राष्ट्रगान या राष्ट्रध्वज गलत छपा तो नष्ट की जाएंगी किताबें, स्कूलों में मुफ्त बंटने वाली किताबों के लिए सरकार ने किया प्रावधान, किताबों की सप्लाई से पहले रिलीज कमेटी करेगी जांच
लखनऊ : प्राइमरी स्कलों के बच्चों को मुफ्त मिलने वाली किताबों में राष्ट्रध्वज, राष्ट्रगान या राष्ट्रीय प्रतीक गलत छपा तो वे किताबें नष्ट की जाएंगी। ऐसी किताबें बच्चों तक नहीं पहुंचने दी जाएंगी। स्कूल में भेजने से पहले एक कमिटी किताबों की गहन-जांच पड़ताल करेगी। यह कमिटी कागज और छपाई संबंधी कई मानकों की भी जांच करेगी। नई पाठ्य-पुस्तक नीति में यह प्रावधान सरकार ने किया है।
किताबों की जांच के लिए एक रिलीज कमिटी होगी। यह किताबों में उपयोग होने वाले कागज की भी जांच करेगी। हर पेज पर वाटर मार्क न होने पर भी किताबों को नष्ट किया जाएगा। कागज के अन्य तय मानक पूरा न करने पर भी उन्हें रद कर नष्ट किया जाएगा। रिलीज कमिटी को छपाई के दौरान तीन दिन में एक बार हर प्रिंटिंग प्रेस का निरीक्षण करना होगा। रिलीज कमिटी के बाद जिला स्तर पर भी किताबों के वितरण से पहले जिला स्तरीय कमिटी जांच करेगी। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि पिछले साल तक कवर पेज सिक्युरिटी प्रिंटर्स से छपवाकर खुद सरकार देती थी। बाकी किताब निजी प्रकाशक छापते थे। अब कवर पेज भी निजी प्रकाशक छापेंगे। यही वजह है कि ज्यादा सतर्कता बरती जा रही है। ताकि प्रकाशक मुनाफे के फेर में गलत किताबें न छाप दें।
किताबों की जांच पड़ताल तो पहले भी की जाती थी। उसके बाद ही किताबें स्कूलों को भेजी जाती थीं। लेकिन गलत छपाई पर उन्हें नष्ट करने वाली बात पहले नहीं थी। उन किताबों की सप्लाई रोक दी जाती थी। इसमें कई बार होता यह था कि प्रकाशक चोरी छिपे इन किताबों को भी कई बार सप्लाई करवा देते थे। इससे शिक्षा विभाग और सरकार की काफी फजीहत होती थी। यही वजह है कि पहली बार जांच के बाद गलत छपाई पर उन किताबों को नष्ट किए जाने का प्रावधान किया गया है। इसमें लिखा है कि अपठनीय विषयवस्तु और नक्शे, त्रुटिपूर्ण राष्ट्र ध्वज, राष्ट्रगान और राष्ट्रीय प्रतीकों की छपाई वाली किताबों को नष्ट किया जाएगा।
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