बच्चों की जांची जाएगी शैक्षिक गुणवत्ता : हर महीने होगा टेस्ट, प्रतिदिन हिन्दी में चार व अंग्रेजी में दो पेज सुलेख अनिवार्य
लखनऊ। परिषदीय स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की अब शैक्षिक गुणवत्ता जांची जाएगी। इसके लिए हर महीने बच्चों का टेस्ट लिया जाएगा। साथ ही बच्चों को हिन्दी व अंग्रेजी का सुलेख भी अनिवार्य रूप से लिखाया जाएगा।प्राथमिक व जूनियर स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के शैक्षिक स्तर को लेकर अक्सर सवाल उठते रहते हैं। कई कार्यक्रमों में बेसिक शिक्षा मंत्री ने स्वयं शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार की बात कही है। इसके तहत अब पहल की जा रही है, जिसमें अब हर महीने बच्चों का टेस्ट लिया जाएगा तथा प्रधानाध्यापकों को उनके अंक विद्यालय स्तर पर रिकार्ड के रूप में सुरक्षित रखने होंगे। इससे पढ़ाई का माहौल बनेगा तथा शैक्षिक स्तर में सुधार होगा।
इसके अतिरिक्त प्राइमरी व जूनियर विद्यालयों में बच्चों को प्रतिदिन हिन्दी में चार पेज तथा अंग्रेजी में दो पेज सुलेख अनिवार्य रूप से लिखाया जाएगा। यही नहीं, कक्षा में जो भी बच्चे कमजोर होंगे, उपचारात्मक शिक्षण कार्य के तहत उनकी सूची तैयार की जाएगी। इसमें किस विषय में कौन सा बच्चा कमजोर है, उसकी सूची तैयार करके शिक्षक उन पर विशेष ध्यान देंगे। इसके बाद शिक्षक कमजोर बच्चों की रिपोर्ट भी चार्ट पर अंकित करेंगे, साथ ही परिषदीय विद्यालयों में अब हर पीरियड के खत्म होने पर घंटी बजायी जाएगी। इसके लिए प्रत्येक विद्यालय में तीन बच्चों की कमेटी बनेगी। तीनों बच्चों का एक चार्ट भी बनेगा, इनमें से कोई भी पीरियड खत्म होन पर घंटी बजा सकेगा।
इसके अतिरिक्त कक्षा तीन से आठ तक के बच्चों का उपस्थिति चार्ट भी स्कूलों में बनवाया जाएगा, जिससे वे अपनी हाजिरी लगाना सीख सकें। इससे उनमें खुद अपना नाम लिखने की प्रवृत्ति विकसित होगी। उक्त कायरे का पालन करने के निर्देश खंड शिक्षाधिकारी ने संकुल प्रभारियों को दिए है। उनका कहना है कि जो भी अध्यापक निर्देशों का पालन नहीं करेगा, संगुल प्रभारी रिपोर्ट देंगे तथा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए संस्तुति की जाएगी।
इसके अतिरिक्त प्राइमरी व जूनियर विद्यालयों में बच्चों को प्रतिदिन हिन्दी में चार पेज तथा अंग्रेजी में दो पेज सुलेख अनिवार्य रूप से लिखाया जाएगा। यही नहीं, कक्षा में जो भी बच्चे कमजोर होंगे, उपचारात्मक शिक्षण कार्य के तहत उनकी सूची तैयार की जाएगी। इसमें किस विषय में कौन सा बच्चा कमजोर है, उसकी सूची तैयार करके शिक्षक उन पर विशेष ध्यान देंगे। इसके बाद शिक्षक कमजोर बच्चों की रिपोर्ट भी चार्ट पर अंकित करेंगे, साथ ही परिषदीय विद्यालयों में अब हर पीरियड के खत्म होने पर घंटी बजायी जाएगी। इसके लिए प्रत्येक विद्यालय में तीन बच्चों की कमेटी बनेगी। तीनों बच्चों का एक चार्ट भी बनेगा, इनमें से कोई भी पीरियड खत्म होन पर घंटी बजा सकेगा।
इसके अतिरिक्त कक्षा तीन से आठ तक के बच्चों का उपस्थिति चार्ट भी स्कूलों में बनवाया जाएगा, जिससे वे अपनी हाजिरी लगाना सीख सकें। इससे उनमें खुद अपना नाम लिखने की प्रवृत्ति विकसित होगी। उक्त कायरे का पालन करने के निर्देश खंड शिक्षाधिकारी ने संकुल प्रभारियों को दिए है। उनका कहना है कि जो भी अध्यापक निर्देशों का पालन नहीं करेगा, संगुल प्रभारी रिपोर्ट देंगे तथा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए संस्तुति की जाएगी।
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Reviewed by Brijesh Shrivastava
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9:22 AM
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