निर्देश पुस्तिका : यू-डायस प्रपत्र वर्ष 2013-14
जिला शैक्षिक सूचना प्रणाली
1. केवल सभी मान्यता
प्राप्त / अनुमोदित विद्यालयों के सम्बन्ध में सूचना प्रस्तुत की जानी है ।
(सूचना सरकारी, मान्यता प्राप्त वित्त पोषित निजी विद्यालयों, मान्यता
प्राप्त वित्तविहीन निजी विद्यालयों, केन्द्रीय विद्यालयों, वायुसेना के
विद्यालयों तथा उन मान्यता प्राप्त विद्यालयों से संकलित की जानी है जो
आई.सी.एस.ई. तथा सी.बी.एस.ई. पाठ्यक्रम के अधीन संचालित हैं ।)
2.
प्राथमिक विद्यालयों के संबंध में कक्षा 1-5 के बारे में सूचना संकलित की
जानी चाहिए। उच्च मिडिल / प्राथमिक विद्यालयों या उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों
या ऐसे विद्यालयों के सम्बन्ध में जो उच्च प्राथमिक स्तर तक अश्रेणीबद्ध
हैं, सूचना कक्षा 8, 10 या 12 तक जो भी उच्चतम कक्षा हो, संकलित की जानी
चाहिए ।
3. विद्यालय पंजिकाओं और अन्य आधिकारिक अभिलेखों
पर आधारित सही तथा प्रामाणिक आँकड़ों की प्रविष्टि आँकड़ा अभिग्रहण पत्र
(डाटा कैप्चर फारमेट-डी.सी.एफ) में की जानी चाहिए ।
4.
प्रत्येक वर्ष 30 सितम्बर 2013 की स्थिति के अनुसार आँकड़े उपलब्ध कराये
जायेंगे, केवल उन मदों को छोड़कर जिनके लिए विशेष रूप से निर्दिष्ट किया गया
हो कि पूर्ववर्ती अकादमिक वर्ष या चालू अकादमिक वर्ष के आँकड़े प्रस्तुत
किये जाने चाहिए ।
5. आँकड़ों का अभिलेख केवल अंग्रेजी अंकों और बड़े अक्षरों (ब्लाक लेटर्स) में रखा जाना चाहिए।
6.
आँकड़ा अभिग्रहण पत्र (डी.सी.एफ.) पर घसीट न लिखिए । इसे साफ-सुथरा रखा
जाना चाहिए । गलत प्रविष्टि पर ऊपर से न लिखिए । इसके स्थान में गलत
प्रविष्टि को काट दीजिए और सही प्रविष्टि पुनः लिख दीजिए ।
7.
स्थान-स्थान पर आँकड़ा अभिग्रहण पत्र (डी.सी.एफ.) पर उचित संकेत अंकित
कीजिए जहाँ ऐसे स्थान दिए गये हों । सही संकेत संख्या अंकित करने का ध्यान
रखिए ।
8. सभी मदों को पूर्ण रूप से भरा जाना चाहिए । कोई भी मद/खाना रिक्त नहीं छोड़ा जाना चाहिए ।
9. कार्यालय के अभिलेखों का अवलोकन करने के पश्चात विद्यालय के प्रधानाध्यापक / प्रचार्य / प्रभारी अध्यापक द्वारा सभी आँकड़ों की प्रविष्टि की जानी चाहिए। सामान्यतः सम्बन्धित अध्यापक को आँकड़ा अभिग्रहण प्रपत्र (डी.सी.एफ.)भरने का प्रशिक्षण प्राप्त कर लेना चाहिए।
10. स्थान के अभाव या किसी अन्य कारण से यदि एक ही भवन में दो अलग-अलग प्रधानाध्यापकों तथा प्रशासन व्यवस्था के साथ दो विद्यालय संचालित हैं तो इन दोनों विद्यालयों का पृथक-पृथक अस्तित्व माना जाना चाहिए और दोनों विद्यालयों में से प्रत्येक को अलग आँकड़ा अभिग्रहण पत्र भरना चाहिए। यदि किसी विद्यालय में एक ही प्रधानाध्यापक और प्रशासन के अधीन दो पालियाँ (शिफ्ट्स) चलती हैं तो इसे एक ही विद्यालय माना जाना चाहिए और विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा केवल एक ही आँकड़ा अभिग्रहण प्रपत्र (डी.सी.एफ.) भरा जाना चाहिए जिसमें दोनों पालियों की संकलित सांख्यिकी का पूर्ण विवरण हो ।
11. विद्यालय के प्रधानाध्यापक/प्रचार्य/प्रभारी अध्यापक को आँकड़ों का सत्यापन करना चाहिए और आँकड़ा अभिग्रहण पत्र को लौटाने से पहले इसके अन्तिम पृष्ठ में उचित स्थान पर अपना हस्ताक्षर मुहर सहित कर देना चाहिए ।
12. इसी प्रकार जिला स्तर पर शैक्षिक प्रबन्धन सूचना प्रणाली प्रकोष्ठ को प्रस्तुत करने से पहले खण्ड शिक्षा अधिकारी/नगर शिक्षा अधिकारी पदेन ब्लाक संसाधन केन्द्र समन्वयक को आँकड़ा अभिग्रहण प्रपत्र (डी.सी.एफ.) के आँकड़ों का सत्यापन करना चाहिए और अभिग्रहण प्रपत्र (डी.सी.एफ.) उचित स्थान पर अपना हस्ताक्षर कर देना चाहिए तथा हाईस्कूल एवं इण्टर कालेज (सेकेण्डरी एवं हायर सेकेण्डरी) हेतु ई0एम0आई0एस0 प्रभारी, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन तथा जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा सत्यापन किया जाएगा।
13. खण्ड शिक्षा अधिकारी/नगर शिक्षा अधिकारी को स्पष्ट त्रुटियों तथा रिक्त प्रविष्टियों की जाँच के लिए आँकड़ा अभिग्रहण प्रपत्र (डी.सी.एफ.) की संवीक्षा (छानबीन) कर लेनी चाहिए। आँकड़ों के 5-10 प्रतिशत नमूने का यादृच्छिक अनुसमर्थन (वैलिडेशन) भी किया जाना चाहिए। नमूने की जाँच के निष्कर्षों पर आधारित आख्या जनपद स्तर पर सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत स्थापित शैक्षिक प्रबन्धन सूचना प्रणाली प्रकोष्ठ को अनिवार्यतः प्रस्तुत की जानी चाहिए ।
14. जिला संकेत (डिस्ट्रिक्क्ट कोड) आपके जनपद को चार अंकों का जिला संकेत आवंटित किया गया है । यह संकेत राज्य कार्यालय में उपलब्ध है और सभी जिलों के साथ कार्य में उसका उपयोग किया जाएगा । हर जिले का अपना एक अनोखा पहचान संकेत होगा । सभी भावी प्रयोजनों के लिए यह संकेत स्थायी रहेगा । जिलों की सीमाओं के पुनर्निधारण या नये जनपदों के निर्माण के फलस्वरूप अलग-अलग संकेतों की आवश्यकता हो सकती है । एक बार निश्चित किये गये जिला संकेत बाद में परियोजना अवधि तक बदले नहीं
जाने चाहिए । आँकड़ों की सार्थकता तथा क्षमता को सुनिश्चित करने के लिए यह आवश्यक है ।
15. विद्यालय संकेत ग्यारह अंकों का विद्यालय संकेत अनोखे ढंग से जनपद में प्रत्येक विद्यालय को परिभाषित करता है । प्रत्येक जनपद के लिए विद्यालय संकेतों की एक मानक सूची तैयार की जायेगी और सभी भावी संदर्भों में उसी का उपयोग किया जाना चाहिए । ग्यारह अंकों वाले विद्यालय संकेत में निम्नलिखित सम्मिलित होंगे:- प्रदेश आई डी.-2 अंक, जनपद आई डी.-2 अंक, ब्लाक आई डी.-2 अंक,
ग्राम आई..डी.-3 अंक, विद्यालय आई..डी.-2 अंक ।
एक बार निर्धारित विद्यालय संकेत आँकड़ों के सभी संदर्भों और भावी उपयोग के लिए अपरिवर्तित रहेगा । विद्यालय संकेतों के निर्धारण की प्रविधि की विस्तृत जानकारी हेतु कृपया जिला शैक्षिक प्रबन्धन सूचना प्रणाली साफ्टवेयर प्रयोगकर्ता पुस्तिका का अवलोकन करें ।
16. अकादमिक वर्ष: अकादमिक सत्र के वर्ष की प्रविष्टि की जानी चाहिए । उदाहरण के लिए 30 सितम्बर 2013 से सम्बन्धित आँकड़ों के लिए अकादमिक वर्ष 2013-14 होगा।
निर्देश पुस्तिका : यू-डायस प्रपत्र वर्ष 2013-14
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
11:00 AM
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1 comment:
ek acchha sujhav
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