मानक के विपरीत परीक्षा पर डायट प्राचार्य होंगे जिम्मेदार : कई जिलों से आई हैं परीक्षा फार्म भराने में अनियमितता की शिकायतें
प्रशिक्षण पूरा किए बिना ही बीटीसी-2012 बैच के अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल किए जाने के मामलों को परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने गंभीरता से लिया है। यह चेतावनी दी गई है कि यदि ऐसे मामले प्रकाश में आते हैं तो सारी जिम्मेदारी डायट के प्राचार्य की होगी।
इलाहाबाद : प्रशिक्षण पूरा किए बिना ही बीटीसी-2012 बैच के
अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल किए जाने के मामलों को परीक्षा नियामक
प्राधिकारी ने गंभीरता से लिया है। यह चेतावनी दी गई है कि यदि ऐसे मामले
प्रकाश में आते हैं तो सारी जिम्मेदारी डायट के प्राचार्य की होगी।
बीटीसी-2011 संघर्ष मोर्चा ने आरोप लगाया था कि जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण
संस्थानों (डायट) व निजी काल्जों की ओर से एनसीटीई के मानक पूरे न होने पर
भी अभ्यर्थियों को चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जा
रही है। मेरठ, भदोही, इलाहाबाद, फतेहपुर, मुजफ्फरनगर, कानपुर, बरेली,
कौशांबी और प्रतापगढ़ में ऐसे मामले प्रकाश में आए हैं। नियमानुसार परीक्षा
में बैठने के लिए उन अभ्यर्थियों को ही अर्ह माना जा सकता है जिन्होंने सौ
दिनों से अधिक का प्रशिक्षण पूरा कर लिया हो। संघर्ष मोर्चा के प्रदेश
अध्यक्ष योगेश पांडेय ने बताया कि निजी कालेजों में बीटीसी बैच-2012 का
प्रवेश प्रशिक्षण माह अप्रैल-2013 में शुरू होकर अप्रैल, 2015 में समाप्त
होगा लेकिन डायट के प्राचार्यो द्वारा चार माह पूर्व ही प्रशिक्षण पूर्ण
दिखाकर परीक्षा फार्म भराए जा रहे हैं। इस पर परीक्षा नियामक प्राधिकारी
कार्यालय की सचिव नीना श्रीवास्तव ने सभी डायट प्राचार्यो को पत्र जारी
किया है कि एनसीटीई के मानक पूरे न होने पर परीक्षा फार्म अग्रसारित न किए
जाएं। यदि ऐसा किया जाता है तो पूरा उत्तरदायित्व उन्हीं का माना जाएगा।
पत्र की प्रतिलिपि राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद को भी भेजी
गई है।
मानक के विपरीत परीक्षा पर डायट प्राचार्य होंगे जिम्मेदार : कई जिलों से आई हैं परीक्षा फार्म भराने में अनियमितता की शिकायतें
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
8:17 AM
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