नामांकन बढ़ाने के लिए नुस्खे भी बेअसर : परिषद के 6898 स्कूलों में 25 या उससे कम बच्चे, 22959 विद्यालयों में 26 से लेकर 50 बच्चे, समाजवादी पेंशन योजना के नामांकन मॉड्यूल में सामने आई हकीकत
लखनऊ : जिस बेसिक शिक्षा विभाग के लिए राज्य सरकार ने इस साल के बजट में 35606 करोड़ रुपये और अगले वित्तीय वर्ष में 42205 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं, उसके अधीन संचालित बेसिक शिक्षा परिषद के 6898 स्कूलों में 25 या उससे कम बच्चे पढ़ते हैं। वहीं 22959 परिषदीय स्कूल ऐसे पाये गए हैं, जिनमें 26 से लेकर 50 बच्चे नामांकित हैं।
समाजवादी पेंशन योजना के तहत परिषदीय स्कूलों में बच्चों के नामांकन का पता लगाने के लिए विकसित किये जा रहे नामांकन माड्यूल के मास्टर डाटा के विश्लेषण में यह कड़वी सच्चाई सामने आई है। यह स्थिति तब है जब कुल 159625 परिषदीय स्कूलों में से 139411 विद्यालयों में छात्रों के नामांकन के आकड़े ही नामांकन मॉड्यूल पर अपलोड किये गए हैं। 27166 स्कूल ऐसे हैं जिनमें नामांकित छात्रों की संख्या 51 से 75 है जबकि 75 से लेकर 100 छात्र संख्या वाले विद्यालयों की संख्या 21513 है। वहीं 139411 विद्यालयों में से सिर्फ 60875 स्कूलों में 100 से ज्यादा बच्चे नामांकित हैं।
अभी 20000 परिषदीय स्कूलों का डाटा नामांकन माड्यूल पर और अपलोड होना है यानी जिन स्कूलों का डाटा अपलोड हो चुका है, उनमें से तकरीबन पांच फीसद स्कूलों में 25 या उससे कम और 16.46 प्रतिशत स्कूलों में 26 से लेकर 50 बच्चे नामांकित हैं।
इस हिसाब से प्रदेश के 21 फीसद परिषदीय स्कूलों में 50 से कम बच्चे पढ़ने के लिए आ रहे हैं। सभी स्कूलों का डाटा अपलोड होने पर 25 या उससे कम बच्चों वाले स्कूलों की संख्या तकरीबन 8000 पहुंचने के आसार हैं।
नामांकन बढ़ाने के नुस्खे भी बेअसर
यह स्थिति तब है जब परिषदीय स्कूलों में छात्रों का नामांकन बढ़ाने के मकसद से इनमें पढ़ने वाले बच्चों को सरकार की ओर से मुफ्त पाठ्यपुस्तकें, यूनीफॉर्म और मिड-डे मील के रूप में भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। पिछले साल से बच्चों को हफ्ते में एक दिन दूध देने की मुहिम भी शुरू की गई है।
सरकार ने परिषदीय स्कूलों में बच्चों को मुफ्त में स्कूल बैग देने का एलान किया है। अगले शैक्षिक सत्र से सरकार ने बच्चों को मिड-डे मील के साथ फल और पौष्टिक आहार देने की घोषणा भी की है। आकड़े गवाही दे रहे हैं कि स्कूलों में छात्रों का नामांकन बढ़ाने के यह नुस्खे भी कारगर नहीं साबित हो रहे हैं।यह स्थिति तब है जब परिषदीय स्कूलों में 5.32 लाख शिक्षकों/ शिक्षामित्रों की भारी-भरकम फौज है। लगभग साढ़े अठारह हजार शिक्षक और भर्ती किये जा रहे हैं जिनमें से लगभग साढ़े तीन हजार उर्दू शिक्षक होंगे। परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों के वेतन के लिए चालू वित्तीय वर्ष के बजट में 21784 करोड़ रुपये और 2016-17 के लिए 23137 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई है।
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