दूरस्थ माध्यम से दो वर्षीय बीटीसी कर चुके शिक्षामित्रों को टीईटी से छूट देने के सम्बन्ध में एनसीटीई का स्पष्टीकरण पत्र जारी
"प्राइमरी का मास्टर" एडमिन टीम की राय :-
हमारी "प्राइमरी का मास्टर" एडमिन टीम ने जब पूर्णतया इस पत्र का अवलोकन किया तो सबसे बड़ा सवाल यह था कि आखिर एनसीटीई के इस पत्र में नया क्या है?
ढूँढने में यह पाया गया कि एनसीटीई द्वारा उस पत्र में कुछ भी नया कथन या नया निष्कर्ष नहीं दिया है। मतलब साफ़ है कि अभी भी यथास्थिति बनी हुई है। जैसा प्रचारित किया जा रहा है उसके विपरीत इस पत्र से छूट जैसा स्पष्ट आशय निकलता हुआ समझ में कम ही आ रहा क्योंकि जिन मुद्दों पर शिक्षामित्रों का समायोजन कोर्ट में फंसा, उनके सापेक्ष यह पत्र केवल एनसीटीई का स्टैंड ही स्पष्ट करता है। शिक्षामित्रों के स्थाई सेवा के दावे अभी भी कोर्ट के दायरे में हैं। इस पत्र को पूर्णतया समझने के लिए यह समझना होगा कि यह एक जवाबी पत्र है जोकि प्रमुख सचिव के लिखे पत्र का प्रत्युत्तर भर है। केवल पत्र लिखकर जवाबी पत्र पाने से शिक्षामित्रों का पूर्ण समायोजन का हल मुश्किल लगता है और जो मुद्दे या विषय स्पष्टीकरण के बगैर राय ना दे सकेंगे उन सारे मुद्दो पर माननीय उच्चतम न्यायालय की राय ही अंतिम होगी। कुलमिलाकर अभी शिक्षामित्र समायोजन की अंतिम लड़ाई / संघर्ष का समापन उच्चतम न्यायालय की ड्योढ़ी से ही होना तय मानिए।
दूरस्थ माध्यम से दो वर्षीय बीटीसी कर चुके शिक्षामित्रों को टीईटी से छूट देने के सम्बन्ध में एनसीटीई का स्पष्टीकरण पत्र जारी
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
12:34 PM
Rating:
No comments:
Post a Comment