कागज पर चल रहे स्कूलों में छात्रवृत्ति के नाम पर खेल, प्रदेश में प्रबंधन एक स्कूल की जमीन पर चला रहे तीन-तीन स्कूल
छात्रवृत्ति में फर्जी छात्र संख्या पेश करके साल भर में हड़प रहे लाखों की छात्रवृत्ति
इलाहाबाद
(ब्यूरो)। माध्यमिक शिक्षा परिषद एवं बेसिक शिक्षा परिषद से मान्यता लेकर
बड़ी संख्या में स्कूल मात्र कागजों पर ही चल रहे हैं। स्कूल के नाम का
कागज तैयार करके मनमाने तरीके से सरकार की ओर से मिलने वाली सुविधा का लाभ
उठा रहे हैं। शिक्षा माफिया एक स्कूल की जमीन के नाम पर तीन-तीन स्कूलों की
मान्यता लेकर सरकारी पैसा हड़प रहे हैं। मानकों में
हेराफेरी कर उन्होंने न सिर्फ मान्यता पा ली बल्कि अब
छात्रवृत्ति के नाम पर भी खेल कर रहे हैं।
सरकार
की ओर से प्राथमिक से लेकर 12वीं तक की कक्षाओं में छात्रों को मिलने वाली
छात्रवृत्ति के फेर में बड़ी संख्या में शिक्षा माफियाओं ने नए-नए स्कूल
खोलकर हेराफेरी को ही पेशा बना लिया है। कागज पर स्कूल के नाम जमीन की
रजिस्ट्री के पेपर पेश करके शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं बाबुओं की मिली
भगत से मनमाने तरीके से मान्यता हासिल कर ली है। बेसिक शिक्षा परिषद की ओर
से ओबीसी, एससी एवं अल्पसंख्यक छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति दी जाती
है। कागज पर अथवा एक-दो कमरे में खुले स्कूलों में फर्जी छात्र संख्या पेश
करके छात्रवृत्ति हड़प रहे हैं।
यूपी बोर्ड
की ओर से मान्यता प्राप्त स्कूलों में नौवीं में पंजीकरण से पहले किसी भी
बिन्दु पर छात्रों की संख्या की जांच नहीं की जाती है। नौवीं में फर्जी
पंजीकरण के बाद दसवीं में यह छात्र परीक्षा प्रक्रिया से बाहर हो जाते है।
इससे पहले तक स्कूल एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मदद से मनमाने तरीके
से यह स्कूल वाले फर्जी तरीके से छात्रवृत्ति का पैसा हड़प जाते हैं।
शिक्षा विभाग के इन माफियाओं ने स्कूल खोलकर सरकारी पैसे के बल पर कुछ ही
वर्षों में लखपति-करोड़पति बनने का सस्ता रास्ता खोल लिया है। बोर्ड
अधिकारियों की माने तो इस तरह के मामले मैनपुरी, गाजीपुर, कौशांबी, मऊ सहित
प्रदेश के कई जिलों में चल रहे हैं।
कागज पर चल रहे स्कूलों में छात्रवृत्ति के नाम पर खेल, प्रदेश में प्रबंधन एक स्कूल की जमीन पर चला रहे तीन-तीन स्कूल
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
5:00 AM
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