सर्व शिक्षा अभियान : पुराने बनें तो मंजूर हों नए स्कूल
- नहीं खुल पाए 631 विद्यालय
- केंद्र ने नए स्कूलों के निर्माण को मंजूरी देने से मना किया
लखनऊ : सर्व शिक्षा अभियान के तहत चालू वित्तीय वर्ष में राज्य में नए स्कूलों के निर्माण को मंजूरी देने से मना कर दिया गया है तो उसकी जायज वजह है। गुजरे 11 वर्षो के दौरान सर्व शिक्षा अभियान के तहत स्वीकृत 631 स्कूल आज तक नहीं खुल सके हैं। इनमें से 432 स्कूलों को तो राज्य सरकार को सरेंडर करना पड़ा।
राज्य सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए केंद्र को जो प्रस्ताव भेजा था, उसमें 1546 नए प्राथमिक और 198 उच्च प्राथमिक स्कूलों बनाने के लिए धनराशि की मांग की गई थी। केंद्र सरकार ने नए स्कूलों के निर्माण की मांग को यह कहते हुए ठुकरा दिया है कि राज्य सरकार पहले पूर्व के वर्षो में स्वीकृत स्कूलों का निर्माण पूरा कराए। सरकार के लिए यह करारा झटका है लेकिन इसके लिए उसकी लचर कार्यशैली जिम्मेदार है। एक तरफ सरकार बुनियादी शिक्षा का दारा बढ़ाने की चुनौती से जूझ रही है तो दूसरी ओर सर्व शिक्षा अभियान के तहत बीते वर्षो में मंजूर हुए स्कूलों का निर्माण लटका है। इनमें से कई स्कूलों का निर्माण तो शुरू होना बाकी है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत गुजरे 11 वर्षों के दौरान मंजूर हुए 425 प्राथमिक स्कूल और 206 उच्च प्राथमिक विद्यालय आज तक खुल नहीं पाए। इनमें से 239 प्राथमिक और 193 उच्च प्राथमिक स्कूलों को राज्य सरकार ने केंद्र को विभिन्न कारणों का हवाला देते हुए सरेंडर कर दिए। कहीं स्कूलों के लिए जमीन नहीं मिल रही है तो कहीं कार्यदायी संस्थाओं द्वारा निर्माण कार्य में हीलाहवाली की शिकायतें प्राप्त हुई हैं। कहीं शिक्षकों ने स्कूलों का निर्माण कराने से हाथ खड़े कर दिए तो कहीं स्वीकृत हुए विद्यालय स्कूलों की स्थापना के मानक पर खरे नहीं पाए गए। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में 2011-12 में स्वीकृत हुए 536 में से 186 स्कूल मंजूरी के दो साल बाद भी नहीं खुल पाए हैं।
राज्य सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए केंद्र को जो प्रस्ताव भेजा था, उसमें 1546 नए प्राथमिक और 198 उच्च प्राथमिक स्कूलों बनाने के लिए धनराशि की मांग की गई थी। केंद्र सरकार ने नए स्कूलों के निर्माण की मांग को यह कहते हुए ठुकरा दिया है कि राज्य सरकार पहले पूर्व के वर्षो में स्वीकृत स्कूलों का निर्माण पूरा कराए। सरकार के लिए यह करारा झटका है लेकिन इसके लिए उसकी लचर कार्यशैली जिम्मेदार है। एक तरफ सरकार बुनियादी शिक्षा का दारा बढ़ाने की चुनौती से जूझ रही है तो दूसरी ओर सर्व शिक्षा अभियान के तहत बीते वर्षो में मंजूर हुए स्कूलों का निर्माण लटका है। इनमें से कई स्कूलों का निर्माण तो शुरू होना बाकी है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत गुजरे 11 वर्षों के दौरान मंजूर हुए 425 प्राथमिक स्कूल और 206 उच्च प्राथमिक विद्यालय आज तक खुल नहीं पाए। इनमें से 239 प्राथमिक और 193 उच्च प्राथमिक स्कूलों को राज्य सरकार ने केंद्र को विभिन्न कारणों का हवाला देते हुए सरेंडर कर दिए। कहीं स्कूलों के लिए जमीन नहीं मिल रही है तो कहीं कार्यदायी संस्थाओं द्वारा निर्माण कार्य में हीलाहवाली की शिकायतें प्राप्त हुई हैं। कहीं शिक्षकों ने स्कूलों का निर्माण कराने से हाथ खड़े कर दिए तो कहीं स्वीकृत हुए विद्यालय स्कूलों की स्थापना के मानक पर खरे नहीं पाए गए। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में 2011-12 में स्वीकृत हुए 536 में से 186 स्कूल मंजूरी के दो साल बाद भी नहीं खुल पाए हैं।
सर्व शिक्षा अभियान : पुराने बनें तो मंजूर हों नए स्कूल
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
7:19 AM
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