उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा का बदलेगा प्रारूप : सीटीईटी की तर्ज पर होगी परीक्षा
इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी यूपी टीईटी का
प्रारूप बदलने जा रहा है। तय र्ढे के बजाय इस बार से दूसरे मानकों पर
परीक्षा कराई जानी है। कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार की सीटीईटी की तर्ज
पर परीक्षा होगी। इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजा गया है।
प्रदेश में यूपी टीईटी परीक्षा वर्ष 2011 से शुरू हुई थी। उस समय परीक्षा कराने का दायित्व उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद को सौंपा गया था। इस परीक्षा के बाद जिस तरह से रैकेट सामने आया और बड़ों की गिरफ्तारी हुई उससे परीक्षा की शुचिता पर सवाल उठे। इसके बाद से यह इम्तिहान कराने का जिम्मा परीक्षा नियामक प्राधिकारी उत्तर प्रदेश इलाहाबाद को सौंपा गया। परीक्षा नियामक ने 2013 जून एवं फरवरी 2014 में इम्तिहान भी कराया। वैसे 2013 की परीक्षा पर कुछ प्रतिभागियों ने न्यायालय की शरण ली थी, लेकिन 2014 की परीक्षा में ऐसी नौबत नहीं आई। इससे उत्साहित परीक्षा नियामक प्राधिकारी अब परीक्षा प्रारूप बदलने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है। बताते हैं कि अब तक प्राथमिक एवं जूनियर स्तर की टीईटी परीक्षा में दो-दो प्रश्नपत्र होते थे। एक सामान्य ज्ञान आदि का व दूसरा भाषा (संस्कृत, अंग्रेजी व उर्दू) का। वहीं केंद्र सरकार की टीईटी परीक्षा में भाषा का प्रश्नपत्र नहीं होता था। साथ ही एनसीटीई ने भी केंद्र सरकार की परीक्षा प्रणाली पर मुहर लगाई है। ऐसे में परीक्षा नियामक ने उसी तर्ज पर इम्तिहान कराने का प्रस्ताव तैयार किया है और इसे अनुमोदन के लिए शासन को भेजा है। परीक्षा नियामक कार्यालय के रजिस्ट्रार नवल किशोर ने बताया कि शासन जल्द ही इस पर मुहर लगा सकता है। इसमें भाषा की परीक्षा न कराने का प्रस्ताव है।
प्रदेश में यूपी टीईटी परीक्षा वर्ष 2011 से शुरू हुई थी। उस समय परीक्षा कराने का दायित्व उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद को सौंपा गया था। इस परीक्षा के बाद जिस तरह से रैकेट सामने आया और बड़ों की गिरफ्तारी हुई उससे परीक्षा की शुचिता पर सवाल उठे। इसके बाद से यह इम्तिहान कराने का जिम्मा परीक्षा नियामक प्राधिकारी उत्तर प्रदेश इलाहाबाद को सौंपा गया। परीक्षा नियामक ने 2013 जून एवं फरवरी 2014 में इम्तिहान भी कराया। वैसे 2013 की परीक्षा पर कुछ प्रतिभागियों ने न्यायालय की शरण ली थी, लेकिन 2014 की परीक्षा में ऐसी नौबत नहीं आई। इससे उत्साहित परीक्षा नियामक प्राधिकारी अब परीक्षा प्रारूप बदलने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है। बताते हैं कि अब तक प्राथमिक एवं जूनियर स्तर की टीईटी परीक्षा में दो-दो प्रश्नपत्र होते थे। एक सामान्य ज्ञान आदि का व दूसरा भाषा (संस्कृत, अंग्रेजी व उर्दू) का। वहीं केंद्र सरकार की टीईटी परीक्षा में भाषा का प्रश्नपत्र नहीं होता था। साथ ही एनसीटीई ने भी केंद्र सरकार की परीक्षा प्रणाली पर मुहर लगाई है। ऐसे में परीक्षा नियामक ने उसी तर्ज पर इम्तिहान कराने का प्रस्ताव तैयार किया है और इसे अनुमोदन के लिए शासन को भेजा है। परीक्षा नियामक कार्यालय के रजिस्ट्रार नवल किशोर ने बताया कि शासन जल्द ही इस पर मुहर लगा सकता है। इसमें भाषा की परीक्षा न कराने का प्रस्ताव है।
उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा का बदलेगा प्रारूप : सीटीईटी की तर्ज पर होगी परीक्षा
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
9:00 AM
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