शिक्षामित्रों को राहत के लिए फिर एनसीटीई जाएगी यूपी सरकार, दोबारा भेजेंगे चिट्ठी, टीईटी से छूट वाली अधिसूचना बदलवाना चाहती है सरकार
लखनऊ
(ब्यूरो)। यूपी सरकार का मानना है कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद
(एनसीटीई) ने जो जवाब दिया है, उससे शिक्षामित्रों का कोई भला होने वाला
नहीं है। इसलिए शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाने के लिए एनसीटीई को
दोबारा चिट्ठी लिखी जाएगी और उन्हें टीईटी से छूट दिलाने की मांग की जाएगी।
एनसीटीई के सदस्य सचिव जुगलाल सिंह के पत्र मुख्य सचिव आलोक रंजन ने
बुधवार को बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों के साथ लंबी मंत्रणा की। सूत्रों
की मानें तो बेसिक शिक्षा विभाग ने साफ कर दिया है कि एनसीटीई के पत्र से
शिक्षामित्रों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है।
एनसीटीई
ने मुख्य सचिव को जो जवाब भेजा है उसमें 23 अगस्त 2010 को जारी अधिसूचना
के प्रस्तर 4 का उल्लेख किया गया है। इसके अनुसार टीईटी से छूट कक्षा एक से
पांच के शिक्षा स्नातक (बीएड) योग्यताधारी उन्हीं अध्यापकों को मिलेगी
जिन्होंने अधिसूचना जारी होने से पहले एनसीटीई से अनुमोदित छह माह का विशेष
बीटीसी पूरा कर लिया है। भर्ती नियमों के अनुसार 3 सितंबर 2001 से पहले
नियुक्त शिक्षकों को ही टीईटी से छूट दी जा सकती है। राज्य सरकार अनुरोध
करेगी कि इसमें ही शिक्षा मित्रों के लिए प्रावधान जोड़कर एनसीटीई संशोधित
अधिसूचना जारी कर दे ताकि प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके व प्रशिक्षणरत 1.70
लाख शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक बनने का रास्ता साफ हो जाए।
•सूत्रों
के अनुसार राज्य सरकार एनसीटीई के चेयरमैन को पत्र लिखकर बताएगी कि 25
अगस्त 2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को टीईटी से छूट देने से सूबे में
सहायक अध्यापक बने 1.37 लाख व प्रशिक्षणरत शिक्षामित्रों को कोई फायदा नहीं
हो रहा है।
•शिक्षामित्रों को संविदा पर नियुक्त किया गया है और वे बेहतर ढंग से बच्चों को पढ़ा रहे हैं।
•यूपी
सरकार ने 3 जनवरी 2011 को पत्र भेजकर एनसीटीई से अनुमति लेकर ही स्नातक
पास शिक्षामित्रों को दूरस्थ शिक्षा से दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण दिया
था। इसमें सफल होने वालों को ही सहायक अध्यापक पद पर समायोजित किया गया था।
खबर साभार : अमर उजाला
शिक्षामित्रों को राहत के लिए फिर एनसीटीई जाएगी यूपी सरकार, दोबारा भेजेंगे चिट्ठी, टीईटी से छूट वाली अधिसूचना बदलवाना चाहती है सरकार
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
7:50 AM
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