शिक्षकों की गुणवत्ता में गिरावट को लेकर केंद्र सरकार सचेत, कमेटी की रिपोर्ट पर हर राज्य में दो बीएड विवि खोलने की तैयारी
शिक्षकों की गुणवत्ता में गिरावट को लेकर केंद्र सरकार सचेत हो गई है और इससे निपटने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्रलय में मंथन शुरू हो गया है। इसी कड़ी में सिद्दीकी कमेटी की सिफारिश पर हर राज्य में दो बीएड विश्वविद्यालय खोलने की तैयारी चल रही है।
केंद्र सरकार ने टीचर एजुकेशन सेक्टर की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए अक्टूबर 2015 में नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) कमेटी का गठन किया गया था। एनसीटीई के पूर्व चेयरमैन प्रो. एमए सिद्दीकी की अगुवाई में गठित पांच सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्रलय को हाल ही में सौंपी है। समिति ने रिपोर्ट में टीचर एजुकेशन की वर्तमान दशा-दिशा पर गंभीर चिंता जताई है और सरकार को सिफारिश की है कि वह देश के हर राज्य में कम से कम दो बीएड विवि की स्थापना करे।
इनमें से एक एफ्लीएटिंग यानी संबद्धता प्रदान करने वाला विवि हो और एक यूनीटेरी यानी स्वायत्त विवि हो। कमेटी का कहना है कि एफ्लीएटिंग यूनिवर्सिटी ही हर राज्य में संचालित बीएड कॉलेजों के लिए नियम बनाए, उसकी जांच करे और तमाम मानकों का कड़ाई से पालन करवाए। जबकि स्वायत्त (यूनीटेरी) विवि जवाहर लाल नेहरू विवि (जेएनयू) की तर्ज पर कैंपस बेस्ड एजुकेशन प्रोग्राम संचालित करे। कमेटी ने कहा है कि इन दोनों विवि की कार्यप्रणाली ऐसी हो जिससे देश में एकेडमिक नेतृत्व पैदा हो सके। कमेटी की रिपोर्ट पर केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्रलय में मंथन शुरू हो गया और इसे मूर्त रूप देने के लिए तमाम विकल्प तलाशे जा रहे हैं।
उड़ीसा मॉडल को बताया आदर्श : सिद्दीकी कमेटी ने शिक्षकों की गुणवत्ता को सुधारने के लिए उड़ीसा के मॉडल को आदर्श बताया है। कमेटी ने कहा है कि उड़ीसा ने प्राइवेट बीएड कॉलेजों पर पूरी तरह रोक लगा दी है और वहां कोई भी सेल्फ फाइनेंस बीएड कॉलेज नहीं है।
हर जिले में हो एक सरकारी बीएड कॉलेज : सिद्दीकी कमेटी ने रिपोर्ट में केंद्र सरकार को एक और महत्वपूर्ण सुझाव दिया है। कमेटी ने कहा है कि सरकार को देश के प्रत्येक जिले में कम से कम एक सरकारी बीएड कॉलेज की स्थापना करनी चाहिए। इसमें उन जिलों को प्राथमिकता मिले जहां अभी तक कोई सरकारी बीएड कॉलेज नहीं है।
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