शिक्षामित्रों की खिली बांछें : एनसीटीई के आदेश के बाद शिक्षामित्रों में खुशी की लहर, लेकिन अभी भी है ऊहापोह बाकी
इलाहाबाद: एनसीटीई (राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद) द्वारा शिक्षामित्रों को टीईटी से छूट दिए जाने से शिक्षामित्रों में खुशी की लहर दौड़ गई। शिक्षामित्रों ने मिठाई बांटकर खुशी को अपने परिजनों के साथ और साथियों संग मनाई। फोन पर एक दूसरे को सूचना देने का क्रम चलता रहा। सूचना मिलने के बाद शिक्षामित्रों की आंखे खुशी से नम हो गई।
आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अश्वनी त्रिपाठी कहते हैं कि सफलता का मार्ग संघर्षो से होकर गुजरता है। आखिरकार शिक्षामित्र अपनी लड़ाई में सफल रहे। एनसीटीई के आदेश का स्वागत है। प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के जिलाध्यक्ष वसीम अहमद कहते हैं कि आदेश की खबर सुनने के बाद मुरझा चुके शिक्षामित्रों के चेहरे खिल गए हैं। शिक्षामित्रों का संघर्ष रंग लाया है। शिक्षामित्रों ने दिल्ली जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर अपनी ताकत का एहसास करा दिया था। शिक्षामित्र ममता त्रिपाठी ने बताया कि हाईकोर्ट के फैसले के बाद करियर अधर में फस गया था। कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि भविष्य कहां जाएगा। लेकिन, एनसीटीई ने शिक्षामित्रों को टीईटी से छूट प्रदान कर ऐतिहासिक कदम उठाया है। शिक्षामित्र निशा सिंह के मुताबिक अब अच्छे दिन आएंगे। इतनी खुशी मिल रही है कि व्यक्त नहीं कर सकती हूं। शिक्षामित्र राजेश गौतम ने कहा कि साथी शिक्षामित्रों को मिठाई खिलाकर खुशी शेयर की गई। परिवार में भी खुशी का माहौल बना हुआ है। शिक्षामित्र महेंद्र यादव के मुताबिक शिक्षामित्र बड़े असहज महसूस कर रहे हैं। आदेश सुनने के बाद राहत महसूस कर रहे हैं। नागेंद्र मोहन मिश्र ने बताया कि उम्मीद का दामन शिक्षामित्रों के नहीं छोड़ने के कारण छूट मिली है। कुछ शिक्षामित्र हताश हो गए थे। लेकिन, छूट का समाचार मिलने के बाद परिवारों में खुशी का माहौल बना हुआ है। हाईकोर्ट द्वारा शिक्षामित्र समायोजन निरस्त किए जाने के बाद शिक्षामित्र अधर में थे। लेकिन यह आदेश शिक्षामित्रों को नई ऊर्जा से ओतप्रोत कर दिया है।
केंद्र ने उप्र के पाले में डाली गेंद
नई दिल्ली : राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षण परिषद (एनसीटीई) ने उत्तर
प्रदेश को स्पष्ट किया है कि 25 अगस्त, 2010 से पहले जिन शिक्षकों की
नियुक्ति हुई है, उनके लिए टीईटी परीक्षा देनी जरूरी नहीं होगी। हालांकि
इसमें यह स्पष्ट नहीं है कि प्रदेश में आंदोलनरत शिक्षा मित्र इसके तहत
आएंगे या नहीं, क्योंकि इनकी नियुक्ति अलग श्रेणी में हुई थी।
एनसीटीई ने
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन को लिखे पत्र में कहा है कि ऐसे
शिक्षकों के लिए शर्त सिर्फ यही होगी कि वे लगातार सेवा में बने हों। पत्र
में यह भी लिखा गया है कि मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने पांच नवंबर, 2010
को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिख कर यह स्पष्ट कर दिया
था कि टीईटी के नियम में इसके बाद कोई छूट नहीं दी जाएगी। एनसीटीई ने
मुख्य सचिव को यह पत्र सोमवार को भेजा है।
लेकिन इस पत्र के बावजूद उहापोह
इसलिए बना हुआ है, क्योंकि शिक्षा मित्रों की नियुक्ति तकनीकी रूप से
शिक्षकों के रूप में नहीं हुई थी।
खबर साभार : दैनिक जागरण
शिक्षामित्रों की खिली बांछें : एनसीटीई के आदेश के बाद शिक्षामित्रों में खुशी की लहर, लेकिन अभी भी है ऊहापोह बाकी
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
6:55 AM
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