नए कलेवर में होंगी प्राथमिक की किताबें, स्थानीय परिवेश को जगह देने के साथ बच्चों की अभिरुचि को भी शामिल किया जाएगा
इलाहाबाद। प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों के बच्चे अप्रैल 2017 से शुरू होने वाले नए शैक्षिक सत्र में बदली किताबों से पढ़ाई करेंगे। नई किताबों में स्थानीय परिवेश को जगह देने के साथ बच्चों की अभिरुचि को शामिल किया जाएगा। राज्य शिक्षा संस्थान उत्तर प्रदेश की ओर से नई किताबों के विकास को लेकर तैयारी चल रही है। संस्थान प्राथमिक विद्यालयों की कक्षा एक, दो एवं तीन की पाठ्यपुस्तकों का रिव्यू करने के बाद नई किताबें तैयार करेगा।
राज्य शिक्षा संस्थान उत्तर प्रदेश के प्राचार्य दिव्यकांत शुक्ल ने बताया कि एनसीईआरटी केनिदेशक डॉ. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह के निर्देशन में किताबों को नया कलेवर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि लंबे अंतराल के बाद किताबों का रिव्यू किया जा रहा है। किताबों के रिव्यू के दौरान स्थानीय परिवेश को जगह दी जाएगी। इसके लिए एनसीईआरटी केविशेषज्ञों की सलाह ली जाएगी। प्राचार्य ने बताया कि नई किताबों में दूसरे राज्यों एवं प्रकाशकों की अच्छी किताबों को संदर्भ के रूप में रखा जाएगा।
राज्य शिक्षा संस्थान उत्तर प्रदेश के प्राचार्य ने बताया कि नई किताबों को पढ़ाने केलिए शिक्षकों को विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए संस्थान ‘शिक्षक संदर्शिका’ तैयार कर रहा है। इस संदर्शिका में शिक्षकों की शिक्षण संबंधी आवश्यकताओं एवं कठिनाइयों को ध्यान में रखकर व्यवहारिक विषय वस्तु का समावेश किया जाएगा। शिक्षकों को टेक्नोफेंडली बनाया जाएगा। इसके लिए तकनीकी ज्ञान एवं संसाधनों के प्रयोग को वरीयता मिलेगी। संस्थान की ओर से 17 अक्तूबर से नई किताबों के विकास केलिए कार्यशाला शुरू होगी।
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