।
शिक्षकों को घूस देकर पोस्टिंग की लालसा नहीं पालनी चाहिए। इसलिए शिक्षक
स्कूल जाएं और बच्चों को मन लगाकर पढ़ाएं।
माध्यमिक
शिक्षा राज्यमंत्री विजय बहादुर पाल ने कहा कि शिक्षकों का सम्मान जरूरी
है, पर ऐसे कार्यक्रमों की क्या जरूरत। बंद कमरों में किसके लिए कार्यक्रम
आयोजित किए जा रहे हैं। ये कार्यक्रम जिलों और स्कूलों में आयोजित होने
चाहिए। शिक्षकों को भी चाहिए कि वे बच्चों की शिक्षा पर ध्यान दें। हम
बोलेंगे तो शिक्षक कहेंगे कि मंत्री होने के बाद बोल रहे हैं। इसलिए वह ऐसा
काम करें कि किसी को बोलने का मौका न मिले।
इंदिरानगर
स्थित रानी लक्ष्मीबाई मेमोरियल स्कूल में गुरुवार को शिक्षक दिवस पर
राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित शिक्षकों के साथ मुख्य अतिथि बेसिक
शिक्षा मंत्री रामगोविन्द चौधरी व अन्य मंत्री (ऊपर)। सम्मानित किए गए
मसकनवा गोंडा के माध्यमिक शिक्षक डाॅ. रामचंद्र यादव (बाएं) व बीकापुर
फैजाबाद के डाॅ. राम सुरेश मिश्र (दाएं)।
बेसिक
शिक्षक : रामपति वर्मा विक्रमजोत बस्ती, सखावत हुसैन सादात नवाबगंज बरेली,
राज किशोर मिश्र लक्ष्मणपुर लालगंज प्रतापगढ़, रामेश्वर यादव सादात
गाजीपुर, गायत्री यादव सोरांव इलाहाबाद, जहूर अहमद सहारनपुर, विनोद बाला
सहारनपुर, राधेश्याम शर्मा मोहब्बतपुर मुरादाबाद, शशिकांत रामपुर छितौनी
एटा, नरेंद्र प्रताप सिंह सादात गाजीपुर, कृष्णा देवी सदर महराजगंज,
सूरजपाल सिंह देवबंद सहारनपुर, कुसुमलता शर्मा जलेसर एटा, गोमिद राम चैनपुर
बरेली, राम प्यारे सरोज कौडिहार इलाहाबाद व डॉ. सुखराम सिंह सेंगर जादौपुर
बढ़पुरा इटावा।
न सुधरे गुरुजन तो बंद हो जाएंगे सरकारी स्कूल : शिक्षा मंत्री रामगोविंद ने दी नसीहत
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
5:59 AM
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6 comments:
manak k anuroop teachers honge tabhi improvment hoga sir ji#######
App bh itne imandar aur samdar nahi mantri ji, aap inquiry tu karoo ki Teacher trasnfer KE Niyam ke anuchar hoya hai jo ladies teacher 4-5 saal job complete kar le hai unka transfer abhi tak nahi hua par 1 saal walo ka trasnfer ho gaya ............agar aap imdari se kam chate ho tu un sab ka transfer kar do jisko transfer ke bahut jauri hai..........
To,
Manneeya mantri ji,"BASIC SHIKSHA UP"
AAp ki bhavana ki mai dil se kadra karta hoo mujhe bhi yah ahsas hota hai ki agar viddyalyo ki yahi halat rahi to kuchh din bad inko band hona pad samta hai.iske jimmedar teacher nahi hai.aap ko lagega yah poori tarah se galat baat hai . Parantu hai ekk dum satya.addhyapak paiso ke peeche nahi bhag raha hai ,vah to app logo dwara newkta paiso ke habsi, bhukhe rakshaso se bachane ke liye bhag raha hai .yadi vastav app sarkari schoolo ko achha banaa chahte hai to achhe adhikariyi ki newti kare.aaye din sunsne me aata hai ki amuk BSA 10lak 15lak drkar bsa bane hai .yadi ye datya hai to Sochiye ,ye paisa bsa kaha se layega. dhyapk ki ghor kami hai use poora kiya jay app se anurod hai ki tescher ko kewal na kose vibhag se paisa len -den wala bharstachar khatm kare .apne adhikariyo ko ades de vah teachar's ki samsyawo ka nidan kare na ki samssyaye hadaya .unse yah bhi kahiye aap log bhi teacher's se kam vetan nahi pate hai.paiso ke piche mat bhagiye. teachers ko bevajah paresan mare unhe shikshad ka karya poore manoveg se karne de .hum aage nikal jayenge.
manniya mantri ji aap ko ek imandar neta k tour pe dekha jata hai aur isme koi sak nhi ki aap ek imandar aur swach chhawi k mantri hai pr sir apke vibhag me promotion aur transfer k naam pe kaisa kaisa khel hota hai sir hmare bhai sahab 1993 se sidharth nagar me karyarat hai lekin unka transfer seniority k hisab se pehle list me hi jana chahiye pr apke vibhag se 2 list out ho chuka prntu unka transfer ballia nhi ho saka .khair adhikariyo ka chodiye sir apko is bare me do baar gyapan diya gaya pr koi baat nhi bani.ab lagta hai apke bhai LALBACHAN YADAV ji sed hi sampark karna padega jugaad (paise)se hi kaam krna padega
apne kha tha ki koi bhi teacher transfer k liye kisi ko paisa nhi dega pr hmare gaon k aas pass ke teacher jom2011-12 me sidharth nagar me the unka transfer ho gaya wah re imandar mantri ji
ha, ha, ha . . .
agar skol band ho jayenge to aadikari or netao ki kamai bhi to band ho jaygi...
school me 30par ek teacher nahi balki praatyek school me kam se kam 5teacher hona chahiye .kya rte ke tahat bache ka yah adhikar nahi ki use pratyek class ke liye 1teacher mile.private school ko dekhiye untrained teacher hote hai parantoo primari lable par kam se kam 5teacher hote hai.isliye aap se anurodh hai ki nayw school tabhi khole jay jab tak pahale wale school me teacher ki sankhya 5na ho jaye.teacher ki bharti ho nah pati usake sapeksh jyada new school khol diya ja raha hai.quantity par nahi qwality par dhyan dijiye.ssa ke paise ka durupayog karate huye gale muhalle har jagah school khol rahe hai ya useless ek kakshiy bhawano ka nirman kiya ja raha hai.bhrastachar ki had ho gayi hai .vigat satra me gorakhpur me 400twacher ko doosare school me attach kar dita gaya ayr kaean likha gaya chchatra hit me jabki inake mool school vand ki shraini me ho gaye! yah aap nahi janate to yah aap ki kami hai aur yadi janate hai to ye aur bari kami hai?bina paisa liye aap bsa ki niyukti kijiye aadhi samsya apabe aap hal ho jayegi
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