आंगनबाड़ी हॉट एंड कुक्ड फूड : आपूर्ति संस्था की रसोई में की जायेगी मुख्य सेविका की तैनाती
- खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता उपलब्ध कराने के लिये लिया फैसला
क्या
और कितनी आपूर्ति:-
- हलुआ- 100 ग्राम प्रति बच्चा
- मीठा दलिया-150 ग्राम प्रति बच्चा
- खिचड़ी-170 ग्राम प्रति बच्चा
- तहरी-120 ग्राम प्रति बच्चा।
लखनऊ : आंगनबाड़ी केंद्रों में बंटने वाले हॉट एंड कुक्ड फूड (गरम
व पके हुए भोजन) की गुणवत्ता परखने के लिये गठित टास्क फोर्स के कामकाज की
भी समीक्षा होगी। खाद्य सामग्री की आपूर्ति वाली संस्था की रसोई में मुख्य
सेविका तैनात की जायेगी।
46 जिलों के आंगनबाड़ी केंद्रों पर पहुंचने वाले
तीन से छह साल के बच्चों को हॉट एंड कुक्ड फूड की आपूर्ति का जिम्मा
स्वयंसेवी संस्थाओं के पास है। अन्य जिलों में मातृ समितियां खाद्य सामग्री
की आपूर्ति करती हैं। कुछ अरसे से स्वयंसेवी संस्था द्वारा बांटे जाने
वाली खाद्य सामग्री की गुणवत्ता खराब होने और निर्धारित मात्र से कम की
आपूर्ति की शिकायतों के बाद इसकी निगरानी के लिये प्रत्येक जिले में एडीएम
अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स का गठित कर पांच केंद्रों का निरीक्षण कराने
का निर्देश दिया गया था फिर भी शिकायतें कम नहीं हुईं। जिस पर सरकार ने इस
फोर्स के कामकाज की समीक्षा कराने का फैसला लिया है। साथ ही, प्रमुख सचिव
बाल विकास एवं पुष्टाहार सदाकांत की ओर से जारी शासनादेश में कहा गया है कि
आंगनबाड़ी केन्द्रों में आने वाले बच्चों का प्रतिदिन के हिसाब से ब्यौरा
तैयार किया जाये। टास्क फोर्स की नियमित बैठकें कराकर पांच-पांच केन्द्रों
का निरीक्षण सुनिश्चित कराया जाये।
निदेशक बाल पुष्टाहार आनंद कुमार सिंह ने बताया कि बाल विकास विभाग के अधिकारियों को बच्चों को दी जाने वाली खाद्य सामग्री की तौल कराने के निर्देश दिये गये हैं। इसके लिये प्रत्येक केन्द्र को वजन मशीन उपलब्ध करायी जा रही है। वजन में कम खाद्य पदार्थ मिलने पर संबंधित संस्था के भुगतान से 50 फीसद तक की कटौती होगी। आपूर्ति बाधित होने पर भुगतान रोका जाये और संबंधित संस्था पर आर्थिक दंड भी लगाया जाये। बाल विकास परियोजना अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वह संस्था की रसोई में इस्तेमाल हो रही सामग्री की जांच पड़ताल के लिये एक मुख्य सेविका तैनात करें और माह में एक बार उससे विस्तृत रिपोर्ट लें। जिसमें यह भी लिखा जाये कि किस कंपनी के तेल का इस्तेमाल हुआ। दलिया, चावल किस कंपनी के थे।
निदेशक बाल पुष्टाहार आनंद कुमार सिंह ने बताया कि बाल विकास विभाग के अधिकारियों को बच्चों को दी जाने वाली खाद्य सामग्री की तौल कराने के निर्देश दिये गये हैं। इसके लिये प्रत्येक केन्द्र को वजन मशीन उपलब्ध करायी जा रही है। वजन में कम खाद्य पदार्थ मिलने पर संबंधित संस्था के भुगतान से 50 फीसद तक की कटौती होगी। आपूर्ति बाधित होने पर भुगतान रोका जाये और संबंधित संस्था पर आर्थिक दंड भी लगाया जाये। बाल विकास परियोजना अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वह संस्था की रसोई में इस्तेमाल हो रही सामग्री की जांच पड़ताल के लिये एक मुख्य सेविका तैनात करें और माह में एक बार उससे विस्तृत रिपोर्ट लें। जिसमें यह भी लिखा जाये कि किस कंपनी के तेल का इस्तेमाल हुआ। दलिया, चावल किस कंपनी के थे।
आंगनबाड़ी हॉट एंड कुक्ड फूड : आपूर्ति संस्था की रसोई में की जायेगी मुख्य सेविका की तैनाती
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
11:04 AM
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