सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कॉपी मिलते ही होगा औपचारिक एलान, सहायक शिक्षक बने शिक्षामित्रों को पूरा वेतन
लखनऊ। सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित शिक्षामित्रों को राज्य सरकार ने पूरा वेतन देने का फैसला किया है। बेसिक शिक्षा विभाग ने अफसरों को वेतन भुगतान के लिए जरूरी तैयारियां पूरी कर लेने का निर्देश दिया है। हालांकि इसकी औपचारिक घोषणा सुप्रीम कोर्ट के फैसले की प्रति मिलने के बाद की जाएगी। गौरतलब है कि शिक्षामित्रों के समायोजन को अवैध करार देने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को रोक लगा दी थी।
राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मद्देनजर मंगलवार को महाधिवक्ता और कानून के अन्य जानकारों से राय ली। सूत्रों के अनुसार सभी ने कहा कि स्टे मिल जाने से 12 सितंबर के पहले की स्थिति बहाल करने में कोई दिक्कत नहीं है। यानी, उन्हें सहायक शिक्षक का पूरा वेतन दिया जाएगा। इसे देखते हुए उच्च स्तर पर निर्णय लिया गया है कि सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर जजमेंट जैसे ही अपलोड होगा, उस पर शिक्षा विभाग को लिखित में कानूनी राय दे दी जाएगी। एक अधिकारी ने नाम न छापने के अनुरोध पर बताया कि चूंकि, यह कानूनी राय मौखिक रूप से दी गई राय से अलग नहीं होगी, इसलिए शिक्षा विभाग को भुगतान के बाबत जरूरी तैयारियां कर लेने को कहा गया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 24 फरवरी को होगी। उस दिन सिर्फ सभी पक्षों को सुने जाने की संभावना है।
कुछ को तीन तो कुछ को 8 माह से नहीं मिला वेतन
12 सितंबर को जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समायोजन को अवैध करार दिया था तब तक 1.72 लाख शिक्षामित्रों में से 1.38 लाख शिक्षामित्रों के समायोजन की कार्यवाही पूरी हो चुकी थी। कोर्ट के आदेश के बाद शासन ने शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक का वेतन देने पर रोक लगा दी थी। पहले चरण में 58 हजार शिक्षामित्र समायोजित किए गए थे। इन्हें एक सितंबर से वेतन नहीं मिला है। वहीं, बाद में समायोजित हुए 80 हजार शिक्षामित्रों को अप्रैल से कोई भुगतान नहीं किया गया है।
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