अब मेज कुर्सी पर बैठ कर पढ़ाई करेंगे सरकारी प्राइमरी स्कूलों के विद्यार्थी भी : राज्य सरकार अपने पास से पैसा देगी

सरकारी प्राइमरी स्कूलों के विद्यार्थी  भी अब मेज कुर्सी पर बैठ कर पढ़ाई करेंगे। बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई एक बैठक में यह फैसला किया गया है। इसके लिए राज्य सरकार अपने पास से पैसा देगी।

श्री चौधरी ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों की तारीफ करते हुए कहा कि यह निर्णय  पहले ही लिया गया था लेकिन केन्द्र सरकार ने बजट देने से हाथ खड़े कर दिए। अभी तक स्कूलों में दरी या बोरों पर बैठ कर पढ़ाई होती है। उन्होंने कहा कि हर सरकारी स्कूल में अंग्रेजी की पढ़ाई अनिवार्य रूप से कराई जाए। कक्षा एक से ही अंग्रेजी पर जोर दिया जाए। अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के लिए भी निर्देश दिए कि कार्ययोजना 15 दिसम्बर तक तैयार की जाए। अध्यापकों को चिह्न्ति कर प्रशिक्षण शुरू किया जाए। 



एससीईआरटी को उन्होंने किताबों के अनुवाद अंग्रेजी में करने के निर्देश देते हुए कहा कि इसकी मॉनिटरिंग भी की जाएगी। बेसिक शिक्षा मंत्री ने डायट के प्राचायो और उपप्राचायो को भी दो-दो स्कूल गोद लेने के निदेश दिए। कहा कि बीएसए, एबीएसए के अलावा उपरोक्त अधिकारियों के भी स्कूल गोद लेने के बाद आदश स्कूलों की संख्या 7 हजार से बढ़कर 7,150 हो जाएगी।

खबर साभार : हिन्दुस्तान 

बेसिक शिक्षा मंत्री ने दिए निर्देश : प्राइमरी स्कूल के बच्चों के लिए भी मेज-कुर्सी

बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि अब बेसिक शिक्षा के संसाधनों के माध्यम से परिषदीय प्राथमिक स्कूलों के बच्चे भी मेज-कुर्सियों पर बैठकर पढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए निर्णय पहले लिया गया था। लेकिन भारत सरकार से वित्तीय सहायता नहीं मिली थी। अब बेसिक शिक्षा विभाग के संसाधनों के माध्यम से वित्तीय व्यवस्था की गई है, ताकि प्राइमरी के बच्चे स्कूलों में मेज-कुर्सी पर बैठकर पढ़ाई कर सकें।
खबर साभार : डीएनए

परिषदीय स्कूलों में टाट-पट्टी के दिन लदेंगे  

लखनऊ : अगले शैक्षिक सत्र से बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित स्कूलों के बच्चे टाट-पट्टी पर बैठने को मजबूर नहीं होंगे। वह मेज-कुर्सी पर बैठकर पढ़ाई कर सकेंगे। सभी परिषदीय स्कूलों में मेज-कुर्सियां मुहैया कराने पर आने वाले खर्च को बेसिक शिक्षा विभाग अपने संसाधनों से वहन करेगा। बुधवार को बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी की अध्यक्षता में हुई विभागीय अफसरों की बैठक में यह फैसला हुआ। 

कक्षा एक से अनिवार्य होगी अंग्रेजी की पढ़ाई : बेसिक शिक्षा मंत्री ने बताया कि शैक्षिक सत्र 2015-16 से परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में कक्षा एक से अंग्रेजी की पढ़ाई अनिवार्य होगी। अभी इन स्कूलों में कक्षा तीन से अंग्रेजी की पढ़ाई होती है। 

पांचवीं और आठवीं में होंगी बोर्ड परीक्षाएं : बेसिक शिक्षा मंत्री ने अगले सत्र से परिषदीय स्कूलों की पांचवीं और आठवीं कक्षाओं में बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा बोर्ड परीक्षाएं कराने का निर्देश भी दिया है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद इन कक्षाओं में बोर्ड परीक्षाएं बंद कर दी गई थीं।

अंग्रेजी माध्यम के एक-एक स्कूल गांव व शहर में : बेसिक शिक्षा मंत्री ने यह भी निर्देश दिया अगले शैक्षिक सत्र से प्रत्येक जिले में अंग्रेजी माध्यम के जो दो प्राथमिक स्कूल संचालित किये जाने हैं, उनमें से एक शहरी क्षेत्र में हो और दूसरा ग्रामीण क्षेत्र में। 

शिक्षा अधिकारियों को गोद लेने होंगे दो स्कूल : बैठक में मंत्री ने निर्देश दिया कि प्रत्येक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी, ब्लॉक संसाधन केंद्रों के सह-समन्वयक, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण केंद्रों के प्राचार्य और मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (एडी बेसिक) को अपने क्षेत्र के दो-दो स्कूलों को गोद लेकर उन्हें मॉडल स्कूल के तौर पर विकसित करना होगा। स्कूलों में होने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी।

खबर साभार : दैनिक जागरण

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अब मेज कुर्सी पर बैठ कर पढ़ाई करेंगे सरकारी प्राइमरी स्कूलों के विद्यार्थी भी : राज्य सरकार अपने पास से पैसा देगी Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 6:53 AM Rating: 5

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