अध्यापक शिक्षा के NCTE ने तैयार किए हैं कुल 15 पाठ्यक्रम : नए शैक्षिक सत्र से बीएड और एमएड में इंटर्नशिप
- एनसीटीई ने तैयार किए हैं कुल 15 पाठ्यक्रम,
- नौ उच्च शिक्षा स्तर के
- अध्यापक शिक्षा के नौ कोर्स शुरू करेंगे विवि
- यूजीसी ने संस्थानों को लिखा पत्र, आगामी सत्र से शुरू होंगे सभी नए कोर्स
- दो वर्षीय बीएड और एमएड समेत कई इंटीग्रेटेड, डिप्लोमा कोर्सेज हैं शामिल
- आगे की रणनीति पर विचार के लिए एनसीटीई की जयपुर में बुलाई गई बैठक
इलाहाबाद। शिक्षा के क्षेत्र में कॅरियर संवारने के इच्छुक युवाओं को अब तकनीकी, चिकित्सा की तरह विशेषज्ञता हासिल करनी होगी। इस मकसद से आगामी सत्र से 15 पाठ्यक्रम शुरू होने जा रहे हैं। इनमें नौ कोर्स उच्च शिक्षा स्तर के हैं जिन्हें विश्वविद्यालयों और कालेजों में शुरू होना है। इन पाठ्यक्रमों में दो वर्षीय बीएड, एमएड, इंटीग्रेटेड, डिप्लोमा कोर्स आदि शामिल हैं। इनमें कई पाठ्यक्रमों में बारहवीं के बाद ही दाखिला मिलेगा। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद तथा राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने इसका खाका तैयार कर लिया है। यूजीसी ने पत्र लिखकर सभी विश्वविद्यालयों को मानक के अनुसार तैयारी कर आगामी सत्र से ही इन पाठ्यक्रमों को शुरू करने के लिए कहा है। साथ ही आगे की रणनीति के लिए एनसीटीई की जयपुर में इसी सप्ताह बैठक बुलाई गई है।
शिक्षा खासतौर पर प्राथमिक शिक्षा का गिरता स्तर मानव संसाधन विकास मंत्रालय तथा विशेषज्ञों के सामने बड़ी चिंता है। इसके मद्देनजर सरकार ने बड़े स्तर पर बदलाव की कवायद शुरू की है। इसी के तहत आगामी सत्र से बीएड और एमएड का कोर्स दो वर्षीय हो जाएगा। अभी एक साल के कोर्स चलाए जा रहे हैं। इनके अलावा बारहवीं के बाद चार वर्षीय बीएड, तीन वर्षीय बीएड और एमएड इंटीग्रेटेड कोर्स समेत 15 तरह के पाठ्यक्रम तैयार किए गए हैं। चूंकि अब स्मार्ट क्लासेज का दौर शुरू हो चुका है। इसलिए पाठ्यक्रम में तकनीकी पहलुओं को भी शामिल किया गया है। राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद के निदेशक मंडल में शामिल तथा इलाहाबाद विश्वविद्यालय के शिक्षाशास्त्र विभाग के प्रोफेसर पीके साहू ने बताया कि यूजीसी की ओर से इसके लिए गाइड लाइन जारी हो चुकी है। आगामी सत्र से सभी शिक्षण संस्थानों में उसी के अनुरूप पढ़ाई होगी।
बीएड, एमएड में शुरू होगा इंटर्नशिप
नए
पैटर्न में बीएड, एमएड की पढ़ाई में थ्योरी के बजाय प्रायोगिक शिक्षा पर
अधिक जोर होगा। इसके तहत इंटर्नशिप की भी अनिवार्य किया गया है। बीएड के
छात्रों को पढ़ाई के दौरान स्कूलों में जाकर कक्षाएं लेनी होती है लेकिन
एमएड में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है। नई व्यवस्था में दोनों पाठ्यक्रम
के विद्यार्थियों को छह महीने का इंटर्नशिप करना होगा।
- इविवि में नहीं शुरू होंगे नए कोर्स
अध्यापक शिक्षा को लेकर देश भर में व्यापक बदलाव की कवायद शुरू की गई है लेकिन इलाहाबाद विश्वविद्यालय इस मामले में भी पीछे रह जाएगा। यहां कोई नया कोर्स शुरू नहीं हो जा रहा। शिक्षकों की कमी को मुख्य कारण बताया जा रहा है। हालांकि बीएड और एमएड के सिलेबस में नए मानक के अनुसार परिवर्तन किया जाएगा। विश्वविद्यालय में एक वर्षीय एमएड तथा संघटक कालेजों में एक वर्षीय बीएड कोर्स चलाया जाता है। प्रोफेसर पीके साहू ने बताया कि आगामी सत्र से दोनों कोर्स दो वर्षीय हो जाएंगे। इसमें सेमेस्टर प्रणालि भी लागू किया जाएगा। सिलेबस में भी परिवर्तन किया जाएगा।
- बीएड और एमएड होंगे अब दो साल के कोर्स
- क्लास में पढ़ाने को तैयार होंगे स्मार्ट टीचर
- नए सत्र से बीएड और एमएड करने वालों के लिए इंटर्नशिप भी
- नए मानकों के मुताबिक शुरू किए जाएंगे अध्यायक शिक्षा के नौ पाठ्यक्रम
- नए शैक्षिक सत्र से दो साल का हो जाएगा यह दोनों कोर्स बदलेगा पाठय़क्रम
इलाहाबाद। अध्यापक शिक्षा के दो पाठय़क्रम बीएड और एमएड नए शैक्षिक सत्र से एक की बजाए दो वर्ष के हो जाएंगे। इसमें दाखिला लेने वाले छात्र-छात्रओं को अब मेडिकल छात्रों की तरह इंटर्नशिप भी कराया जाएगा। यह पाठ्यक्रम का हिस्सा होगा। इस पर छात्रों को नंबर भी दिए जाएंगे। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में इन दोनों पाठ्यक्रमों में बदलाव की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में बीएड तो नहीं है पर इसके संघटक केपी ट्रेनिंग कॉलेज और एसएस खन्ना गल्र्स डिग्री कॉलेज में बीएड का पाठ्यक्रम संचालित होता है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में एमएड की पढ़ाई होती है। राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की ओर से संचालित अध्यापक शिक्षा के 15 में से नौ पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय प्रणाली के अंतर्गत आते हैं।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष डॉ. वेद प्रकाश ने पत्र जारी कर सभी कुलपतियों से कहा गया है कि इन पाठ्यक्रमों को अगले शैक्षिक सत्र (2015-16) से एनसीटीई की ओर से 2014 में बनाए गए मानकों के अनुरूप लागू करने के लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी जाए।
उन्होंने यह भी कहा है कि अध्यापक शिक्षा के जिन पाठ्यक्रमों की समयावधि यूजीसी की वर्तमान अधिसूचना से अलग है उसके बारे में यूजीसी विचार कर रही है ताकि उसे एनसीटीई के विनियमों के अनुरूप बनाया जा सके। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी एवं शिक्षा शास्त्र विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. पीके साहू, जो इंडियन एसोसिएशन ऑफ टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं, ने बताया कि बीएड और एमएड के दो वर्षीय पाठ्यक्रम में अध्यापक शिक्षा के लिए जरूरी कुछ नए विषयों का समावेश किया जाएगा।
नए पाठ्यक्रम में व्यवहारिक ज्ञान पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। छात्रों को इंटर्नशिप कराने के पीछे मकसद यही है कि छात्रों को स्कूल में पढ़ाने का व्यवहारिक अनुभव हो सके। प्रो. साहू ने बताया कि नौ पाठ्यक्रमों में कुछ इंटीग्रेटेड भी हैं। शिक्षकों के अभाव के कारण इलाहाबाद विश्वविद्यालय में फिलहाल कोई नया पाठ्यक्रम शुरू नहीं किया जाएगा।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में बीएड तो नहीं है पर इसके संघटक केपी ट्रेनिंग कॉलेज और एसएस खन्ना गल्र्स डिग्री कॉलेज में बीएड का पाठ्यक्रम संचालित होता है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में एमएड की पढ़ाई होती है। राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की ओर से संचालित अध्यापक शिक्षा के 15 में से नौ पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय प्रणाली के अंतर्गत आते हैं।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष डॉ. वेद प्रकाश ने पत्र जारी कर सभी कुलपतियों से कहा गया है कि इन पाठ्यक्रमों को अगले शैक्षिक सत्र (2015-16) से एनसीटीई की ओर से 2014 में बनाए गए मानकों के अनुरूप लागू करने के लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी जाए।
उन्होंने यह भी कहा है कि अध्यापक शिक्षा के जिन पाठ्यक्रमों की समयावधि यूजीसी की वर्तमान अधिसूचना से अलग है उसके बारे में यूजीसी विचार कर रही है ताकि उसे एनसीटीई के विनियमों के अनुरूप बनाया जा सके। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी एवं शिक्षा शास्त्र विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. पीके साहू, जो इंडियन एसोसिएशन ऑफ टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं, ने बताया कि बीएड और एमएड के दो वर्षीय पाठ्यक्रम में अध्यापक शिक्षा के लिए जरूरी कुछ नए विषयों का समावेश किया जाएगा।
नए पाठ्यक्रम में व्यवहारिक ज्ञान पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। छात्रों को इंटर्नशिप कराने के पीछे मकसद यही है कि छात्रों को स्कूल में पढ़ाने का व्यवहारिक अनुभव हो सके। प्रो. साहू ने बताया कि नौ पाठ्यक्रमों में कुछ इंटीग्रेटेड भी हैं। शिक्षकों के अभाव के कारण इलाहाबाद विश्वविद्यालय में फिलहाल कोई नया पाठ्यक्रम शुरू नहीं किया जाएगा।
- तैयार होंगे स्मार्ट टीचर
बीएड और एमएड के जरिए अब ऐसे शिक्षक तैयार किए जाएंगे जो स्मार्ट क्लास में पढ़ाने, ऑनलाइन लेक्चर देने के साथ ही ज्ञान बढ़ाने के लिए इंटरनेट आदि का इस्तेमाल करने में सक्षम हों। एनसीटीई के माध्यम से लागू किए जा रहे इन दोनों कोर्स में अध्यापक शिक्षा के लिए जरूरी तकनीकी ज्ञान का भी समावेश किया जा रहा है।
अध्यापक शिक्षा के NCTE ने तैयार किए हैं कुल 15 पाठ्यक्रम : नए शैक्षिक सत्र से बीएड और एमएड में इंटर्नशिप
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
11:13 AM
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