दिन बाल दिवस का : सिर्फ बच्चों को याद करने का नहीं, बल्कि उन्हें खुशहाल और सुरक्षित बचपन देने के लिए प्रण करने का भी
जिस आधुनिकता और लोकतंत्र पर आज हम गर्व करते हैं, उसके हर कतरे के लिए भारत जवाहरलाल नेहरू का ऋणी है। सिर्फ अपने पड़ोसी देशों का हाल देखकर ही कोई इस विराट उपलब्धि का मतलब समझ सकता है। लोकतंत्र के विचार को रोपने के लिए भारत को अपने निर्माताओं का, और इसे पोषण देने के लिए नेहरू का शुक्रगुजार होना चाहिए। नेहरू एक विरासत हैं, किसी की जागीर नहीं। आज का दिन सिर्फ बच्चों को याद करने का नहीं, बल्कि उन्हें खुशहाल और सुरक्षित बचपन देने के लिए प्रण करने का भी है।
दिन बाल दिवस का : सिर्फ बच्चों को याद करने का नहीं, बल्कि उन्हें खुशहाल और सुरक्षित बचपन देने के लिए प्रण करने का भी
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
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8:24 AM
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