सरकार के अनिर्णय से फंसी शिक्षक भर्ती, युवाओं में निराशाः बीटीसी-2011 के प्रशिक्षुओं ने कहा, विज्ञापन के बाद नियमों में बदलाव गलत
इलाहाबाद। प्रदेश सरकार की ओर से दिसंबर 2014 में बीटीसी-2011 के अभ्यर्थियों के लिए 15 हजार प्राथमिक शिक्षकों के पद घोषित किए थे। 15 हजार शिक्षकों के लिए आवेदन प्रक्रिया के दौरान ही बीटीसी-2012 का रिजल्ट आ जाने के कारण बड़ी संख्या में बीटीसी-2012 पास अभ्यर्थियों ने भी आवेदन कर दिया। इसी बीच डीएड एवं बीटीसी-2012 वाले अभ्यर्थियों ने भी भर्ती में शामिल करने के लिए कोर्ट में याचिका कर दी। याचिकाओं के दाखिल होने और विवाद से बचने के लिए सरकार के अनिर्णय के कारण पूरी भर्ती प्रक्रिया फंस गई है। अभ्यर्थियों में 15 हजार शिक्षक भर्ती की मूल विज्ञप्ति में संशोधन को नियमों के खिलाफ बताया है।
बेसिक शिक्षा परिषद के आदेश पर बीटीसी-2011 वालों को भर्ती में शामिल कर काउंसलिंग कराए जाने के बाद 15 हजार पदों के सापेक्ष 13741 अभ्यर्थियों का चयन पूरा करने के बाद अब सरकार बीटीसी 2012 के अभ्यर्थियाें को मौका देकर चयनित अभ्यर्थियों के साथ अन्याय कर रही है। बेसिक शिक्षा परिषद एवं सरकार की ओर से अभी तक बीटीसी पास करने वाले अभ्यर्थियों को सत्रवार भर्ती की जाती रही है। पहली बार बीटीसी का सत्र अनियमित होने के कारण बीटीसी-2011 का रिजल्ट देर से घोषित होने और बीटीसी-2012 का रिजल्ट भी आ जाने के कारण उन अभ्यर्थियों ने 15 हजार प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन कर दिया। सरकार पर दबाव बढ़ने के बाद सभी प्रशिक्षुओं को आवेदन की अनुमति देने के बाद बीटीसी-2011 में कम मेरिट वाले अभ्यर्थियों का चयन होना कठिन हो गया है। बीटीसी-2011 में पास करने वाले अभ्यर्थियों ने शिक्षक भर्ती की मूल विज्ञप्ति में संशोधन को नियमों के खिलाफ बताया है। इनका कहना है कि निजी बीटीसी कॉलेजों के खुलने के बाद पहले से ही परेशान अभ्यर्थियों की सरकार के नए निर्णय ने परेशानी बढ़ा दी है।
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