कम अनुभव वाले नहीं बन पाएंगे बेसिक शिक्षा परिषद के वकील : पांच साल का अनुभव जरूरी
सरकारी निकायों के वकीलों की योग्यता, मानदेय पर हाईकोर्ट ने मांगी जानकारी
इलाहाबाद (ब्यूरो)। हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से पूछा है कि सरकारी निकायों, कंपनियों और राजकीय सहायता प्राप्त संस्थानों के मुकदमों की पैरवी हेतु नियुक्त किए जाने वाले अधिवक्ताओं की अर्हता और मानदेय का मानक क्या है। अधिवक्ता घनश्याम मौर्या की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अरुण टंडन और न्यायमूर्ति एके मिश्र प्रथम की खंडपीठ ने चार दिसंबर तक सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा है।
इलाहाबाद (ब्यूरो)। हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से पूछा है कि सरकारी निकायों, कंपनियों और राजकीय सहायता प्राप्त संस्थानों के मुकदमों की पैरवी हेतु नियुक्त किए जाने वाले अधिवक्ताओं की अर्हता और मानदेय का मानक क्या है। अधिवक्ता घनश्याम मौर्या की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अरुण टंडन और न्यायमूर्ति एके मिश्र प्रथम की खंडपीठ ने चार दिसंबर तक सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा है।
इस बीच मुख्य
सचिव द्वारा दाखिल एक हलफनामे में कहा गया है कि सचिव बेसिक शिक्षा और विधि
विभाग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में तय किया गया है कि अब पांच वर्ष
से कम अनुभव रखने वाले वकीलों को बेसिक शिक्षा परिषद का वकील नियुक्ति नहीं
किया जाएगा। इससे संबंधित शासनादेश भी जारी कर दिया गया है। इसी प्रकार से
अशासकीय सहायता प्राप्त और मान्यता प्राप्त विद्यालयों के मुकदमों की
पैरवी राज्य सरकार के अधिवक्ता पैनल से कराई जाएगी। याचिका में सरकारी
निकायों के अधिवक्ता पैनल पर सवाल उठाए गए हैं। उनको मिल रहे मानदेय और
नियुक्ति के तरीकों को भी अनुचित बताया गया है। खंडपीठ ने सरकार और हलफनामा
दाखिल कर इन सवालोें का जवाब देने के लिए कहा है।
खबर साभार : अमर उजाला
कम अनुभव वाले नहीं बन पाएंगे बेसिक शिक्षा परिषद के वकील : पांच साल का अनुभव जरूरी
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
7:03 AM
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