8वीं तक फेल न करने में बदलाव के लिए बढे कदम, राज्यों की राय के बाद एक उपसमिति को मामला किया गया सुपुर्द
नई दिल्ली/ कोलकाता। कक्षा एक से आठ तक फेल नहीं करने की नीति को बदलने और दसवीं बोर्ड की वापसी को लेकर ज्यादातर राज्यों ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को अपनी राय भेज दी है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे गैर भाजपा शासित राज्य सरकारों ने भी कक्षा एक से आठवीं तक फेल नहीं करने की नीति यानी नो डिटेंशन पॉलिसी को हटाने और दसवीं बोर्ड की वापसी पर अपनी सहमति दी है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि राज्य नो डिटेंशन पॉलिसी को हटाने की नीति पर लिखित सहमति मंत्रालय को भेज रहे हैं। इस मुद्दे पर अंतिम फैसला लेने के लिए मानव विकास संसाधन ने एक और उप समिति बना दी है। इस समिति में राज्यों के मंत्री भी शामिल हैं। उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री प्रसाद नैथानी ने अमर उजाला को कहा कि राज्य सरकार ने फेल नहीं करने की नीति को बदलने की एक पंक्ति की सीधी राय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को दे दी है।
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