मिड डे मील बना मुसीबत :घटना से सबक नहीं, कागजों पर परखी गुणवत्ता, मिड डे मील की अब होगी रेंडम चेकिंग, अधिक छात्र संख्या वाले स्कूलों में ही हो रहे हादसे



  • मिड डे मील बना मुसीबत :
  • घटना से सबक नहीं, कागजों पर परखी गुणवत्ता 
  • एफएसडीए को डीएम ने नियमित जांच के दिए निर्देश 
  • मिड डे मील की अब होगी रेंडम चेकिंग 

राजधानी के प्राथमिक स्कूलों व पूर्व माध्यमिक स्कूलों में मिड डे मील विद्यार्थियों के लिए जहरीला साबित हो रहा है। करीब महीने भर पहले ही अक्षय पात्र संस्था द्वारा कैंट में दो स्कूलों में बांटे गए दूध को पीकर 77 विद्यार्थी बीमार हो गए थे। इसके बावजूद कोई सर्तकता नहीं बरती गई। मिड डे मील की गुणवत्ता की जांच सिर्फ कागजी खानापूरी बनकर रह गई है। स्कूल में अगर शिक्षक खुद भोजन खाकर उसे विद्यार्थियों में बांट रहे हैं तो सिर्फ विद्यार्थी ही क्यों बीमार पड़ रहे। पहली और इस दूसरी घटना में शिक्षक को उबकाई तक नहीं आई और इतना बड़ा हादसा हो गया। कहीं उन पर कोई ऊपर का दबाव काम कर रहा है या फिर इसमें कोई साजिश हो रही है इससे इंकार नहीं किया जा सकता। मगर इन सबके बीच विद्यार्थियों की जान आफत में है। 

राजधानी में अक्षय पात्र संस्था द्वारा करीब 72 हजार विद्यार्थियों को रोजाना मिड डे मील का वितरण किया जा रहा है। बीती 29 जुलाई को कैंट में आरए बाजार माध्यमिक स्कूल व बीसी बाजार प्राथमिक स्कूल में इस संस्था द्वारा बांटे गए फ्लेवर्ड दूध को पीकर करीब 77 विद्यार्थी बीमार हो गए। उस समय भी शिक्षकों ने दावा किया था कि उन्होंने दूध व मिड डे मील दोनों खाया मगर उन्हें कुछ नहीं हुआ और इतने बच्चे बीमार हो गए। जबकि दूध से बदबू आ रही थी और मिड डे मील रजिस्टर पर सबकुछ दुरुस्त था। इसके बाद मिड डे मील प्राधिकरण और बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बड़े-बड़े दावे किए की आगे फूलप्रूफ इंतजाम होगा। मगर ऐसा नहीं हुआ। बुधवार को फिर अक्षय पात्र फाउंडेशन द्वारा बांटे गए कढ़ी -चावल को खाकर प्राथमिक विद्यालय जुग्गौर व पूर्व माध्यमिक विद्यालय जुग्गौर के 82 विद्यार्थी बीमार हो गए। 

बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यही मिड डे मील पूरे क्षेत्र में बांटा गया और इन तीनों स्कूलों में भी कुल 700 विद्यार्थी थे, ऐसे में यह गड़बड़ी कहां हुई पता किया जाएगा। बीएसए प्रवीण मणि त्रिपाठी कहते हैं कि जहां पर ज्यादा छात्र संख्या है वहीं पर दिक्कत क्यों हो रही है इसका पता लगाया जाएगा। कहीं कोई तंत्र इसे विफल करने में तो नहीं लगा हुआ है। विस्तृत जांच में सभी कारणों का पता लगाया जाएगा। इसी जुलाई से छोटे एनजीओ से काम छीनकर अक्षय पात्र फाउंडेशन को 72 हजार छात्रों को मिड डे मील बांटने का काम सौंपा गया और दो बार यह घटना हो गई। अक्षय पात्र फाउंडेशन से भी नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है।


मिड डे मील खाने से बच्चों का बीमार होने का सिलसिला लगातार जारी है। सदर के बाद चिनहट में बुधवार को मिड डे मील ने कहर बरपाया। जिला प्रशासन ने अब मिड डे मील की रेंडम जांच कराने का निर्णय लिया है ताकि गुणवत्ता पर निगरानी की जा सके। 1 जिलाधिकारी राजशेखर ने मिड डे मील की गुणवत्ता पर निगरानी के लिए सिटी मजिस्ट्रेट को रेंडम जांच कराने के निर्देश दिए हैं। एफएसडीए की टीम गुणवत्ता जांचने के लिए रसोई से लेकर स्कूलों में वितरण तक कहीं भी नमूने लेगी और जांच के लिए भेजेगी। राजस्वकर्मी और ग्राम्य विकास अधिकारी भी एफएसडीए के सहयोग के लिए लगाए जाएंगे। डीएम ने एफएसडीए को निर्देश दिए हैं कि फिलहाल करीब पांच से दस स्थानों पर सैंपल लिए जाएं जिससे उनकी गुणवत्ता की जांच कराई जा सके। डीएम के मुताबिक रेंडम सर्वे सभी एनजीओ को कराया जाएगा। डीएम ने कहा कि बच्चे किस वजह से बीमार हुए इसके लिए मिड डे मील की जांच कराई जाएगी और अगर कोई दोषी होगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। लैब से जल्दी रिपोर्ट मिल सके इसके लिए भी प्रयास किए जाएंगे।

एफएसडीए ने लिए नमूने : जुग्गौर प्राथमिक विद्यालय में मिड डे मील खाने से बच्चों के बीमार होने की सूचना प्रशासन तक पहुंची सिटी मजिस्ट्रेट शत्रोहन वैश्य ने मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी एसपी सिंह को नमूने लेने के निर्देश दिए। एफएसडीए की टीम ने कड़ी और चावल का सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिया है।1खबर मिलते ही भागे अफसर : बच्चों के बीमार होने की खबर लगते ही प्रशासनिक अमला हरकत में आया। बख्शी का तालाब में सांसद डिंपल यादव का कार्यक्रम था जिसमें कई कद्दावर मंत्रियों से लेकर पूरा प्रशासनिक अमला मौजूद था। जैसे ही डीएम को सूचना मिली तत्काल वहां हड़कंप मच गया। डीएम ने तत्काल सीडीओ उमेश मिश्र और सीएमओ को अस्पताल रवाना कर एडीएम आपूर्ति ओपी राय और एडीएम टीजी को भी तत्काल पहुचने के निर्देश दिए। कार्यक्रम खत्म होते ही स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन भी डीएम राजशेखर और एसएसपी राजेश पांडेय के साथ पहुंचे।

खबर साभार :   दैनिक जागरण 

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मिड डे मील बना मुसीबत :घटना से सबक नहीं, कागजों पर परखी गुणवत्ता, मिड डे मील की अब होगी रेंडम चेकिंग, अधिक छात्र संख्या वाले स्कूलों में ही हो रहे हादसे Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 6:22 AM Rating: 5

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