बदले मानक से होगी शिक्ष्ाा निदेशकों की पदोन्नति
- तीन साल के अनुभव की खत्म होगी अनिवार्यता
- माध्यमिक शिक्षा विभाग ने कार्मिक विभाग को भेजा प्रस्ताव
लखनऊ। राज्य सरकार शिक्षा निदेशक के पद पर पदोन्नति देने का मानक बदलने जा रही है। अपर निदेशक के पद पर तीन साल के कार्य अनुभव की अनिवार्यता को समाप्त करने की तैयारी है। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने इसके लिए कार्मिक विभाग को प्रस्ताव भेज दिया है। इस समय शिक्षा निदेशक का एक पद रिक्त है और माध्यमिक शिक्षा विभाग इसे पदोन्नति से भरना चाहता है।
शिक्षा विभाग में निदेशक के चार पद हैं। माध्यमिक शिक्षा, बेसिक शिक्षा, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) और साक्षरता एवं वैकल्पिक शिक्षा। शिक्षा विभाग के पास मौजूदा समय निदेशक स्तर के तीन अधिकारी हैं। सर्वेंद्र विक्रम सिंह, अवध नरेश शर्मा और अमर नाथ वर्मा। बासुदेव यादव 31 मार्च को रिटायर हो चुके हैं। इसलिए निदेशक का एक पद खाली है। माध्यमिक शिक्षा विभाग निदेशक के रिक्त पद को भरने के लिए विभागीय पदोन्नति कमेटी (डीपीसी) की बैठक बुलाकर पदोन्नति प्रक्रिया पूरी करना चाहता है। इसके लिए उसने कार्मिक विभाग से पूर्व में डीपीसी की बैठक बुलाने का अनुरोध करते हुए अपर निदेशकों का पैनल भेजा था।
वरिष्ठता सूची में सबसे पहले सर्व शिक्षा अभियान में अपर निदेशक दिनेश बाबू शर्मा का नाम है। कार्मिक विभाग ने माध्यमिक शिक्षा विभाग की डीपीसी बुलाने संबंधी प्रस्ताव पर आपत्ति लगाते हुए उसे वापस भेज दिया था। कार्मिक विभाग ने कहा था कि अपर निदेशक पद पर अनवरत तीन साल तक काम करने वाले को ही निदेशक पद पर पदोन्नति दी जा सकती है। शिक्षा विभाग ने पदोन्नति के लिए जो सूची भेजी है उसमें से कोई भी अधिकारी यह मानक पूरा नहीं कर रहा है। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने कार्मिक विभाग को संशोधित प्रस्ताव भेजते हुए यह अनिवार्यता समाप्त करने का अनुरोध किया है।
- यह है नियमावली
नियमावली के मुताबिक निदेशक पद पर पदोन्नति के लिए तीन साल तक अपर निदेशक रहना अनिवार्य है। शिक्षा विभाग में इस समय जितने भी निदेशक हैं वे इस मानक को पूरा नहीं कर रहे हैं। इन अधिकारियों को मार्च 2013 में संयुक्त निदेशक से पदोन्नति देकर अपर निदेशक बनाया गया। इस हिसाब से देखा जाए तो इन्हें अपर निदेशक बने हुए 14 माह ही हुए हैं। मौजूदा नियमावली के अनुसार ये अधिकारी 23 माह और अपर निदेशक पद पर काम करने के बाद निदेशक बनने के लिए पात्र होंगे।
- अटकी निदेशक की तैनाती
शिक्षा विभाग में मौजूदा समय दो महत्वपूर्ण विभाग माध्यमिक व बेसिक शिक्षा निदेशक का काम अपर निदेशक स्तर के अधिकारियों से चलाया जा रहा है। बासुदेव यादव ने रिटायर होने के समय इन अधिकारियों को प्रभार दिया था। माध्यमिक व बेसिक शिक्षा निदेशक की स्थायी तैनाती की जानी है, लेकिन सरकार चाहती है कि पहले निदेशक के रिक्त हुए एक पद की डीपीसी हो जाए। इसके बाद स्थायी निदेशक की तैनाती की जाए।
बदले मानक से होगी शिक्ष्ाा निदेशकों की पदोन्नति
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
7:33 AM
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