प्राथमिक शिक्षकों के रिक्त पदों पर सरकार से जवाब तलब
इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश में
बच्चों को अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा के मूल अधिकारों की रक्षा करने तथा
विद्यालयों में सहायक अध्यापकों के खाली पदों को भरने की मांग को लेकर
दाखिल जनहित याचिका पर राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। कोर्ट
ने राज्य सरकार से पूछा है कि भारी संख्या में अध्यापकों के खाली पदों को
भरने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश शिवकीर्ति सिंह तथा न्यायमूर्ति विक्रमनाथ की
खंडपीठ ने मे. राइट आर्गेनाइजेशन वाराणसी, की जनहित याचिका पर दिया है।
याची का कहना है कि संविधान के अनुच्छेद 21 (ए) के अंतर्गत 6 वर्ष से 14
वर्ष तक के बच्चों को नि:शुल्क व अनिवार्य शिक्षा का अधिकार दिया गया है।
इसी क्रम में केंद्र सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान चलाया और सभी बच्चों को
स्कूल भेजने की मुहिम चलाई। प्रदेश सरकार ने शिक्षा अधिकार कानून-2009 भी
पारित कर व्यापक पैमाने पर शिक्षकों की भर्ती करने की योजना बनाई। चंदौली
जिले में 10 हजार 800 पदों का विज्ञापन निकाला गया जिसमें मानकों की पूरी
तरह से अनदेखी की गई। 21 व 28 जून 13 को काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया।
नोटिस जारी कर काउंसिलिंग में शामिल लोगों को 22 जुलाई को मेडिकल के लिए
बुलाया गया। याची का कहना है कि पूरे प्रदेश में 2 लाख 64 हजार 4 सौ 66
सहायक अध्यापकों के पद खाली है। चंदौली में विज्ञापित पदों में से 59 फीसदी
पद नहीं भरे गए। स्कूलों में अध्यापक न होने से बच्चों के शिक्षा पाने के
मूल अधिकार का हनन हो रहा है। कोर्ट ने राज्य सरकार से खाली पदों को भरने
के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी है।
(साभार-:-दैनिक जागरण)
प्राथमिक शिक्षकों के रिक्त पदों पर सरकार से जवाब तलब
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
9:29 PM
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1 comment:
to mritak aasrito ki niyukti yogyata ke aadar par karen
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