तीन साल के संघर्ष के बाद बन पाए शिक्षक : प्रशिक्षु शिक्षकों को 19 से मिलेंगे नियुक्ति पत्र; नवंबर 2011 में निकला था विज्ञापन
- तीन साल के संघर्ष के बाद बन पाए शिक्षक
- प्रशिक्षु शिक्षकों को 19 से मिलेंगे नियुक्ति पत्र
- नवंबर 2011 में निकला था विज्ञापन
लखनऊ।
बीएड वालों के लिए वकाई में यह सुखद घड़ी है कि तीन साल की लंबी लड़ाई के
बाद अब उन्हें प्रशिक्षु शिक्षक बनने का मौका मिलने जा रहा है। इस दौरान
उन्होंने दो सरकारें भी देख लीं। चिंता में रातों की नींद गंवाने वाले
युवाओं की अब खुशी से नींद गायब होने वाली है, क्योंकि उन्हें 19 जनवरी से
प्रशिक्षु शिक्षक का नियुक्ति पत्र मिलने वाला है। नियुक्ति पत्र पाने वाले
अभ्यर्थियों को 27 जनवरी तक स्कूलों में जॉइनिंग देनी होगी।
- सत्ता बदलते ही बदल दिया मानक :
विधानसभा
चुनाव के बाद प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ और अखिलेश यादव के नेतृत्व
में सरकार बनी। नवनिर्वाचित सरकार ने नवंबर 2011 में तत्कालीन माया सरकार
द्वारा शुरू की गई भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कर दिया। इन्हीं पदों के लिए
टीईटी मेरिट के स्थान पर शैक्षिक मेरिट यानी हाईस्कूल, इंटर, स्नातक और
टीईटी में मिले अंकों को जोड़ते हुए चयन का आधार कर दिया गया। शिक्षक बनने
की चाहत रखने वालों ने इसमें भी खूब आवेदन किए।
- हाईकोर्ट ने खारिज कर दी नियमावली :
प्रशिक्षु
शिक्षकों की भर्ती के लिए अखिलेश सरकार की नियमावली को हाईकोर्ट ने खारिज
करते हुए कहा कि प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती नवंबर 2011 में बनाए गए नियम
के आधार पर होगी। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन
वहां से भी निराशा ही हाथ लगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रशिक्षु शिक्षक
भर्ती नवंबर 2011 में जारी विज्ञापन के आधार पर ही की जाएगी। राज्य सरकार
इसके आधार पर भर्ती प्रक्रिया पूरी कर बताएगी।
- देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने तय की मेरिट :
प्रशिक्षु
शिक्षक भर्ती में देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर राज्य सरकार को
फटकार लगाते हुए मानक तय कर दिया। आदेश में कहा गया कि प्रशिक्षु शिक्षक
भर्ती में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी 70 और आरक्षित वर्ग के 65 प्रतिशत पर
पात्र होंगे। इससे कम प्रतिशत वाले पात्र नहीं माने जाएंगे और राज्य सरकार
इसके आधार पर छह सप्ताह में भर्ती प्रक्रिया पूरी करेगी। अब इसके आधार पर
ही 31 जनवरी तक पात्रों को नियुक्ति पत्र देने का कार्यक्रम तय किया गया
है।
प्राइमरी
स्कूलों में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती के लिए नवंबर 2011 में
विज्ञापन निकालते हुए आवेदन मांगा गया। तत्कालीन माया सरकार ने इसके लिए
टीईटी पास बीएड वालों को पात्र माना। भर्ती का मानक टीईटी मेरिट रखा गया।
आवेदन के लिए सभी जिलों में छूट होने की वजह से युवाओं ने 40 से 50 जिलों
में आवेदन किए, इसके चलते करीब 68 लाख आवेदन आए। भर्ती प्रक्रिया पूरी हो
पाती इससे पहले विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी हो गई, जिससे भर्ती
प्रक्रिया रुक गई।
खबर साभार : अमर उजाला
तीन साल के संघर्ष के बाद बन पाए शिक्षक : प्रशिक्षु शिक्षकों को 19 से मिलेंगे नियुक्ति पत्र; नवंबर 2011 में निकला था विज्ञापन
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
8:52 AM
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