शिक्षामित्रों ने NCTE के फैसले को अपने हित में बताया, सुप्रीम कोर्ट में ढंग से पैरवी करने में भी इस आदेश के बाद आसानी की है उनको उम्मीद
प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा डिंपल वर्मा सहित शिक्षा विभाग के अफसर इसी सिलसिले में दिल्ली में हैं। प्रदेश सरकार एसएलपी दायर करने की तैयारी पहले ही कर चुकी है। सरकार को एनसीटीई के आदेश का ही इंतजार था। हालांकि एनसीटीई ने स्थिति बहुत साफ नहीं की है।
शिक्षामित्रों को शिक्षक बनाए जाने के मुद्दे पर राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने प्रदेश सरकार के पत्र का जवाब दे दिया। एनसीटीई ने 2010 से पहले नियुक्त और नियमित पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्य नहीं बताया। शिक्षा मित्र और प्रदेश सरकार के जिम्मेदार अफसर और मंत्री इस बात को राहत के तौर पर देख रहे हैं। शिक्षा मित्र 2010 से पहले ही नियुक्त हुए थे, इसलिए उन्हें टीईटी से छूट मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट में ढंग से पैरवी करने में भी इस आदेश के बाद आसानी होगी। शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष गाजी इमाम आला का कहना है कि शिक्षा मित्र भी 2010 से पहले नियुक्त हैं। ऐसे में यह आदेश उनके पक्ष में है। कोर्ट से जल्द ही हमें राहत मिलेगी और शिक्षा मित्र बहाल हो सकेंगे। इसके लिए हम राज्य और केंद्र सरकार दोनों को बधाई देते हैं। वहीं, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री योगेश प्रताप सिंह का कहना है कि एनसीटीई का आदेश मिल गया है। मंगलवार को अवकाश था, इसलिए बुधवार को इस मुद्दे पर अधिकारियों के साथ बैठक बुलाई है। सभी पहलुओं की जांच करके शिक्षा मित्रों के हित में जरूरी कदम उठाए जाएंगे। वहीं सरकार बुधवार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर सकती है।
पेपर के समाचार के बाद अपडेट खबर यह है कि एसएलपी दायर हो चुकी है!
खबर साभार : नवभारत
शिक्षामित्रों ने NCTE के फैसले को अपने हित में बताया, सुप्रीम कोर्ट में ढंग से पैरवी करने में भी इस आदेश के बाद आसानी की है उनको उम्मीद
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
7:58 AM
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