भर्ती को लेकर लामबंद हो रहे बीटीसी 2012 वाले, काउंसिलिंग को लेकर अपने पक्ष में गिनाये तमाम तर्क व जनसूचना अधिकार से मिली जानकारियां
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : भले ही बीटीसी 2012 बैच के अभ्यर्थियों की
काउंसिलिंग को लेकर सवाल उठ रहे हों, पर डायट से प्रशिक्षण पूरा करने वालों
को तो अफसर पहले ही गले लगा चुके हैं। जनसूचना अधिकार के तहत जिला बेसिक
शिक्षा अधिकारियों ने पांच मार्च तक आवेदन करने वालों को अर्ह
माना है। इसके आधार पर ही बीटीसी-2012 के प्रशिक्षु लामबंद होने लगे हैं।
शासनादेश एवं आवेदनों से भले ही यह ध्वनित हो कि 2012 बैच के अभ्यर्थियों की नियुक्ति फंस सकती है लेकिन बुधवार को प्रदेश के विभिन्न जनपदों से बीटीसी-2012 के प्रशिक्षु अभ्यर्थियों ने दैनिक जागरण कार्यालय फोन कर अपने पक्ष में तमाम तर्क गिनाए। उनका कहना था कि शिक्षा विभाग के ही तमाम अफसर जन सूचना अधिकार के तहत अभ्यर्थियों को जवाब भेज चुके हैं कि पांच मार्च 2015 तक आवेदन करने वाले अर्ह माने जाएंगे।
उनका दावा था कि ऐसी दशा में डायट से प्रशिक्षण पाने वाले अभ्यर्थी काउंसिलिंग के लिए सुरक्षित हैं। अभ्यर्थी बताते हैं कि दिसंबर में शासनादेश जारी होने के बाद पहले चरण में काउंसिलिंग शुरू हुई। उसी दौरान 2012 बीटीसी डायट का परिणाम आ गया। परिषद ने आवेदन की तारीख इसीलिए बढ़ा दी थी कि अभ्यर्थी आसानी से आवेदन कर सकें। दूसरी ओर इस संबंध में परिषद मौन है, क्योंकि हाईकोर्ट ने 2012 निजी कालेज प्रकरण में जवाब मांगा है। अफसरों को जो भी कहना होगा जवाब में ही कहेंगे।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में 15 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया के तहत अब काउंसिलिंग शुरू होनी है। उसी के ठीक पहले निजी कालेज के अभ्यर्थियों ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर नई बहस को जन्म दे दिया है कि आखिर 2012 बीटीसी बैच का क्या होगा।
शासनादेश एवं आवेदनों से भले ही यह ध्वनित हो कि 2012 बैच के अभ्यर्थियों की नियुक्ति फंस सकती है लेकिन बुधवार को प्रदेश के विभिन्न जनपदों से बीटीसी-2012 के प्रशिक्षु अभ्यर्थियों ने दैनिक जागरण कार्यालय फोन कर अपने पक्ष में तमाम तर्क गिनाए। उनका कहना था कि शिक्षा विभाग के ही तमाम अफसर जन सूचना अधिकार के तहत अभ्यर्थियों को जवाब भेज चुके हैं कि पांच मार्च 2015 तक आवेदन करने वाले अर्ह माने जाएंगे।
उनका दावा था कि ऐसी दशा में डायट से प्रशिक्षण पाने वाले अभ्यर्थी काउंसिलिंग के लिए सुरक्षित हैं। अभ्यर्थी बताते हैं कि दिसंबर में शासनादेश जारी होने के बाद पहले चरण में काउंसिलिंग शुरू हुई। उसी दौरान 2012 बीटीसी डायट का परिणाम आ गया। परिषद ने आवेदन की तारीख इसीलिए बढ़ा दी थी कि अभ्यर्थी आसानी से आवेदन कर सकें। दूसरी ओर इस संबंध में परिषद मौन है, क्योंकि हाईकोर्ट ने 2012 निजी कालेज प्रकरण में जवाब मांगा है। अफसरों को जो भी कहना होगा जवाब में ही कहेंगे।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में 15 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया के तहत अब काउंसिलिंग शुरू होनी है। उसी के ठीक पहले निजी कालेज के अभ्यर्थियों ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर नई बहस को जन्म दे दिया है कि आखिर 2012 बीटीसी बैच का क्या होगा।
भर्ती को लेकर लामबंद हो रहे बीटीसी 2012 वाले, काउंसिलिंग को लेकर अपने पक्ष में गिनाये तमाम तर्क व जनसूचना अधिकार से मिली जानकारियां
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
9:51 AM
Rating:
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
9:51 AM
Rating:





No comments:
Post a Comment