दिन बाल दिवस का : सिर्फ बच्चों को याद करने का नहीं, बल्कि उन्हें खुशहाल और सुरक्षित बचपन देने के लिए प्रण करने का भी


जवाहरलाल नेहरु (नवंबर 14, 1889 - मई 27, 1964) का जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था। वे स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री थे। जवाहर लाल नेहरू, संसदीय सरकार की स्थापना और विदेशी मामलों में 'गुटनिरपेक्ष' नीतियों के लिए विख्यात हुए। 1930 और 1940 के दशक में भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से वह एक थे। नेहरू बच्चों को सचमुच प्यार करते थे।
जिस आधुनिकता और लोकतंत्र पर आज हम गर्व करते हैं, उसके हर कतरे के लिए भारत जवाहरलाल नेहरू का ऋणी है। सिर्फ अपने पड़ोसी देशों का हाल देखकर ही कोई इस विराट उपलब्धि का मतलब समझ सकता है। लोकतंत्र के विचार को रोपने के लिए भारत को अपने निर्माताओं का, और इसे पोषण देने के लिए नेहरू का शुक्रगुजार होना चाहिए। नेहरू एक विरासत हैं, किसी की जागीर नहीं।  आज का दिन सिर्फ बच्चों को याद करने का नहीं, बल्कि उन्हें खुशहाल और सुरक्षित बचपन देने के लिए प्रण करने का भी है।




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दिन बाल दिवस का : सिर्फ बच्चों को याद करने का नहीं, बल्कि उन्हें खुशहाल और सुरक्षित बचपन देने के लिए प्रण करने का भी Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 8:24 AM Rating: 5

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