72 हजार शिक्षक भर्ती सीडी पर संदेह : हाईकोर्ट में दिए गए शपथ पत्र में मूल सीडी न होने का उल्लेख
प्रदेश भर में चल रही 72825 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती पर सवालिया निशान लग गया है। जिस सीडी के आधार पर कट ऑफ मेरिट जारी हुआ और जिलों में काउंसिलिंग हुई, उस सीडी की वैधता पर सवाल उठने लगे हैं। माध्यमिक शिक्षा परिषद की पूर्व सचिव की ओर से हाईकोर्ट में दिए गए शपथ पत्र में स्पष्ट लिखा है कि राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण संस्थान को सौंपी गई न तो मूल सीडी है और न ही परीक्षा परिणाम की अंतिम सीडी है। ऐसे में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया कहां तक वाजिब है इसका जवाब शिक्षा विभाग के पास नहीं है।
अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2011 में परीक्षार्थी महराज सिंह रोल नंबर 17007112 ने प्राथमिक स्तर की परीक्षा सरस्वती इंटर कॉलेज लहरदेवी रोड झांसी में दी थी। उसने 111 अंक हासिल किए और उत्तीर्ण घोषित हुआ, लेकिन परीक्षा परिणाम में परीक्षार्थी के नाम की जगह पिता का नाम दर्ज हो गया। इसका संशोधन कराने के लिए महराज ने माध्यमिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद में आवेदन दिया तो परिषद ने अभिलेखों के अभाव में संशोधित प्रमाणपत्र जारी करने से मना कर दिया।
परीक्षार्थी इसके विरुद्ध हाईकोर्ट गया तो पूर्व सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद शकुंतला देवी यादव ने बीते 15 जुलाई 2014 को पुलिस अधीक्षक कानपुर देहात को लिखे पत्र को बतौर शपथ पत्र हाईकोर्ट में लगाया है। शपथ पत्र में लिखा है कि तत्कालीन परिषद की सचिव प्रभा त्रिपाठी ने 11 जनवरी 2012 को टीईटी परीक्षाफल 2011 की सीडी का शील्ड लिफाफा शिक्षा निदेशक (बेसिक) निशातगंज लखनऊ को भेजा है, किंतु इस सीडी की कोई प्रति परिषद में नहीं है। बाद में एक नवंबर 2012 को शिक्षा निदेशक ने यह सीडी निदेशक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को भेजी तो सीडी की दो प्रतियां परिषद कार्यालय को भी भेजी गई हैं।
पूर्व सचिव शकुंतला देवी ने शपथ पत्र में यह भी लिखा है कि सीडी उपलब्ध कराने वाली पूर्व सचिव प्रभा त्रिपाठी ने चार मार्च 2013 को पत्र भेजकर अवगत कराया है कि जो सीडी निदेशक एससीईआरटी को उपलब्ध कराई गई है वह न तो मूल सीडी है और न ही टीईटी परीक्षा परिणाम की अंतिम सूची है। ऐसे में सचिव ने परीक्षार्थी के प्रमाणपत्र में संशोधन करने से इनकार कर दिया।
खास बात यह है कि माध्यमिक शिक्षा परिषद की पूर्व सचिव ने एक अभ्यर्थी का प्रमाणपत्र दुरुस्त करने के लिए जिस सीडी को तवज्जो नहीं दी उसी सीडी के आधार पर पूरे प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती हो रही है। ऐसे में सवाल है कि आखिर भर्ती प्रक्रिया कितनी पारदर्शी है। काउंसिलिंग एवं भर्ती प्रक्रिया में नित नए मामले भी सामने आ रहे हैं। हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने तो पूरी काउंसिलिंग सूची को तलब किया है।
अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2011 में परीक्षार्थी महराज सिंह रोल नंबर 17007112 ने प्राथमिक स्तर की परीक्षा सरस्वती इंटर कॉलेज लहरदेवी रोड झांसी में दी थी। उसने 111 अंक हासिल किए और उत्तीर्ण घोषित हुआ, लेकिन परीक्षा परिणाम में परीक्षार्थी के नाम की जगह पिता का नाम दर्ज हो गया। इसका संशोधन कराने के लिए महराज ने माध्यमिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद में आवेदन दिया तो परिषद ने अभिलेखों के अभाव में संशोधित प्रमाणपत्र जारी करने से मना कर दिया।
परीक्षार्थी इसके विरुद्ध हाईकोर्ट गया तो पूर्व सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद शकुंतला देवी यादव ने बीते 15 जुलाई 2014 को पुलिस अधीक्षक कानपुर देहात को लिखे पत्र को बतौर शपथ पत्र हाईकोर्ट में लगाया है। शपथ पत्र में लिखा है कि तत्कालीन परिषद की सचिव प्रभा त्रिपाठी ने 11 जनवरी 2012 को टीईटी परीक्षाफल 2011 की सीडी का शील्ड लिफाफा शिक्षा निदेशक (बेसिक) निशातगंज लखनऊ को भेजा है, किंतु इस सीडी की कोई प्रति परिषद में नहीं है। बाद में एक नवंबर 2012 को शिक्षा निदेशक ने यह सीडी निदेशक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को भेजी तो सीडी की दो प्रतियां परिषद कार्यालय को भी भेजी गई हैं।
पूर्व सचिव शकुंतला देवी ने शपथ पत्र में यह भी लिखा है कि सीडी उपलब्ध कराने वाली पूर्व सचिव प्रभा त्रिपाठी ने चार मार्च 2013 को पत्र भेजकर अवगत कराया है कि जो सीडी निदेशक एससीईआरटी को उपलब्ध कराई गई है वह न तो मूल सीडी है और न ही टीईटी परीक्षा परिणाम की अंतिम सूची है। ऐसे में सचिव ने परीक्षार्थी के प्रमाणपत्र में संशोधन करने से इनकार कर दिया।
खास बात यह है कि माध्यमिक शिक्षा परिषद की पूर्व सचिव ने एक अभ्यर्थी का प्रमाणपत्र दुरुस्त करने के लिए जिस सीडी को तवज्जो नहीं दी उसी सीडी के आधार पर पूरे प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती हो रही है। ऐसे में सवाल है कि आखिर भर्ती प्रक्रिया कितनी पारदर्शी है। काउंसिलिंग एवं भर्ती प्रक्रिया में नित नए मामले भी सामने आ रहे हैं। हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने तो पूरी काउंसिलिंग सूची को तलब किया है।
मुङो जो सीडी शिक्षा निदेशक (बेसिक) से मिली है उसके आधार पर काउंसिलिंग करा रहे हैं। माध्यमिक शिक्षा परिषद की पूर्व सचिव ने हाईकोर्ट में क्या शपथ पत्र दिया है, इस संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। ~ सर्वेद्र विक्रम सिंह, निदेशक राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद इलाहाबाद।
खबर साभार : दैनिक जागरण
72 हजार शिक्षक भर्ती सीडी पर संदेह : हाईकोर्ट में दिए गए शपथ पत्र में मूल सीडी न होने का उल्लेख
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
9:14 AM
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