मानक के अनुसार नहीं था दूध, कोल्डचेन में थी लापरवाही : पराग व अक्षय पात्र संस्था से मांगा जवाब
- सिटी मजिस्ट्रेट ने जांच रिपोर्ट डीएम को सौंपी
- कोल्ड चेन में भी थी गड़बड़ी
लखनऊ (डीएनएन)। मिड डे मील के तहत कैंट स्थित मा. वि. आरए बाजार के 71
बच्चेे दूध पीने से ही बीमार हुए थे। दूध में बसा जहां मानक से कम थी वहीं
पराग के फ्लेवर्ड मिल्क को कोल्ड चेन में भी किसी स्तर पर सावधानी नहीं
बरती गई। सिटी मजिस्ट्रेट शत्रोहन वैश्य ने अपनी जांच रिपोर्ट में
गुणवत्ताहीन खाद्य पदार्थो की आपूर्ति में कमियां उजागर की हैं। सोमवार को
डीएम राज शेखर को पूरी रिपोर्ट सौंप दी गई है। जांच रिपोर्ट में पराग व
अक्षय पात्र संस्था, दोनों को आंशिक रूप से दोषी माना है। पराग के
फ्लेवर्ड युक्त दूध को पीने से 29 जुलाई को 71 बच्चे इसलिए बीमार हुए थे कि
पराग के फ्लेवर्ड मिल्क में बसा की मात्रा पराग डेयरी के बनाए गए मानक 3
प्रतिशत के स्थान पर 2.5 प्रतिशत थी यानी कि मानक से 0.5 प्रतिशत कम पाया
गया। घटना के दौरान दूध व तहरी के सैम्पल की लैब टेस्ट के बाद जांच रिपोर्ट
में इस बात का खुलासा हुआ है। इसी प्रकार दुध के पैकेट पर भी फ्लेवर्ड,
कलर आदि को निर्धारित प्रारूप पर नहीं प्रिंट किया गया था। जांच रिपोर्ट
में नगर मजिस्ट्रेट ने पराग डेयरी को आंशिक रूप से दोषी ठहराया है। इसके
लिए उन्होंने अभिहित अधिकारी, खाद्य एवं सुरक्षा को आवश्यक कार्रवाई करने
के लिए निर्देशित किया है। हालांकि पराग डेयरी से प्राप्त दूध के एक पैकेट
के परीक्षण कराने के बाद यह पाया गया कि दूध में ऐसा कोई हानिकारक तत्व
नहीं था जिसके पीने से बच्चें बीमार पडे़ हो। रिपोर्ट में कहा है कि केवल
एक पैकेट व कुछ पैकेटों के परीक्षण रिपोर्ट के आधार पर यह नहीं कहा जा सकजा
है कि दूध के सभी पैकेट सही व पीने युक्त थे। पूरी जांच रिपोर्ट को तैयार
करने में छात्र-छात्राओं, टीचर, वाहन चालक व संंस्था के कर्मचारियों के
बयान व स्थलीय निरीक्षण किया गया है। इसके बाद एसीएम ने माना है कि कुछ
पैकेट छात्र-छात्राओं में वितरण के पहले खराब हो चुके थे जिसके पीने के
कारण बच्चे बीमार पडे़। जांच में कुछ दूध के पैकेटों के खराब होने का एक
कारण कोल्ड चेन को भी पाया गया है।
- कोल्ड चेन में भी थी गड़बड़ी
रिपोर्ट
के अनुसार दूध फ्लेवर्ड युक्त था तथा उसको लगातार ठंडा रखने (कोल्ड चेन)
में किसी स्तर पर सावधानी नहीं बरती गई। जिस कारण दूध के कुछ पैकेट खराब हो
गए तथा यही पैकेट जब दोनों विद्यालयों के अन्य दूध के पैकेटों के साथ
शामिल होकर आए तथा बच्चों में वितरित हुए जिसके पीने से कुछ बच्चे बीमार पड़
गए। बता दें कि घटना के दौरान मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी
राजशेखर ने छात्रों को दिए गए दूध के नमूने भरने के आदेश एफएसडीए केअफसरों
को दिए थे। साथ ही मामले की जांच सिटी मजिस्ट्रेट शत्रोहन वैश्य को देते
हुए रिपोर्ट तलब की थी।
- पराग व अक्षय पात्र संस्था से मांगा जवाब
एफएसडीए व एसीएम की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद जिलाधिकारी राज शेखर ने
पराग के जीएम और अक्षय पात्र के डीजीएम को नाटिस भेजकर उन पर लगाए गए
आरोपों का परीक्षण कर उत्तरदायी लोगों के संबंध में एक सप्ताह में जवाब
मांगा है। इसके साथ ही खाद्य पदार्थों के गुणवत्ता के लिए क्या सुधारात्मक
कार्रवाई की जाएगी, जिससे भविष्य में इस प्रकार की घटना न हो, की जानकारी
भी मांगी है।
मानक के अनुसार नहीं था दूध, कोल्डचेन में थी लापरवाही : पराग व अक्षय पात्र संस्था से मांगा जवाब
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
7:00 AM
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