25 जिलों में मॉडल स्कूल बनाने की प्रगति धीमी : 31 दिसंबर तक हर हाल में काम पूर्ण करने का निर्देश
लखनऊ।
प्रदेश के 25 जिलों में मॉडल स्कूलों के निर्माण की धीमी प्रगति को
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा के राज्य परियोजना निदेशालय ने गंभीरता से लिया
है। अपर परियोजना निदेशक प्रभा त्रिपाठी ने इन जिलों के अधिकारियों को सख्त
निर्देश दिया कि शेष कामों को 31 दिसंबर तक हर हाल में पूरा करा लिया जाए,
जिससे नए सत्र 1 अप्रैल से मॉडल स्कूलों में दाखिला देकर पढ़ाई शुरू कराई
जा सके।
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान
के तहत मॉडल स्कूलों का निर्माण कार्य चल रहा है। केंद्र ने वर्ष 2010-11
में 148 और वर्ष 2012-13 में 45 मॉडल स्कूल स्वीकृत किए हैं। पहले चरण में
मंजूर 148 स्कूलों के निर्माण के लिए प्रति स्कूल 302 लाख रुपये के हिसाब
से जिलों को पैसे भेजे जा चुके हैं। राज्य सरकार नए शैक्षिक सत्र से इन
स्कूलों में सीबीएसई पैटर्न पर पढ़ाई शुरू कराना चाहती है। पहले साल कक्षा 6
से 10 तक छात्र-छात्राओं को दाखिला दिया जाएगा। इसलिए राज्य परियोजना
निदेशालय चाहता है कि शेष बचे स्कूलों का निर्माण दिसंबर तक हर हाल में हो
जाए। अपर परियोजना निदेशक ने इस संबंध में जिलेवार अधिकारियों की बैठक
बुलाई थी। इसमें उनके जिलों में स्वीकृत स्कूलों, उनके निर्माण की प्रगति
और निर्मित हो चुके स्कूलों में विभाग को हैंडओवर हो चुके स्कूलों में
जानकारी प्राप्त की गई। प्रदेश के 25 जिलों में निर्माण की प्रगति खराब पाई
गई। स्थिति यह है कि निर्माण कार्य 40 प्रतिशत तक ही हो पाया है।
- इन जिलों में स्थिति खराब
एटा,
कासगंज, हाथरस, इलाहाबाद, फतेहपुर, प्रतापगढ़, मऊ, देवरिया, बदायूं,
बिजनौर, चित्रकूट, बांदा, महोबा, जालौन, गोंडा, सुल्तानपुर, अमेठी,
रायबरेली, फर्रुखाबाद, कन्नौज, लखनऊ, बुलंदशहर, भदोही, सोनभद्र व चंदौली।
25 जिलों में मॉडल स्कूल बनाने की प्रगति धीमी : 31 दिसंबर तक हर हाल में काम पूर्ण करने का निर्देश
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
9:59 AM
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